पणजी के एक मॉल में होने वाले कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी के शो के आयोजकों ने बताया कि पांच सौ से अधिक लोगों द्वारा आत्मदाह की धमकी दिए जाने के बाद शो रद्द कर दिए गए हैं. बीते हफ़्ते विहिप और बजरंग दल द्वारा स्थानीय प्रशासन को धमकी देने के बाद छत्तीसगढ़ में फ़ारूक़ी का शो रद्द कर दिया गया था.
नई दिल्ली: दक्षिणपंथी समूहों की धमकी के बाद मुंबई और रायपुर के शो रद्द होने के बाद स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के गोवा के शो का भी यही हश्र हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, दो शो, जिनके टिकट बेचे जा चुके हैं, के आयोजक एलवीसी कॉमेडी क्लब ने बताया कि ‘500 से अधिक लोगों द्वारा उन्हें आग लगा लेने की धमकी’ के बाद दोनों शो रद्द कर दिए गए हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, शो रद्द करने का दबाव हिंदू जनजागृति समिति की ओर से बनाया गया था. यह समूह पहले विभिन्न दक्षिणपंथी मांगों को लेकर चर्चा में रहा है, जिसमें छत्रपति शिवाजी के चित्रण के लिए ग्यारहवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक को तत्काल वापस लेने की मांग भी शामिल है.
आयोजकों ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि वे इन धमकियों को लेकर पुलिस से मिले और शो रद्द करने के अलावा कोई रास्ता नहीं मिला. ये कार्यक्रम पणजी के एक मॉल में होने वाले थे.
उल्लेखीय है कि पिछले हफ्ते विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा स्थानीय प्रशासन को शो की अनुमति देने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी देने के बाद रायपुर में फारूकी के शो रद्द कर दिए गए थे.
पिछले महीने भी फारूकी के दो शो रद्द किए गए थे क्योंकि हिंदुत्ववादी समूह बजरंग दल के सदस्यों ने गुजरात से मुंबई आकर आयोजन स्थल के मालिकों को धमकी दी थी.
दक्षिणपंथी समूहों ने इस साल की शुरुआत से फारूकी को निशाने पर लिया है.
बता दें कि मध्य प्रदेश में इंदौर से भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत के बाद इसी साल एक जनवरी को इंदौर पुलिस ने फारूकी और पांच अन्य- नलिन यादव, एडविन एंथनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव को गिरफ्तार किया था.
एकलव्य सिंह गौड़ ने मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उनके कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं.
मुनव्वर को धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए उनकी कथित टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन पुलिस ने बाद में स्वीकार किया कि फारूकी इस तरह का कोई बयान नहीं दिया था.
एक महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी.
इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फारूकी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह सौहार्द, सद्भाव और भाईचारे की भावना को बढ़ावा दें. न्यायालय ने यह भी कहा था कि ‘ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए.’