यह घटना बीते 18 दिसंबर को उस समय हुई, जब एक व्यक्ति अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में पवित्र स्थल पर रखी महाराजा रणजीत सिंह की तलवार उठाने के बाद उस स्थान के पास पहुंच गया, जहां सिख ग्रंथी पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे थे. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कार्यबल के सदस्य जब उसे पकड़कर एसजीपीसी कार्यालय ले जा रहे थे, तब गुस्साई भीड़ ने उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई.
चंडीगढ़ः पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को कथित तौर पर बेअदबी का प्रयास करने पर गुस्साई भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
यह घटना उस समय हुई जब वह व्यक्ति पवित्र स्थल पर सुनहरी ग्रिल फांदकर महाराजा रणजीत सिंह की तलवार उठाने के बाद उस स्थान के पास पहुंच गया, जहां सिख ग्रंथी पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे थे.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) कार्यबल के सदस्यों ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया. जब उसे एसजीपीसी कार्यालय ले जाया जा रहा था, तब गुस्साई भीड़ ने उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
पुलिस उपायुक्त पीएस भंडाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले इस आरोपी शख्स की उम्र लगभग 30 वर्ष थी और उसकी पहचान की जा रही है. सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है कि वह स्वर्ण मंदिर में कब दाखिल हुआ और कितने लोग उसके साथ थे.
घटना के बाद बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं और विभिन्न सिख संगठनों ने एसजीपीसी की ढिलाई के लिए उसकी आलोचना की. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तेजा सिंह समुंदरी हॉल में एसजीपीसी परिसर के आसपास भारी पुलिस बलों को तैनात किया गया है.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर इस इस घटना की निंदा की है.
पंजाब मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है, ‘मैं श्री हरिमंदिर साहिब के गर्भगृह में गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और घृणित कोशिश की कड़ी निंदा करता हूं.’
CM @CharanjitChanni strongly condemned the most unfortunate and heinous act to attempt sacrilege of Sri Guru Granth Sahib in the sanctum sanctorum of Sri Harimandir Sahib during the path of Sri Rehras Sahib.
(1/3)— CMO Punjab (@CMOPb) December 18, 2021
मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस अधिकारियों को इस कायराना हरकत के पीछे के असली मकसद और असली साजिशकर्ताओं को लेकर पूरे मामले की गहन जांच करने का निर्देश दिया है.
CM also called up SGPC President and assured his government’s full support and cooperation to get into the bottom of the case.
(3/3)— CMO Punjab (@CMOPb) December 18, 2021
बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री चन्नी ने एसजीपीसी अध्यक्ष को भी फोन किया और मामले की तह तक जाने के लिए अपनी सरकार के पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अकाली दल के संरक्षक और राज्य के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल ने इस घटना को हैरान करने वाला और अत्यंत दुखद बताते हुए इसकी निंदा की.
इस घटना के पीछे गहरी साजिश का संदेह जताते हुए प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि यह घटना निंदनीय है और इसने पूरी दुनिया के सिखों के मन में गहरी पीड़ा और आक्रोश पैदा किया है.
उन्होंने कहा, ‘यह अविश्वसनीय है कि इतना दर्दनाक और निर्मम अपराध एक शख्स द्वारा मानवता के सबसे पवित्र स्थल में किया गया. इस पूरी साजिश की जांच, इसका पर्दाफाश करने की जरूरत है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए.’
प्रकाश सिंह बादल के बेटे और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने लिखित बयान में कहा कि हमारे सर्वोच्च और पवित्र तीर्थ सचखंड श्री हरमंदिर साहब में बेअदबी करने के सबसे जघन्य प्रयास को लेकर स्तब्ध हूं.
सुखबीर ने कहा, ‘सचखंड श्री हरमंदर साहिब में बेअदबी की कोशिश चौंकाने वाली है. हमारे पवित्रतम तीर्थ को इस तरह के आक्रोश का लक्ष्य बनाना विश्वास से परे है. यह जघन्य कृत्य एक गहरी साजिश का हिस्सा है, जिसने पूरे सिख समुदाय को झकझोर कर रख दिया है.’
