राजस्थान सरकार ने स्कूल ड्रेस का रंग बदला, पिछली ड्रेस पर भगवा जैसा होने का आरोप था

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा 20 साल में पहली बार स्कूल की ड्रेस में बदलाव किया गया था. 2017 में भाजपा ने सरकारी स्कूलों के यूनिफॉर्म का रंग बदला था और कांग्रेस ने उस समय इस पर भगवा होने का आरोप लगाया था. नया यूनिफॉर्म ‘सर्फ ब्लू’ और ‘डार्क ग्रे’ रंग का होगा.

/

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा 20 साल में पहली बार स्कूल की ड्रेस में बदलाव किया गया था. 2017 में भाजपा ने सरकारी स्कूलों के यूनिफॉर्म का रंग बदला था और कांग्रेस ने उस समय इस पर भगवा होने का आरोप लगाया था. नया यूनिफॉर्म ‘सर्फ ब्लू’ और ‘डार्क ग्रे’ रंग का होगा.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों के लिए यूनिफॉर्म का रंग बदलने का आदेश जारी किया है.

वर्तमान यूनिफॉर्म- जिसका रंग हल्की भूरी शर्ट या कुर्ता, और भूरी ट्राउजर या शॉर्ट्स, सलवार, स्कर्ट है- को साल 2017 में पिछली भाजपा सरकार द्वारा पेश किया गया था.

उस समय कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि वसुंधरा राजे सरकार द्वारा लागू किया गया यूनिफॉर्म आरएसएस की पोशाक से मिलती-जुलती है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा 20 साल में पहली बार स्कूल की ड्रेस में बदलाव किया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीते बुधवार (आठ दिसंबर) को जारी एक आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र अब एक यूनिफॉर्म पहनेंगे, जो कि ‘सर्फ ब्लू’और ‘डार्क ग्रे’ रंग का होगा. सर्दियों में गहरे भूरे रंग की कोट और स्वेटर शामिल किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में नया यूनिफॉर्म लागू नहीं किया जाएगा, यह शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से अनिवार्य होगी.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रति छात्र के यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये खर्च किए जाएंगे और उन्हें उम्मीद है कि वे तीन महीने में पर्याप्त संख्या में तैयार हो जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि सरकार जल्द ही नई वर्दी के लिए टेंडर निकालेगी.

सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के 66 लाख छात्रों को मुफ्त यूनिफॉर्म दिया जाएगा. वहीं, सीनियर छात्रों को यह खरीदना होगा.

गहलोत सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए भाजपा विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा, ‘यह एक सत्तावादी फरमान है. छात्रों या अभिभावकों की किसी मांग के बिना तीन-चार साल के भीतर वर्दी बदलने का कोई तर्क नहीं है. वर्दी खरीदने के लिए अतिरिक्त मौद्रिक भार माता-पिता को वहन करना होगा, जो पहले से ही कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक रूप से प्रभावित हैं.’

साल 2017 में भाजपा सरकार द्वारा स्कूल की ड्रेस का रंग बदलने से पहले इसे आखिरी बार 1997 में बदला गया था. ऑल राजस्थान स्कूल टीचर्स यूनियन के अध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल ने कहा, ‘नया यूनिफॉर्म पहले की तरह ही होगा.’

राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने इस कदम के पीछे किसी भी राजनीति से इनकार किया.

उन्होंने कहा, ‘मेरे सामने मंत्री ने योजना पेश की. मैंने बस इसे मंजूरी दे दी. यह भाजपा ही है जिसने यूनिफॉर्म पर राजनीति की, छात्रों को भगवा रंग की साइकिल बांटी, उनकी पार्टी के झंडे का रंग लगाया. नीले और ग्रे यूनिफॉर्म के नए रंग का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.’

कल्ला के पूर्ववर्ती और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह निर्णय पिछले साल सरकार द्वारा गठित एक समिति की सिफारिश पर लिया गया है.