बीते तीन अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान भाजपा के दो कार्यकर्ताओं, एक स्थानीय पत्रकार और एक चालक की मौत के मामले में दर्ज दूसरी एफ़आईआर के सिलसिले में इन दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इस हिंसा में कथित भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी से कुचल दिए जाने से चार किसानों की भी मौत हो गई थी.
लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को भाजपा के दो कार्यकर्ताओं, एक स्थानीय पत्रकार और एक चालक समेत बीते तीन अक्टूबर को चार लोगों की मौत के मामले में दर्ज दूसरी प्राथमिकी (नंबर 220) के सिलसिले में और दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक, लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी संख्या 220 के संबंध में बिछैला फार्म निवासी रंजीत सिंह और नौरंगाबाद फार्म निवासी अवतार सिंह उर्फ निक्कू (दोनों सिंगही थाना क्षेत्र के अंतर्गत) को गिरफ्तार किया गया है.
तिकोनिया कोतवाली में सुमित जायसवाल नामक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई इस प्राथमिकी के संबंध में अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इससे पहले विचित्र सिंह और गुरविंदर सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
वरिष्ठ लोक अभियोजक (एसपीओ) एसपी यादव ने कहा कि दोनों आरोपियों रंजीत सिंह और अवतार सिंह को सक्षम अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
तिकोनिया में चार किसानों की मौत के मामले में दर्ज एक अन्य प्राथमिकी के सिलसिले में अब तक गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें आशीष के अलावा भाजपा सभासद सुमित जायसवाल के साथ-साथ अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, शिशुपाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट, आशीष पांडे, लवकुश राणा, मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा तथा धर्मेंद्र नामक आरोपी शामिल हैं.
तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे. एक मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था.
लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में बीते तीन अक्टूबर को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
चार किसानों की मौत कथित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं को लेकर जा रहे वाहनों से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के उस बयान के बाद और बढ़ गई थी, जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधार देने की चेतावनी’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी.
गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों की पहचान- गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह (दोनों की उम्र का उल्लेख नहींं) के रूप में की गई है.
बीते तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ता- शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर निषाद, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम मिश्रा और एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी.
किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचला. हालांकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने इस बात से से इनकार किया है.
केंद्रीय गृह मंत्री के बेटे की जमानत याचिका पर सुनवाई 15 नवंबर तक टली
इस बीच बीते तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में हत्या के आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की जमानत याचिका पर सुनवाई 15 नवंबर तक के लिए टाल दी गई है.
जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बुधवार को बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा की अदालत ने आशीष तथा दो अन्य आरोपियों लवकुश राणा और आशीष पांडे की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई आगामी 15 नवंबर तक के लिए टाल दी है.
ये तीनों जिले के तिकोनिया इलाके में तीन अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं. इनके अलावा 10 अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी.
त्रिपाठी ने बताया कि आशीष मिश्रा, लवकुश राणा और आशीष पांडे की जमानत याचिकाओं पर बुधवार को अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने अभियोजन पक्ष से इस मामले में मारे गए श्याम सुंदर निषाद के पुलिस हिरासत में होने संबंधी एक तस्वीर पर स्पष्टीकरण मांगने संबंधी एक अर्जी दायर की.
उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष ने उस तस्वीर की प्रामाणिकता पर आपत्ति जाहिर की. अदालत ने इस मामले में अभियोजन पक्ष से स्थिति रिपोर्ट तलब की. अभियोजन पक्ष ने अभी कुछ फॉरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने का हवाला देते हुए अदालत से 15 दिन का समय मांगा था.
त्रिपाठी ने बताया कि जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अदालत को अपने सदस्य सुखसागर लाल के निधन की वजह से कार्य से विरत रहने की सूचना दी, जिसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा ने मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक के लिए टाल दी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)