गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के तहत मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी के वडोदरा में संचालित एक शेल्टर होम के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, संगठन ने धर्मांतरण के आरोपों से इनकार किया है. आरोप है कि संगठन के शेल्टर होम में रह रहीं लड़कियों को ईसाई धर्म के ग्रंथों को पढ़ने और इसकी प्रार्थनाओं में भाग लेने को मजबूर किया जा रहा था.
वडोदराः गुजरात में मदर टेरेसा द्वारा संस्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी संगठन के खिलाफ हिंदू धर्म की भावनाएं आहत करने और युवा लड़कियों को ईसाई धर्म की ओर लुभाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के तहत मिशनरीज ऑफ चैरिटी के वडोदरा में संचालित एक शेल्टर होम के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, संगठन ने इन आरोपों से इनकार किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी मयंक त्रिवेदी की शिकायत के आधार पर 12 दिसंबर को मकरपुरा पुलिस थाने में यह एफआईआर दर्ज की गई.
दरअसल मयंक त्रिवेदी ने जिले के बाल कल्याण समिति के चेयरमैन के साथ नौ दिसंबर को मकरपुरा इलाके में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित लड़कियों के एक बालगृह का दौरा किया था.
एफआईआर में कहा गया है कि इस दौरान त्रिवेदी को पता चला कि बालगृह की लड़कियों को ईसाई धर्म के ग्रंथों को पढ़ने और ईसाई धर्म की प्रार्थनाओं में भाग लेने को ‘मजबूर’ किया जा रहा था.
एफआईआर में कहा गया, ‘10 फरवरी 2021 से नौ दिसंबर 2021 के बीच संस्थान जान-बूझकर हिंदू भावनाओं को आहत करने की गतिविधियों में शामिल था. बालगृह की लड़कियों के गले में क्रॉस पहनाकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने का प्रलोभन दिया जा रहा था.
इसके अनुसार, ‘लड़कियों द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले स्टोररूम की की मेज पर बाइबल रखा जा रहा था, ताकि उन्हें बाइबिल पढ़ने को मजबूर किया जा सके. यह लड़कियों को धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर करने का प्रयास करने का अपराध है.’
जहां मिशनरीज ऑफ चैरिटी के प्रबंधन ने किसी भी तरह के जबरन धर्मांतरण से इनकार किया है, वहीं पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू कर दी है.
मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एक प्रवक्ता का कहना है, ‘हम किसी तरह की धर्म-परिवर्तन गतिविधि में शामिल नहीं हैं. हमारे बालगृह में 24 लड़कियां हैं. ये लड़कियां हमारे साथ रहती हैं और ये हमें जिस तरह से प्रार्थना करते और रहते देखती हैं, ये ठीक उसी तरह से उसका अनुसरण करती हैं. हमने किसी का भी धर्म परिवर्तन नहीं किया है या किसी को ईसाई धर्म में शादी करने के लिए मजबूर नहीं किया है.’ ‘’
अधिकारियों का कहना है कि बाल कल्याण समिति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, संगठन ने ईसाई परंपराओं के अनुसार एक हिंदू लड़की को एक ईसाई परिवार में शादी करने को मजबूर किया.
शिकायत में यह भी कहा गया है कि शेल्टर होम में रह रहीं लड़कियों को हिंदू होने के बावजूद मांसाहारी भोजन दिया जाता है.
सहायक पुलिस आयुक्त एसबी कुमावत ने कहा कि जिला कलेक्टर ने मयंक त्रिवेदी द्वारा लगाए गए आरोपों की समिति द्वारा जांच किए जाने के बाद संगठन के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए निर्देश जारी किए थे.
कुमावत ने कहा, ‘जिला कलेक्टर ने बाल कल्याण समिति की शिकायत के बाद समिति का गठन किया था. कई विभागों के सदस्यों की टीम ने आरोपों की जांच की. पुलिस आरोपों की जांच करेगी और इस संबंध में सबूत इकट्ठा करेगी कि क्या ये तर्क सही हैं. ’
वडोदरा के पुलिस आयुक्त शमशेर सिंह ने बताया, ‘हमने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है. पंजाब की एक महिला का मामला सामने आया है, जिसका मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने शेल्टर होम में रहने के बाद धर्म परिवर्तन कराया था. शेल्टर होम के लिए तय दिशानिर्देश हैं, जिसका उन्हें पालन करना चाहिए. हम एफआईआर के आधार पर मामले की जांच करेंगे.’