फिलीपींस की पत्रकार मारिया रसा और रूसी पत्रकार दिमित्री मुरातोव को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए किए गए उनके प्रयासों के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. विजेताओं का चुनाव करने वाली समिति ने कहा कि दोनों ही पत्रकारों ने फिलीपींस और रूस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए साहसी लड़ाई लड़ी है.
ओस्लो: फिलीपींस की पत्रकार मारिया रसा और रूसी पत्रकार दमित्री मुरातोव को शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
नॉर्वे की नोबेल समिति ने पुरस्कार देने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष का हवाला दिया.
समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडर्सन ने कहा, ‘स्वतंत्र और तथ्य आधारित पत्रकारिता सत्ता के दुरुपयोग, झूठ और युद्ध के दुष्प्रचार से बचाने का काम करती है.’
उन्होंने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के बिना राष्ट्रों के बीच भाईचारे को सफलतापूर्वक बढ़ावा देना, निरस्त्रीकरण और सफल होने के लिए एक बेहतर विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देना मुश्किल होगा.’
BREAKING NEWS:
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2021 Nobel Peace Prize to Maria Ressa and Dmitry Muratov for their efforts to safeguard freedom of expression, which is a precondition for democracy and lasting peace.#NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/KHeGG9YOTT— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 8, 2021
नोबेल समिति ने कहा कि 2012 में रेसा द्वारा सह-संस्थापित समाचार वेबसाइट ‘रैपलर’ के जरिये राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते शासन के विवादास्पद जानलेवा नशीली दवाओं के विरूद्ध अभियान पर आलोचनात्मक दृष्टि से ध्यान केंद्रित किया गया.
समिति ने कहा कि रसा और उनकी वेबसाइट रैपर ने यह भी साबित किया है कि कैसे फर्जी समाचारों के प्रसार, विरोधियों को परेशान करने और सार्वजनिक संवादों में हेरफेर करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है.
रसा ने नोबेल शांति पुरस्कार के ऐलान की खबरों पर नॉर्वे टीवी2 चैनल से कहा कि फिलीपींस की सरकार निश्चित तौर पर खुश नहीं होगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं थोड़ी हैरान हूं. यह वास्तव में भावुक करने वाला है, लेकिन मैं अपनी टीम की ओर से खुश हूं और हम जो कुछ कर रहे हैं उसे मान्यता देने के लिए नोबेल समिति को धन्यवाद देना चाहती हूं.’
रसा की रिपोर्टिंग ने उन्हें अपने देश की न्यायपालिका और ऑनलाइन हेट अभियानों के निशाने पर ला खड़ा किया. वह लगातार लैंगिक भेदभाव, महिला उत्पीड़न के खिलाफ अभियान में मुस्तैद रहीं.
रसा को गिलर्मो कैनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार 2021 से भी सम्मानित किया जा चुका है और टाइम्स मैगजीन ने 2018 में उन्हें पर्सन ऑफ द ईयर भी चुना था.
वहीं, रूसी पत्रकार दमित्री मुरातोव 1993 में स्वतंत्र रूसी समाचार पत्र नोवाया गजेटा के संस्थापकों में से एक हैं.
मुरातोव ने 1995 और 2017 के बीच इस अखाबर का संपादन भी किया था.
नोबेल समिति ने कहा, ‘सत्ता के प्रति मौलिक रूप से आलोचनात्मक रवैये के साथ नोवाया गजेटा आज रूस में सबसे स्वतंत्र समाचार पत्र है.’
समिति ने कहा, ‘समाचार पत्र की तथ्य आधारित पत्रकारिता और पेशेवर सत्यनिष्ठा ने इसे रूसी समाज के निंदात्मक पहलुओं पर जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना दिया है, जिसका उल्लेख शायद ही कभी अन्य मीडिया द्वारा किया जाता है.’
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने मुरातोव को पुरस्कार जीतने पर बधाई दी और प्रतिभाशाली तथा बहादुर व्यक्ति के रूप में उनकी सराहना की.
रीस-एंडर्सन ने बताया कि शांति पुरस्कार अतीत में भी पत्रकारों को दिया गया है, जिसमें इटली के अर्नेस्टो तेओडोरो मोनेटा भी शामिल हैं, जिन्हें 1907 में प्रेस और शांति बैठकों में उनके काम के लिए यह पुरस्कार दिया गया था.
बता दें कि 1935 में पहली बार जर्मनी के पत्रकार कार्ल वन ओसिटेस्की को शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें युद्ध के बाद अपने देश के गुप्त हथियारों का पर्दाफाश करने के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के साथ एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (11.4 लाख डॉलर से अधिक) प्रदान किए जाते हैं.
पुरस्कार राशि, पुरस्कार के संस्थापक, स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से आती है, जिनकी मृत्यु 1895 में हुई थी.
यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है.
सोमवार को नोबेल समिति ने अमेरिकियों- डेविड जूलियस और आर्डम पातापूशियन को उनकी खोजों के लिए कि मानव शरीर तापमान और स्पर्श को कैसे समझता है, शरीर विज्ञान या चिकित्सा में पुरस्कार से सम्मानित किया.
भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मंगलवार को तीन वैज्ञानिकों को प्रदान किया गया, जिनके काम ने प्रकृति की जटिल शक्तियों को समझाने और भविष्यवाणी करने में मदद की, जिसमें जलवायु परिवर्तन की हमारी समझ का विस्तार करना शामिल है.
बेंजामिन लिस्ट और डेविड डब्ल्यू.सी. मैकमिलन को बुधवार को रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार के विजेताओं के रूप में नामित किया गया था, जिन्होंने अणुओं के निर्माण के लिए एक आसान और पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छ तरीका खोजने की दिशा में काम किया, जिसका उपयोग दवाओं और कीटनाशकों सहित यौगिकों को बनाने के लिए किया जा सकता है.
साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार बृहस्पतिवार को ब्रिटेन के तंजानिया के लेखक अब्दुलरजाक गुरनाह को दिया गया, जिन्हें ‘उपनिवेशवाद के प्रभावों और शरणार्थियों की स्थिति’ के लिए पहचाना गया था.
आने वाले सोमवार को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार की घोषणा किए जाने की संभावना है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)