फैब इंडिया के नए कलेक्शन के नाम पर हुए विवाद के बाद कंपनी ने विज्ञापन वापस लिया

कपड़ों के लोकप्रिय ब्रांड फैब इंडिया ने नौ अक्टूबर को ट्विटर पर जश्न-ए-रिवाज़ नाम से नए कलेक्शन की प्रमोशनल पोस्ट की थी, जिसकी आलोचना करते हुए कई भाजपा नेताओं सहित कई यूज़र्स ने कंपनी पर हिंदुओं के त्योहार दिवाली को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. विवाद के बाद ब्रांड ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.

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फैबइंडिया का विज्ञापन. (फोटो साभारः ट्विटर)

कपड़ों के लोकप्रिय ब्रांड फैब इंडिया ने नौ अक्टूबर को ट्विटर पर जश्न-ए-रिवाज़ नाम से नए कलेक्शन की प्रमोशनल पोस्ट की थी, जिसकी आलोचना करते हुए कई भाजपा नेताओं सहित कई यूज़र्स ने कंपनी पर हिंदुओं के त्योहार दिवाली को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. विवाद के बाद ब्रांड ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.

फैब इंडिया का विज्ञापन. (फोटो साभारः ट्विटर)

नई दिल्लीः कपड़ों के लोकप्रिय ब्रांड फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज नाम से नए कलेक्शन की प्रमोशनल पोस्ट विवादों में है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फैब इंडिया ने नौ अक्टूबर को ट्वीट कर कहा था, ‘जैसा कि हम प्यार और रोशनी के त्योहार का स्वागत करते हैं. फैब इंडिया का जश्न-ए-रिवाज एक ऐसा कलेक्शन है, जो भारतीय संस्कृति को खूबसूरती से पेश करता है.’

इस पोस्ट में गहरे लाल रंग के पारंपरिक कपड़े पहने महिलाओं और पुरुषों को दिखाया गया है. सोशल मीडिया पर मचे बवाल के बाद फैब इंडिया पर हिंदुओं के त्योहार दिवाली को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.

इस विवाद के बाद ‘हैशटैग बायकॉट फैब इंडिया’ ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. कई यूजर्स ने ब्रांड के तत्काल बहिष्कार की मांग की.

भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने फैब इंडिया को टैग करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘दिवाली जश्न-ए-रिवाज नहीं है. यह हिंदू त्योहारों के अब्राह्मीकरण के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास है, जिसमें मॉडल को पारंपरिक हिंदू परिधान के बिना दिखाया गया है. फैब इंडिया जैसे ब्रांड को जानबूझकर की गई इस हरकत के लिए आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा.’

कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी फैब इंडिया की आलोचना करते हुए कहा कि अनावश्यक रूप से धर्म को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है और हिंदू त्योहार पर एक धर्मनिरपेक्ष वैश्विक दृष्टि थोपने की कोशिश की जा रही है.

भाजपा से उत्तराखंड के विधायक राजकुमार ने भी ट्वीट कर कहा, ‘दीपावली जश्न-ए-रिवाज नहीं है. ऐसा लगता है कि फैब इंडिया ने हिंदू भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर ऐसा किया है. फैब इंडिया का बहिष्कार करो.’

इसे लेकर हुए विवाद के बाद सोमवार को फैब इंडिया ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया और विज्ञापन भी वापस ले लिया.

इस पूरे मामले पर फैब इंडिया ने कहा, ‘हम फैब इंडिया भारत की असंख्य परंपराओं के साथ इसका जश्न मनाने के लिए हमेशा खड़े हैं. वास्तव में फैब इंडिया-सेलिब्रेट इंडिया हमारी टैगलाइन और वर्कमार्क भी है. जश्न-ए-रिवाज नाम से हमारे उत्पादों की मौजूदा श्रृंखला भारतीय परंपराओं का उत्सव है. यह हमारे दिवाली उत्पादों का संग्रह (कलेक्शन) नहीं है. हमारे दिवाली कलेक्शन का नाम झिलमिल-सी दिवाली है, जो अभी तक लॉन्च नहीं हुआ है.’

बता दें कि फैब इंडिया की शुरुआत जॉन बिसेल ने 1960 में हुई थी. उस समय इसका एक ही स्टोर था. आज इसकी स्थापना के 61 साल बाद यह एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो गया है और देश के कई बड़े शहरों में इसके कई स्टोर हैं. भारतीय पारंपरिक परिधानों में ब्रांड ने अपनी एक अलग जगह बनाई है.

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