मध्य प्रदेश: विरोध-प्रदर्शन के दौरान एक साल के बच्चे की मौत, दो पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ केस दर्ज

शिवपुरी जिले के रामनगर गढ़ाई गांव का मामला है. पुलिस के अनुसार, पाइप लाइन डालने को लेकर ग्रामीणों का एक ठेकेदार से विवाद हो गया था. ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मांगे जाने पर मंगलवार को जब पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने पथराव कर दिया, इसमें उप निरीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. लोगों ने बच्चे की मौत के लिए पुलिस के बल प्रयोग को जिम्मेदार ठहराया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

घटना शिवपुरी ज़िले के रामनगर गढ़ाई गांव की है. पुलिस के अनुसार, ग्रामीण एक पुलिया निर्माण के लिए पाइप लाइन डालने का विरोध कर रहे थे. ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मांगे जाने पर जब पुलिस मौक़े पर पहुंची तो ग्रामीणों ने पथराव किया. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें एक प्रदर्शनकारी महिला के गोद में लिए बच्चे की मौत हो गई.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में पुलिया निर्माण के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान एक साल के बच्चे की मौत के बाद दो उप निरीक्षकों के खिलाफ हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

मंगलवार को जिले रामनगर गढ़ाई गांव के लोगों ने बच्चे की मौत के लिए पुलिस के बल प्रयोग को जिम्मेदार ठहराया था. इस घटना में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे.

एक अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि पुलिस द्वारा लाठीचार्ज या बल प्रयोग किया गया था, जिससे बच्चे की मौत हुई.

करैरा पुलिस थाने के प्रभारी अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि बच्चे के पिता अशोक जाटव की शिकायत के आधार पर मंगलवार रात को उप निरीक्षक अजय मिश्रा और जगदीश रावत के खिलाफ हत्या व अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, पुलिसकर्मियों के साथ एक ग्रामीण मलखान को बच्चे की हत्या का आरोपी मानते हुए केस दर्ज किया गया है.

प्राथमिकी में बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी बच्चे को गोद में लिए हुए थी, तभी पुलिसकर्मियों ने बच्चे के सिर पर मारा, जिससे उसकी मौत हो गई.

शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया कि वह अपने कृषि क्षेत्र में अवैध रूप से एक पुलिया निर्माण के लिए पाइप लाइन डालने का विरोध कर रहा था. तब पुलिस ने उसे पीटा.

रिपोर्ट के अनुसार, पिता अशोक जाटव ने पुलिस को बताया, ‘मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे नायब तहसीलदार नरवर ने हमें बुलाया था, क्योंकि मेरे खेत में अवैध पुलिया निर्माण का काम चल रहा था. मेरे पक्ष रखने के बाद तहसीलदार ने करीब 15 पुलिस वालों को बुलाया, जिन्होंने हमारे परिवार, औरतों के साथ मारपीट की.’

उन्होंने कहा, ‘उप निरीक्षक अजय मिश्रा ने लाठी मेरी पत्नी वंदना को मार दी, मेरी पत्नी की गोद में मेरा बच्चा शिवा जाटव था, उसके सिर में लाठी लगी, जिससे उसकी माैत हाे गई. जगदीश रावत ने भी पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट की. इन सबके साथ मलखान नाई निवासी गढ़ाई भी था, उसने भी मारपीट को अंजाम दिया है. नायब तहसीलदार नरवर रुचि अग्रवाल की मौजूदगी में इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया.’

भदौरिया के अनुसार, पाइप लाइन डालने को लेकर ग्रामीणों का एक ठेकेदार से विवाद हो गया था. ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मांगे जाने पर मंगलवार को जब पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने पथराव कर दिया, इसमें उप निरीक्षक राघवेंद्र यादव सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. यादव को इलाज के लिए ग्वालियर रेफर किया गया.

वहीं, कांग्रेस के स्थानीय विधायक प्रागीलाल जाटव ने कहा कि ग्रामीणों के अनुसार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाईं, जिससे बच्चे की मौत हो गई.

घटना के बाद विधायक और अन्य ग्रामीणों ने बच्चे के शव को सड़क पर रखकर कुछ देर के लिए जाम लगा दिया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. पुलिस कार्रवाई के बाद मंगलवार देर रात ग्रामीणों ने धरना समाप्त कर दिया.

अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी अक्षय कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने घटनास्थल का दौरा किया है. घटना की जांच की जा रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)