महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित मराठी साहित्य सम्मेलन में दैनिक लोकसत्ता के संपादक गिरीश कुबेर पर स्याही फेंकी गई. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में संभाजी ब्रिगेड के दो कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है. संभाजी ब्रिगेड कुबेर की पुस्तक में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में दिए गए कुछ संदर्भों से नाराज़ है.
नासिक/मुंबई: महाराष्ट्र में आयोजित 94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में रविवार को एक संगठन के संदिग्ध कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ पत्रकार व लेखक गिरीश कुबेर पर स्याही फेंक दी.
इस घटना की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फड़णवीस ने निंदा की.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गिरीश कुबेर की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है और इस संबंध में दो लोग हिरासत में हैं.
पुलिस के अनुसार, सतीश काले (46 वर्ष) और राजेंद्र गुंड (42 वर्ष) को हिरासत में लिया गया है. दोनों पुणे के रहने वाले और संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ता हैं.
पुलिस ने कहा कि दोनों को सीआरपीसी की धारा 151 (संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए गिरफ्तारी) के तहत गिरफ्तार किया गया और पूछताछ के बाद रिहा कर दिया जाएगा.
गिरीश कुबेर मराठी दैनिक लोकसत्ता के संपादक हैं. संभाजी ब्रिगेड कुबेर की पुस्तक में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में दिए गए कुछ संदर्भों से नाराज है. ब्रिगेड ने उनकी पुस्तक ‘रेनेसांस स्टेट: द अनराइटेड स्टोरी ऑफ द मेकिंग ऑफ महाराष्ट्र’ (Renaissance State: The Unwritten Story of the Making of Maharashtra) की आलोचना की है.
कुबेर रविवार को नासिक के कुसुमाग्रज नगरी पहुंचे, जहां 94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्यिक सम्मेलन का समापन दिन था. उनका एक संगोष्ठी में भाग लेने का कार्यक्रम था.
जब वह मुख्य पंडाल के मंच के पीछे खड़े थे तो दो-तीन अज्ञात व्यक्ति उनके पास आए और स्याही फेंक दी, जो उनके चेहरे, बालों और कमीज पर गिरी.
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर भी कुछ स्याही गिरी. इस घटना के बाद इलाके में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है.शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इस घटना की निंदा की.
इससे पहले दिन में नासिक में साहित्य सम्मेलन में शिरकत करने वाले पवार ने कहा कि एक लेखक पर उसके काम के विरोध में हमला किया जाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत पर हमले के समान है.
उन्होंने कहा, ‘मैं इस घटना की निंदा करता हूं, जो महाराष्ट्र की छवि के अनुकूल नहीं है.’
राकांपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कुबेर की किताब पढ़ी है.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि इस किताब के कुछ हिस्सों को लेकर विवाद है, लेकिन कुबेर को भी अपनी बात रखने का अधिकार है. जो लोग उनके विचारों से असहमत हैं, उन्हें भी उनका विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इस तरह का हमला स्वीकार्य नहीं है.’
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फड़णवीस ने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ लिखी गई किसी भी बात की निंदा की जानी चाहिए, लेकिन एक साहित्य सम्मलेन के दौरान स्याही फेंकना ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘अगर तथ्यात्मक रूप से कुछ गलत है, तो तथ्यों और सबूतों के साथ उसका जवाब देना चाहिये.’
मुंबई प्रेस क्लब ने भी घटना की निंदा की है. क्लब ने एक बयान में कहा, ‘हमारा मानना है कि शारीरिक टकराव विचारों की किसी भी सभ्य लड़ाई का हिस्सा नहीं होना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)