There were strong indications of such an incident after Gutka Sahib was thrown in holy Sarovar but the state govt and intelligence agencies did nothing to prevent such a despicable crime that intended to disturb peace & communal harmony in Punjab. 2/2
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 18, 2021
सुखबीर ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘गुटका साहिब (सिखों की छोटी पवित्र पुस्तक) को पवित्र सरोवर में फेंकने के बाद इस तरह की घटना के स्पष्ट संकेत थे, लेकिन राज्य सरकार और खुफिया एजेंसियों ने ऐसे घिनौने अपराध, जिसका उद्देश्य पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना था, को रोकने के लिए कुछ नहीं किया.’
Strongly condemn the horrific incident of attempted sacrilege of Sri Guru Granth Sahib Ji at Darbar Sahib.
Govt must get to the bottom of what led this man to act in such a despicable manner!
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 18, 2021
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘दरबार साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी करने की जघन्य घटना की कड़ी निंदा करता हूं. सरकार को इस बात की तह तक जाना चाहिए कि इस शख्स ने इस तरह की हरकत क्यों की?’
पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा, ‘यह निंदनीय कृत्य है. इसकी पूर्ण जांच की जानी चाहिए.’
उन्होंने पहले भी हुई इस तरह की बेअदबी की घटनाओं को लेकर कोई कार्रवाई नहीं करने पर कांग्रेस सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस घटना पर निराशा जताते हुए कहा, ‘आज श्री दरबार साहिब में हुई बेअदबी की घटना बेहद दुखदायी है. सब लोग सकते में हैं. ये बहुत बड़ी साजिश हो सकती है. दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले.’
आज श्री दरबार साहिब में हुई बेअदबी की घटना बेहद दुखदायी है। सब लोग सदमे में हैं। ये बहुत बड़ी साज़िश हो सकती है। दोषियों को सख़्त से सख़्त सजा मिले।
ਪ੍ਰਮਾਤਮਾ ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਦੇ ਸਿਰ ਤੇ ਮਿਹਰ ਭਰਿਆ ਹੱਥ ਰੱਖੇ…..
ਨਾਨਕ ਨਾਮ ਚੜਦੀ ਕਲਾ ਤੇਰੇ ਭਾਣੇ ਸਰਬੱਤ ਦਾ ਭਲਾ— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 18, 2021
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि उन्हें मिली जानकारी के अनुरूप सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि जिस शख्स ने बेअदबी का प्रयास किया, उसका व्यवहार सामान्य लग रहा था और वह अकेला था.
वल्टोहा ने कहा, ‘अगर उस शख्स को कुछ ही सेकंड में काबू नहीं किया गया होता तो वह ईशनिंदा का घोर अपराध कर सकता था, क्योंकि उसने गर्भगृह में प्रवेश कर लिया था और गुरु ग्रंथ साहिब के साथ में रखी गई महाराजा रणजीत सिंह की तलवार को उठा लिया था.’
उन्होंने कहा कि यह उन ताकतों द्वारा पंजाब के माहौल को खराब करने का एक प्रयास है जो या तो राष्ट्र विरोधी है या पंजाब विरोधी अथवा सिख विरोधी या फिर राजनीतिक हितों के लिए काम कर रही हैं.
पंजाब के उपमुख्यमंत्री होने के साथ गृहमंत्री का संभालने वाल सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस घटना को अति निंदनीय बताया.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘अगर बेअदबी के आरोपी को नहीं मारा जाता तो इस घटना की साजिश की जानकारी उससे मिल सकती थी, जिससे सच बाहर आ जाता.’
उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के लोग भावनाओं के आधार पर काम करते हैं.
कांग्रेस सरकार पूर्व में बेअदबी की घटनाओं पर कार्रवाई करने में असफल रही, भाजपा के इन आरोपों पर रंधावा ने कहा कि शनिवार को हुई यह घटना स्वर्ण मंदिर में हुई, जहां पुलिस को प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी.
बता दें कि बीते दो महीनों में यह दूसरी घटना है, जब बेअदबी के किसी आरोपी की पीट-पीटकर हत्या की गई है.
इससे पहले अक्टूबर में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन के दौरान लखबीर सिंह नाम के व्यक्ति की बेअदबी के आरोप में सिंघू बॉर्डर पर लिंचिंग की गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)