आगरा हिरासत मौत: पीड़ित परिवार को मुआवज़े-नौकरी का वादा, ग्यारह पुलिसकर्मी निलंबित

आगरा के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोप में गिरफ़्तार किए गए थाने के सफाईकर्मी की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. मामले को लेकर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है. जिला प्रशासन ने बताया कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का निर्णय लिया गया है.

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. (फोटो: एएनआई)

आगरा के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोप में गिरफ़्तार किए गए थाने के सफाईकर्मी की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. मामले को लेकर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है. जिला प्रशासन ने बताया कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का निर्णय लिया गया है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. (फोटो साभार: एएनआई)

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी व्यक्ति की कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में प्रशासन ने बुधवार को पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने का फैसला किया है.

प्रशासन ने बताया कि मालखाने में हुई चोरी और आरोपी की हिरासत में हुई मौत के मामले में अभी तक 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.

आगरा के जिलाधिकारी पीएन सिंह ने बताया कि प्रशासन की अनुशंसा पर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला लिया गया है.

इस बीच, बुधवार रात आगरा पहुंचे आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पूरे मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की.

उन्होंने कहा, ‘हाथरस कांड, महोबा कांड, गोरखपुर कांड इस बात का प्रतीक हैं कि उत्तर प्रदेश में कैसे पुलिस लोगों की हत्या कर रही है.’

प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर ‘मौत और मुआवजे की रणनीति पर चलने’ का आरोप लगाते हुए सिंह ने पीड़ित परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की.

अरुण के परिवार से मिलने के बाद सिंह ने कहा, ‘अरुण के परिजन ने मुझे बताया कि पुलिस उसे जब पकड़ने आई थी, तब वह स्वस्थ था, उसे हिरासत में प्रताड़ित किया गया.’

उन्होंने कहा कि परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ भी मारपीट की. सिंह ने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह से पुलिस द्वारा की गयी हत्या है.

आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने बुधवार को बताया कि चोरी के पैसे बरामद करने के लिए मंगलवार की रात आरोपी अरुण के आवास की तलाशी ली गई और इस दौरान अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई.

उन्होंने बताया कि आरोपी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया.

पुलिस ने बताया कि अरुण पर शनिवार की रात थाने के मालखाना (थाने में वह कमरा जहां जब्त की गई वस्तुएं रखी जाती हैं) से नकदी चुराने का आरोप है. वह थाने में सफाईकर्मी का काम करता था.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने बताया कि अभी तक कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.

उन्होंने बताया कि छह लोगों – इंस्पेक्टर अनूप कुमार तिवारी, एसआई रामनिवास, आरक्षी सुखवीर सिंह, जितेंद्र सिंह और प्रताप भान सिंह और एक महिला सिपाही साजदा को पहले निलंबित किया गया था तो वहीं इंस्पेक्टर आंनद शाही, एसआई योगेंद्र, सिपाही सत्यम, सिपाही रूपेश, सिपाही महेंद्र को आज निलंबित किया गया.

पुलिस ने बताया, ‘जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को पकड़ा. उनमें से अरुण भी एक था, क्योंकि वह मालखाना में जा सकता था. अरुण को मंगलवार को आगरा के ताजगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया था. उसने पहचान छुपाने के लिए अपना सिर मुंडा लिया था.’

आगरा के एसएसपी ने बताया, ‘पुलिस दल चोरी को लेकर विभिन्न संदिग्धों से पूछताछ कर रहा था. मंगलवार की शाम लोहामंडी क्षेत्र निवासी अरुण को पुलिस हिरासत में लिया गया.’

उन्होंने दावा किया, ‘पूछताछ के दौरान अरुण ने चोरी करना स्वीकार किया और बताया कि चोरी के पैसे उसके घर में रखे हैं.’

उन्होंने बताया कि अरुण की तबियत बिगड़ने और उसकी मौत होने से पहले पुलिस ने उसके घर की तलाशी में 15 लाख रुपये बरामद कर लिए थे.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अरुण के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट के आधार पर समुचित कार्रवाई की जाएगी. अरुण के भाई सोनू की ओर से मिली तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है.

