नगालैंड: घायलों ने गृह मंत्री अमित शाह के दावे को नकारा, कहा- सेना ने सीधे गोली चलाई थी

नगालैंड के मोन ज़िले में सेना की गोलीबारी में 14 आम नागरिकों की मौत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सैन्यबल के इशारे पर गाड़ी न रुकने के बाद फायरिंग की गई. घटना में गंभीर रूप से घायल हुए एक शख़्स ने इससे इनकार किया है. वहीं, डिब्रूगढ़ के अस्पताल ने न केवल दो घायलों, बल्कि उनके परिजनों को भी मीडिया से बात करने से मना किया है.

//

नगालैंड के मोन ज़िले में सेना की गोलीबारी में 14 आम नागरिकों की मौत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सैन्यबल के इशारे पर गाड़ी न रुकने के बाद फायरिंग की गई. घटना में गंभीर रूप से घायल हुए एक शख़्स ने इससे इनकार किया है. वहीं, डिब्रूगढ़ के अस्पताल ने न केवल दो घायलों, बल्कि उनके परिजनों को भी मीडिया से बात करने से मना किया है.

असम मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जहां घटना के दोनों घायल व्यक्ति भर्ती हैं. (फोटो: हृशिता राजबंग्शी/द वायर)

नई दिल्ली: नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में बीते चार दिसंबर को सेना द्वारा आम नागरिकों पर की गई गोलीबारी में बचे दो लोगों में से एक ने कहा है कि सुरक्षाबलों ने उन्हें संभलने का कोई मौका नहीं दिया और सीधे उन पर गोली चलाना शुरू कर दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 23 वर्षीय शीवांग, जिनके कोहनी और छाती पर चोटें आई हैं, ने कहा, ‘हमें रुकने के लिए नहीं कहा गया. उन्होंने सीधे हमारी हत्या की है. हम भागने की कोशिश नहीं कर रहे थे. हम सिर्फ गाड़ी में बैठे थे.’

घटना में मारे गए लोग कोयला खदान के मजदूर थे, जो एक पिकअप वैन में सवार होकर घर लौट रहे थे.

मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते सोमवार को राज्यसभा में दावा किया था कि सशस्त्र बलों ने गाड़ी को रोकने का संकेत दिया था, लेकिन वह नहीं रुका और आगे निकलने लगा. इस वाहन में उग्रवादियों के होने के संदेह में इस पर गोलियां चलाई गईं, जिसमें वाहन पर सवार 8 में से छह लोग मारे गए.

हालांकि इस घटना में बचे व्यक्ति ने गृह मंत्री के दावे को खारिज किया है.

शीवांग इस समय डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएमसीएच) में भर्ती हैं. वहीं 30 वर्षीय यीशांग भी इस घटना में बचे हैं, लेकिन वे बोलने की स्थिति में नही हैं. उनके कान के पास गोली लगी है.

गोलीबारी की पहली घटना तब हुई जब सेना के जवानों ने शनिवार (4 दिसंबर) शाम को एक पिकअप वैन में घर लौट रहे कोयला खदान कर्मचारियों को प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन (के) के युंग आंग गुट से संबंधित उग्रवादी समझ लिया. इस घटना में छह लोग मारे गए थे.

पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि जब मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में निकले तथा इन लोगों ने सेना के वाहनों को घेर लिया. इस दौरान हुई धक्का-मुक्की व झड़प में एक सैनिक की मौत हो गई और सेना के वाहनों में आग लगा दी गई. इसके बाद सैनिकों द्वारा आत्मरक्षा में की गई गोलीबारी में सात और लोगों की जान चली गई.

पुलिस ने कहा कि दंगा रविवार (पांच दिसंबर) दोपहर तक खिंच गया, जब गुस्साई भीड़ ने यूनियन के कार्यालयों और इलाके में असम राइफल्स के शिविर में तोड़फोड़ की और इसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी. सुरक्षा बलों ने हमलावरों पर जवाबी गोलीबारी की, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई.

