संसद में सरकार से पूछा गया था कि क्या जम्मू कश्मीर में ऐसा कोई आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत पत्रकारों को, उनके काम के कारण शांति और व्यवस्था को ख़तरा होने की स्थिति में, रिपोर्टिंग करने से रोका जा सके.
नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है, जिसके तहत पत्रकारों को, उनके काम के कारण शांति और व्यवस्था को खतरा होने की स्थिति में रिपोर्टिंग करने से रोका जा सके.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया, ‘केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सरकार ने सूचित किया है कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.’
उनसे पूछा गया था कि क्या जम्मू कश्मीर में ऐसा कोई आदेश जारी किया गया है जिसके तहत पत्रकारों को, उनके काम के कारण शांति और व्यवस्था को खतरा होने की स्थिति में रिपोर्टिंग करने से रोका जा सके या जिसमें अनधिकृत या गैर पंजीकृत पत्रकारों को, उनका काम करने की अनुमति दिए जाने से पहले, उनका पंजीकरण पूरा करने या प्रशासन की अनुमति लेने का आदेश दिया गया हो.
मालूम हो कि बीते अक्टूबर महीने में भारतीय प्रेस परिषद ने जम्मू कश्मीर में पत्रकारों को डराने-धमकाने के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग समिति का गठन किया था. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने परिषद और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कश्मीरी पत्रकारों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)