इस बीच जिला कांग्रेस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम हाउस पर एकत्र वाल्मीकि समाज के लोगों ने वहां पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे पार्टी के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिसमें उन्हें चोटें आई हैं.

इस कथित घटना के बाद जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनुज शिवहरे ने भी आरोप लगाया है कि उनकी भी पिटाई की गई है.

वहीं, वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने अरुण की मौत मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की. समुदाय के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस मामले में जब तक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती तब तक वे ‘महर्षि वाल्मीकि जयंती’ नहीं मनाएंगे.

वहीं, यूपी डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि आगरा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए और भविष्य में इन्हें रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं. मामला दर्ज कर लिया गया है, जांच जारी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

इसी बीच, आगरा एसएसपी मुनिराज जी. ने कहा कि एनएचआरसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार डॉक्टरों के पैनल द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक मौत का कारण हार्ट अटैक है. आगे की जांच जारी है.

 मृत कर्मचारी के परिजनों से मिलीं प्रियंका गांधी

सफाई कर्मचारी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत की घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को आगरा पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी.

कांग्रेस नेता प्रियंका ने कई ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और पुलिस पर निशाना साधा.

प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘किसी को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस की हिरासत में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है. भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है. मामले में उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और आरोपी पुलिस वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए.’

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस ने बुधवार को लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर रोका और वहां कार्यकर्ताओं की भीड़ देखते हुए उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया था.

रास्ते में रोके जाने के बाद प्रियंका ने ट्वीट किया था, ‘अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई है. उनका परिवार न्याय मांग रहा है. मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं. उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है? आज भगवान वाल्मीकि की जयंती हैं, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिल्ली में वाल्मीकि जयंती के अवसर पर एआईसीसी मुख्यालय में एक समारोह में भाग लिया और भाजपा सरकार पर परोक्ष रूप से प्रहार किया.

उन्होंने कहा, ‘वाल्मीकि का संदेश प्रेम और भाईचारे का था लेकिन आज वाल्मीकि के संदेश पर भारत में हमला हो रहा है. हमारा संविधान वाल्मीकि की विचारधारा पर आधारित था. वाल्मीकि ने जो कहा था. हमारे लोगों ने उसे संविधान में प्रतिबिंबित किया.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन आज संविधान, वाल्मीकि की विचारधारा और हमारे दलित भाइयों और बहनों पर हमले हो रहे हैं… यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. पूरा देश जानता है कि दलित और कमजोर तबके पर हमले हो रहे हैं. आज मुट्ठी भर लोगों को सभी लाभ मिल रहे हैं और लाखों-लाख गरीब लोगों, किसानों, दलितों पर हमला किया जा रहा है, उन्हें चुप कराया जा रहा है, पीटा जा रहा है और अधीन किया जा रहा है.

वहीं, समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए पीड़ित परिवार के आरोपों की हाईकोर्ट के जज से जांच कराने और दोषियों को मिले सख्त सजा देने की मांग की.

पार्टी ने ट्वीट कर कहा, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में बेबस और कमजोर वर्ग के युवाओं का होता है ‘एनकाउंटर’! पुलिस ने खुद चोरी की और बचने के लिए सफाईकर्मी अरुण की निर्मम हत्या कर दी. पीड़ित परिवार के आरोपों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करा दोषियों को मिले सख्त सजा, 50 लाख रुपये मुआवजा दे सरकार.’

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने भी आगरा में कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई वाल्मिकी समुदाय के व्यक्ति की मौत के मामले पर सरकार को घेरा.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘गोरखपुर में पुलिस द्वारा होटल में एक व्यापारी की हुई दुःखद हत्या के बाद अब आगरा में पुलिस कस्टडी में एक दलित सफाईकर्मी की हुई मौत से वर्तमान भाजपा सरकार पुनः कठघरे में खड़ी है. अतः सरकार अपनी पुलिस व्यवस्था में जरूरी सुधार लाए. बसपा की यह मांग है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)