इस मामले में 14 नागरिकों की हत्या के कारण पूर्वोत्तर से सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 यानी आफस्पा को वापस लेने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है.

उस दिन की घटना को याद करते हुए शीवांग ने कहा, ‘रास्ते में अचानक से हम पर गोलियां चलाई गईं. मुझे याद नहीं है कि यह कितने समय तक चला. ऐसा लग रहा था जैसे बम फट रहे हों. अंधेरा भी नहीं हुआ था, फिर भी उन्होंने हमें गोली मार दी.’

उन्होंने कहा कि फायरिंग के बाद उन्हें एक अन्य गाड़ी में ले जाया गया था और उन्हें अपने भाई समेत अन्य लोगों की मौत की जानकारी हो गई थी.

पीड़ित ने बताया कि उनके हाथ में कुछ नहीं था और वह खदान में काम करने के लिए शनिवार को दोपहर तीन बजे निकले थे. यह खदान तिरु घाटी में है, जो ओटिंग गांव से करीब छह किलोमीटर दूर है.

अस्पताल के अधीक्षक प्रशांत दिहिंगिया ने कहा है कि इन दोनों व्यक्तियों का इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि यीशांग के सिर और आंख में चोटें आई हैं और उनकी सर्जरी होगी. वहीं शीवांग के छाती और कोहनी में चोट लगी है.

वहीं इन दोनों पीड़ितों के परिजनों ने दावा किया है कि उन्हें मीडिया से बातचीत करने पर रोक लगा दी गई है.

यीशांग और शीवांग न सिर्फ इस घटना में बचे हैं, बल्कि वे पूरे मामले के प्रत्यक्षदर्शी हैं और उन्होंने पूरी घटना को होते हुए देखा है, जिसमें इतने आम लोगों की मौतें हुई हैं.

नाम न लिखने की शर्त पर हॉस्पिटल में मौजूद एक व्यक्ति ने कहा, ‘नगालैंड से सख्त निर्देश हैं कि अब मरीजों को परेशान न किया जाए.’

अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि उन्हें यहां पत्रकारों के मौजूद रहने से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन ‘नगालैंड प्रशासन’ का आदेश आया है कि मरीजों को पत्रकारों से बात न करने दिया जाए.

आलम ये है कि न सिर्फ मरीज, बल्कि परिजनों को भी मीडिया से बात करने से मना किया गया है. मोन जिले के पुलिस अधिक्षक इनके घर गए थे.

डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर कौस्तभ डेका, जिन्हें कई अन्य लोगों की तरह सोशल मीडिया के जरिये जानकारी मिली थी कि घटना में जीवित बचे लोगों को डिब्रूगढ़ लाया गया है, ने एएमसीएच में भर्ती होने के तुरंत बाद घायल पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की थी.

डेका ने द वायर  से कहा, ‘मुझे सोशल मीडिया के जरिए एएमसीएच में घायलों के भर्ती होने का पता चला था. हमें इस घटना के कुछ पहलुओं पर ध्यान देना होगा. सबसे पहले कि यह पहला मौका नहीं है, जब इस तरह की घटना हुई है और अब समय आ गया है कि हम आफस्पा को एक बड़ी तस्वीर के रूप में देखें.’

उन्होंने आगे कहा, ‘और दूसरी बात, घटना बचे लोगों के बयान सबसे महत्वपूर्ण हैं. कई तरह की बातें अब सामने आ सकती हैं, लेकिन बचे लोगों के बयान सबसे महत्वपूर्ण हैं. न्यायपालिका को आगे आना होगा और एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की जरूरत है.’

बता दें कि अमित शाह ने नगालैंड में गोलीबारी में 14 लोगों की मौत की घटना पर खेद प्रकट करते हुए सोमवार को कहा था कि इसकी विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है तथा सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में ऐसे किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो.

वहीं, नगालैंड पुलिस ने सेना के 21वें पैरा मिलिट्री फोर्स के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq