वायुसेना बलात्कार: एयरफोर्स प्रमुख ने पीड़िता का ‘टू-फिंगर टेस्ट’ होने के आरोप से इनकार किया

कोयंबटूर में वायुसेना अकादमी में ट्रेनिंग ले रही एक अधिकारी के बलात्कार के आरोप में एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट को गिरफ़्तार किया गया था. महिला ने वायुसेना अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया और उनका ‘टू फिंगर टेस्ट’ किया गया, जो प्रतिबंधित है.

/
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (फोटो साभारः ट्विटर)

कोयंबटूर में वायुसेना अकादमी में ट्रेनिंग ले रही एक अधिकारी के बलात्कार के आरोप में एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट को गिरफ़्तार किया गया था. महिला ने वायुसेना अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया और उनका ‘टू फिंगर टेस्ट’ किया गया, जो प्रतिबंधित है.

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी. (फोटो साभारः ट्विटर)

नई दिल्लीः वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि कोयंबटूर में भारतीय वायुसेना की अकादमी में एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का ‘टू फिंगर टेस्ट’ नहीं किया गया था.

उन्होंने यह भी कहा कि दोषी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

नवनियुक्त वायुसेना प्रमुख ने आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस के पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ऐसी घटनाओं को लेकर भारतीय वायुसेना के नियम बहुत सख्त हैं और मामले की उच्चस्तरीय जांच की रिपोर्ट के आधार पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.’

वायुसेना प्रमुख चौधरी ने कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ऐसी किसी भी घटना को लेकर वायुसेना का कानून बेहद सख्त है. आपने जिस ‘टू-फिंगर टेस्ट’ का उल्लेख किया है, वह गलत रिपोर्ट है. मैं पुष्टि कर सकता हूं कि यह परीक्षण नहीं किया गया था और हम नियमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं.’

वायुसेना प्रमुख से पीड़िता के आरोप के संबंध में सवाल पूछा गया था. दरअसल पीड़िता ने कहा था कि वायुसेना के चिकित्सा केंद्र में इस तरह की जांच की गई थी.

द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित महिला का कहना है कि आईएएफ प्रशासन द्वारा उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जिसके बाद उसे पुलिस के पास जाना पड़ा.

महिला की शिकायत पर आरोपी फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमितेश हरमुख को पुलिस ने 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और उस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. हालांकि कोर्ट मार्शल के लिए मामले को आईएएफ को सौंपा गया.

वहीं, आईएएफ ने अधिकार क्षेत्र का हवाला देकर आरोपी अधिकारी के मामले के स्थानांतरण की मांग भी की है.

मालूम हो कि बीते गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग ने बयान जारी कर इस मामले को भारतीय वायुसेना के समक्ष उठाते हुए कहा था कि यह अत्यंत निराशाजनक है.

बता दें कि तमिलनाडु पुलिस ने वायुसेना अकादमी में 10 सितंबर को 28 वर्षीय महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमितेश हरमुख को गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस ने बताया कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में रेडफील्डस स्थित वायुसेना प्रशासनिक कॉलेज में प्रशिक्षण ले रहे छत्तीसगढ़ निवासी अमितेश पर एक महिला सहकर्मी ने रेप का आरोप लगाया था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, वायुसेना के अधिकारियों द्वारा अमितेश पर कार्रवाई करने में कथित तौर पर विफल रहने के बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी.

शिकायतकर्ता महिला का आरोप है कि सितंबर महीने की शुरुआत में वे जख्मी होने के बाद जब दवा खाकर सो रही थीं, तो अमितेश ने उनसे बलात्कार किया. वायुसेना के अधिकारियों द्वारा उनकी शिकायत पर कार्रवाई न करने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की.

महिला अधिकारी ने वायुसेना अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि उसका ‘टू फिंगर टेस्ट’ किया गया तथा आरोपी फ्लाइट लेफ्टिनेंट के खिलाफ शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया.

कोयंबटूर की एक अदालत ने पिछले सप्ताह पुलिस को यह मामला वायुसेना को सौंपने का निर्देश दिया था. महिला अधिकारी ने अपने वरिष्ठों पर दबाव और डराने-धमकाने का आरोप लगाते हुए पुलिस जांच की मांग की थी.

अदालत के आदेश के बाद आरोपी अधिकारी को पुलिस ने ‘कोर्ट मार्शल’ के लिए भारतीय वायुसेना को सौंप दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)