जम्मू कश्मीर: देश के ख़िलाफ़ लोगों को भड़काने वाले पोस्ट के आरोप में दो पत्रकारों से पूछताछ

जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि ये दोनों पत्रकार उन चार पत्रकारों के समूह का हिस्सा हैं जिनसे ब्लॉग साइट कश्मीरफाइट डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम के ख़िलाफ़ दर्ज मामले में इस साल सितंबर में पूछताछ की गई थी. नौ सितंबर को पुलिस ने कहा था कि इस संबंध में दर्ज मामले की जांच के दौरान विश्वसनीय सबूत मिले हैं कि चारों पत्रकारों का संबंध ब्लॉग के मास्टरमाइंड से है.

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(फोटोः पीटीआई)

जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि ये दोनों पत्रकार उन चार पत्रकारों के समूह का हिस्सा हैं जिनसे ब्लॉग साइट कश्मीरफाइट डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम के ख़िलाफ़ दर्ज मामले में इस साल सितंबर में पूछताछ की गई थी. नौ सितंबर को पुलिस ने कहा था कि इस संबंध में दर्ज मामले की जांच के दौरान विश्वसनीय सबूत मिले हैं कि चारों पत्रकारों का संबंध ब्लॉग के मास्टरमाइंड से है.

(फोटोः पीटीआई)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने कथित रूप से देश के खिलाफ लोगों को भड़काने वाला ब्लॉग पोस्ट करने के मामले की जांच के तहत श्रीनगर के दो पत्रकारों को पूछताछ के लिए बीते शनिवार को तलब किया.

पुलिस का कहना है कि ये दोनों पत्रकार उन चार पत्रकारों के समूह का हिस्सा हैं, जिनसे ब्लॉग साइट kashmirfight@ wordpress.com के खिलाफ दर्ज मामले में इस साल सितंबर में पूछताछ की गई थी.

इस संबंध में अधिकारी ने बताया, ‘श्रीनगर के दो पत्रकारों को पुलिस ने जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया है.’

बता दें कि नौ सितंबर को पुलिस ने कहा था कि कोठीबाग पुलिस थाने में दर्ज मामले की जांच के दौरान विश्वसनीय सबूत मिले हैं कि इन चारों पत्रकारों का संबंध ब्लॉग के मास्टरमाइंड से है.

पुलिस ने इन चारों पत्रकारों के आवासों की भी तलाशी ली थी. पुलिस द्वारा ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी कठोर यूएपीए के तहत पिछले साल दर्ज एक मामले को लेकर की गई थी.

अधिकारियों ने बताया था कि कश्मीर नैरेटर पत्रिका के संपादक शौकत मोट्टा, टीआरटी वर्ल्ड और हफपोस्ट में रिपोर्ट लिखने वाले हिलाल मीर, फ्रीलांसर अज़हर कादरी तथा श्रीनगर के एक अखबार के लिए लिखने वाले अब्बास शाह के घर पर छापेमारी की गई थी.

यह केस कश्मीरफाइट डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम (kashmirfight.wordpress.com) नामक ब्लॉग को चलाने वाले उन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया गया था, जो ‘केंद्र सरकार का समर्थक’ होने का आरोप लगाते हुए कश्मीरी पत्रकारों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

इनके पोस्ट में वरिष्ठ संपादक शुजात बुखारी और मानवाधिकार वकील बाबर कादरी जैसे लोगों के भी नाम शामिल किए गए थे, जिनकी बाद में साल 2018 और 2020 में हत्या कर दी गई थी. जांचकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों द्वारा इनकी हत्या की गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)