जम्मू कश्मीर में भाजपा के वरिष्ठ नेता विक्रम रंधावा ने 24 अक्टूबर को भारत-पाकिस्तान के बीच टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट मैच में पाक की जीत पर कथित तौर पर जश्न मना रहे कश्मीरी मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा का आह्वान करते हुए नस्लवादी टिप्पणियां की थीं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
श्रीनगरः जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने हेट स्पीच के लिए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
भाजपा के पूर्व एमएलसी और हाल ही में नियुक्त किए गए पार्टी के राज्य सचिव विक्रम रंधावा ने 24 अक्टूबर को हुए टी20 क्रिकेट मैच में भारत पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रहे कश्मीरी मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करते हुए नस्लवादी टिप्पणियां की थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
इस वीडियो में वह अपने समर्थकों से कश्मीरी मुस्लिमों की पिटाई करने और उनकी खाल उधेड़ देने को कह रहे हैं. इस वीडियो को सबसे पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता नईम अख्तर ने ट्वीट किया था.
No action taken against an ex BJP MLA who calls for genocide of Kashmiris & to skin them alive. But J&K students are charged with sedition for merely cheering the winning team. India is surely the mother of all democracies. @JmuKmrPolice @OfficeOfLGJandK https://t.co/71BoNvixni
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 1, 2021
रंधावा पर अख्तर की पोस्ट को उनकी पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी रिट्वीट करते हुए कहा कि रंधावा के इस तरह खुलेआम हिंसा का आह्वान करने की धमकी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रहे जम्मू कश्मीरी छात्रों पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया.
सूत्रों ने बताया कि पिछले हफ्ते जम्मू में एक जनसभा के दौरान रंधावा ने यह टिप्पणी की थी. पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने और धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए रंधावा के खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए और 505(2) के तहत मामला दर्ज किया.
हालांकि, रंधावा के खिलाफ गैर जमानती धाराएं लगाई गईं लेकिन पुलिस ने उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है. रंधावा को बार-बार किए जा रहे कॉल और मैसेज का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है.
रंधावा के इस वीडियो में उन्हें पाकिस्तान की जीत का कथित जश्न मना रहे कश्मीरी मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा करने के लिए अपने समर्थकों को उकसाते देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘जो लोग इन गतिविधियों में शामिल हैं, उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए कि उनकी आने वाली पीढ़ियां भी भारत की सरजमीं पर भारत विरोधी नारे और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने का नतीज याद कर सके. सिर्फ वे ही नहीं बल्कि उनके माता-पिता को भी महसूस होना चाहिए कि उन्होंने किस तरह के बच्चों को जन्म दिया है.’
रंधावा को वीडियो में कहते सुना जा सकता है, ‘मुझे लगता है कि एजेंसियां अच्छा काम कर रही हैं. वे इसे (भारत पर पाकिस्तान की जीत का जश्मन) लापरवाही से नहीं ले रहे. शुरुआत से ही हम मांग कर रहे हैं कि इन की सिर्फ डिग्रियां ही नहीं रद्द कर दी जाए बल्कि नागरिकता भी रद्द कर दी जानी चाहिए. इनकी पिटाई की जानी चाहिए और खाल उधेड़ दी जानी चाहिए.’
टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की लगातार दूसरी जीत का उल्लेख करते हुए रंधावा ने वीडियो में कहा, ‘कहां मर गए थे कल ये कश्मीरी कठमुल्ले. क्यों पाकिस्तान का जश्न नहीं मनाया?. ये मोबाइल पर फोन करके तलाक देते हैं. तो भइया, नमाज भी वॉट्सऐप पर पढ़ लिया करो न, सड़कों पर क्यों टेढ़े हो जाते हो.’
सत्तारूढ़ पार्टी के नेता का यह भड़काऊ बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद कश्मीर में नेताओं और आम लोगों के बीच इसे लेकर हंगामा हुआ और उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की जाने लगी.
So good to see this man making friends with Kashmiri people! He should be made an example out of & the law should deal with him firmly to dissuade others from being as abusive as this man has been. https://t.co/r6W0qnEkwz
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 1, 2021
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रंधावा का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘अच्छा लगा यह देखकर कि यह शख्स कश्मीरी लोगों के साथ दोस्ती कर रहा है! इन्हें तो उदाहरण बनाया जाना चाहिए और कानून के तहत इनसे सख्ती से निपटना चाहिए ताकि अन्य लोगों को इस शख्स की तरह अभद्र बनने से रोका जा सके.’
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के महासचिव इमरान रजा अंसारी ने कहा, ‘कितना शर्मनाक है. ऐसा लगता है कि मुस्लिमों को गालियां देने की होड़ लगी है. क्या यह कभी खत्म होगा.’
वर्ल्ड कप में भारत की टीम पर पाकिस्तान की पहली जीत को लेकर कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों में जश्न मनाया गया था. राजधानी श्रीनगर और कई जगहों पर युवाओं ने सड़कों पर जश्न मनाया और आतिशबाजी की.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के दो मेडिकल कॉलेजों में पाकिस्तान की जीत को लेकर हुए जश्न के संबंध में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दो मामले दर्ज किए गए.
हालांकि, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की आंतरिक जांच में सोमवार को पता चला कि छात्रों ने भारत की हार का जश्न नहीं मनाया था.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी भारत की हार को लेकर कथित आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए तीन कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार किया है.
भाजपा नेता को कारण बताओ नोटिस
इस बीच रिपोर्टों के मुताबिक, भाजपा की अनुशासन समिति ने कश्मीरी मुस्लिमों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में रंधावा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
इस नोटिस में कहा गया, ‘सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें आप (रंधावा) एक निश्चित समुदाय के खिलाफ बिल्कुल लापरवाह और नफरत फैलाने वाले बयान देते नजर आ रहे हैं. यह पार्टी को स्वीकार्य नहीं है और इससे पार्टी की बदनामी हुई है और उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ी है.’
रंधावा को अगले 48 घंटों के भीतर अपने बयान को लेकर जम्मू एवं कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंद्र रैना को स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
रैना अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी हैं, जिन्होंने जल्द माफीनामा नहीं मिलने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. नोटिस के मुताबिक, रैना ने रंधावा के बयान को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसका भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है.
यह कोई पहली बार नहीं है जब रंधावा विवादों में घिरे हैं. इस साल मई महीने में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जिला खनिज अधिकारी अंकुर सचदेवा, जम्मू डिविजनल कमिश्नर राघव लंगर और जम्मू के एसएसपी चंदन कोहली पर तवी नदी तट पर अवैध खनन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था.
मंत्री ने रंधावा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी थी, जिसके बाद रंधावा ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)