सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि महिलाएं जिस स्कूल में हैं उन स्कूलों की प्रिंसिपल सिरदर्द की दवा लेती हैं. स्कूल में कभी देर से, तो कभी जल्दी आने पर झगड़े होते हैं. अगर आप (महिलाएं) इन छोटी-मोटी चीज़ों को ठीक कर लेती हैं तो ख़ुद को पुरुषों से इक्कीस मानिए.
नई दिल्लीः राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि जिन स्कूलों में महिला शिक्षक और कर्मचारी अधिक होते हैं, वहां झगड़े अधिक होते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षा मंत्री ने सोमवार को जयपुर में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘मेरे विभाग के प्रमुख के तौर पर मुझे यह बताना होगा कि जिन स्कूलों में महिला कर्मचारी अधिक होती हैं, वहां विभिन्न कारणों से झगड़े भी अधिक होते हैं.’
#WATCH | Govt introduced policy for women. They're given priority.But female staff have conflicts among themselves. Where there's female staff, either Principal or teachers take 'Saridon'. If they overcome this, they'll be ahead of men: Rajasthan Education Min GS Dotasara (11.10) pic.twitter.com/CqQnkk1Nvz
— ANI (@ANI) October 13, 2021
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने पॉलिसी ऐसी बना दी कि महिलाओं को चयन, प्रमोशन, काउंसलिंग में प्राथमिकता दी है लेकिन कई सुविधाभोगी और नेता लोगों को यह अच्छा नहीं लगता. वह इसे अन्याय बताते हैं. वह बोलते हैं कि हम अच्छा नहीं पढ़ाते हैं क्या? लेकिन एक बात विभाग का मुखिया होने के नाते मैं जरूर कहना चाहता हूं कि आपमें (महिलाओं में) आपस में झगड़े भी बहुत होते हैं, जिस स्कूल में महिलाओं का स्टाफ है, वहां के तो वारे न्यारे हो जाते हैं. महिलाएं जिस स्कूल में हैं उन स्कूलों की प्रिंसिपल सेरिडॉन की दवाई लेती हैं. स्कूल में कभी देरी से तो कभी जल्दी आने पर झगड़े होते हैं. कभी सीसीएल का झगड़ा होता है. अगर आप (महिलाएं) इन छोटी-मोटी चीजों को ठीक कर लेती हैं तो खुद को पुरुषों से इक्कीस मानिए.’
इंडिया टुडे ने इसका एक फेसबुक लाइव वीडियो फीड अपलोड किया है, जिसमें मंत्री को यह टिप्पणी करते देखा जा सकता है जबकि मंच पर मौजूद अन्य लोग उनके इस बयान पर हंसते दिखाई दे रहे हैं.
इस साल की शुरुआत में डोटासरा पर उनकी बहू की बहन और भाई के राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) में चुनाव को लेकर आरोप लगा था. उन्होंने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई थीं.
हाल ही में कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा था कि आधुनिक भारतीय महिलाएं शादी नहीं करना चाहती या शादी के बाद बच्चे पैदा नहीं करना चाहती और सरोगेसी के जरिये बच्चे चाहती हैं.
हालांकि, बाद में सुधाकर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि उनकी मंशा सिंगल महिलाओं पर उंगली उठाने की नहीं थी. महिलाओं के शादी न करने और शादी के बाद बच्चे पैदा करने का उनका बयान एक सर्वे पर आधारित है.