पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 18 दिसंबर को कथित तौर पर बेअदबी का प्रयास करने के आरोप में एक व्यक्ति के हत्या के बाद 19 दिसंबर को इसी तरह कपूरथला निजामपुर गांव के गुरुद्वारे में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हालांकि कपूरथला में हुई घटना में पुलिस ने बेअदबी किए जाने के आरोप से इनकार किया. दोनों घटनाओं में मृतकों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है.
चंडीगढ़: पंजाब में 24 घंटे के अंदर गुरुद्वारे के भीतर बेअदबी को लेकर दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है. पहली घटना बीते 18 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में घटित हुई, जबकि दूसरी वारदात कपूरथला के निजामपुर गांव स्थित एक गुरुद्वारा में बीते 19 दिसंबर को अंजाम दी गई.
राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आशंका जताई है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए घटना के पीछे कुछ ‘विरोधी’ ताकतें शामिल हो सकती हैं.
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 18 दिसंबर को कथित तौर पर बेअदबी का प्रयास करने पर गुस्साई भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
चन्नी बेअदबी की कोशिश के आरोप में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना के एक दिन बाद रविवार को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पहुंचे और दावा किया कि अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए घटना के पीछे कुछ ‘विरोधी’ ताकतें शामिल हो सकती हैं.
उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया. मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.
कपूरथला में के गुरुद्वारे में पीट-पीटकर की गई हत्या के संबंध में पुलिस ने कहा कि कपूरथला-सुभनापुर मार्ग पर स्थित गुरुद्वारे में बेअदबी की कथित घटना होने के कोई ‘संकेत’ दिखाई नहीं दिए हैं. ग्रामीणों और सिख संगठनों के सदस्य प्रवासी मजदूर प्रतीत हो रहे एक व्यक्ति को बचाने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ भिड़ गए, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
हालांकि गुरुद्वारा प्रबंधक, अमरजीत सिंह ने दावा किया कि उन्होंने उस व्यक्ति को देखा, जो दैनिक अरदास के लिए बाहर आने के बाद सुबह-सुबह ‘निशान साहिब’ (धार्मिक ध्वज) का अनादर करने की कोशिश कर रहा था.
पुलिस के अनुसार, एक अज्ञात व्यक्ति गुरुद्वारा परिसर के भूतल पर स्थित रसोईघर में रोटी खा रहा था और जब एक ‘सेवादार’ ने उसे देखा तो वह भाग गया. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस गुरुद्वारे पहुंची जहां बीस साल के युवक को कमरे में बैठाया गया था. वह व्यक्ति भागने लगा लेकिन उसे गुरुद्वारे के ‘सेवादारों’ ने पीछा करने के बाद पकड़ लिया.
ग्रामीण और सिख संगठनों के सदस्य भी गुरुद्वारा परिसर में एकत्र हो गए और पुलिस को उस व्यक्ति को थाने नहीं ले जाने दिया. कुछ लोग तलवार और ‘लाठियां’ लेकर जबरन कमरे में घुसे और यहां तक कि पुलिस के साथ हाथापाई भी की. इसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति को बुरी तरह पीटा.
पुलिस ने कहा कि उसे गंभीर रूप से घायल हालत में स्थानीय सिविल अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
कपूरथला में पुलिस ने कहा कि घटना के बाद गुरुद्वारा प्रबंधक ने फेसबुक पर सीधा प्रसारण किया और शायद यह जताने की कोशिश कर रहे थे कि यह एक बेअदबी का प्रयास था. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस गुरुद्वारे पहुंची जहां बीस साल के युवक को कमरे में बैठाया गया.
कपूरथला मामले में पुलिस का बेअदबी किए जाने से इनकार
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्थानीय निवासियों ने कहा कि वह व्यक्ति बिहार के गोपालगंज का प्रवासी श्रमिक था.
अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने कहा कि जब एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खाख के नेतृत्व में एक पुलिस दल जबरदस्ती कमरे में दाखिल हुआ, तो भीड़ में शामिल एक व्यक्ति ने कथित तौर पर उस व्यक्ति पर तलवार से वार किया.
आईजीपी गुरबिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि गुरुद्वारे में बेअदबी के किसी भी कृत्य का कोई सबूत नहीं है. एसएसपी खाख ने कहा कि जब वह पकड़ा गया तो वह चोरी करने का प्रयास कर रहा होगा.
पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों से संबंधित आईपीसी की धारा 295ए के तहत मामला दर्ज किया है और कहा है कि वे हत्या की भी जांच करेंगे.
पंजाब के कार्यवाहक डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘आश्चर्यजनक रूप से तीन घटनाएं हुईं. बटाला की घटना सुर्खियों में नहीं आई, क्योंकि इसकी रिपोर्ट नहीं की गई थी और कोई बेअदबी नहीं हुई थी. कपूरथला में कोई अपवित्रता नहीं हुई थी. यह सब बहुत ही संदिग्ध है.’
कपूरथला मामले में गुरुद्वारा प्रबंधक अमरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि वह व्यक्ति निशान साहिब, एक धार्मिक ध्वज को अपवित्र करने की कोशिश कर रहा था और उसे दिल्ली से किसी ने भेजा था.
आईजीपी ढिल्लों ने कहा, ‘गुरुद्वारा निजामपुर में निशान साहिब को अपवित्र नहीं किया गया था, जहां एक अज्ञात प्रवासी मजदूर को मौत के घाट उतार दिया गया. अनियंत्रित भीड़ के हमले में एक एसएचओ और दो एएसआई सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि पुलिस पीड़ित की जान बचाने की कोशिश कर रही थी.’
एसएसपी खाख ने संवाददाताओं को बताया कि प्रबंधक अमरजीत सिंह सुबह चार बजे उठे और उन्होंने गुरुद्वारे के अंदर एक व्यक्ति को देखा. सिंह द्वारा भेजे गए दो सेवादारों ने युवक को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी. युवक ने गुरुद्वारा छात्रों की जैकेट पहनी हुई थी. यह संकेत देता है कि युवक चोरी करने का इरादा रखता था.
एसएसपी खाख ने कहा, ‘वीडियो वायरल होने के बाद भीड़ जमा हो गई. उन्होंने युवक को मार डाला, जबकि पुलिस ने स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश की.’
स्वर्ण मंदिर मामले में मृतक की पहचान नहीं हो सकी
पहले मामले में भी पुलिस अभी तक उस व्यक्ति की पहचान नहीं कर पाई है, जिसने बीते 18 दिसंबर की शाम को स्वर्ण मंदिर में कथित तौर पर पवित्र स्थल पर रखी महाराजा रणजीत सिंह की तलवार उठाने के बाद उस स्थान के पास पहुंच गया, जहां सिख ग्रंथी पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे थे.
पंजाब के कार्यवाहक डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि पुलिस अमृतसर में पीट-पीट कर हत्या करने वाले युवक की बायोमेट्रिक जानकारी के जरिये उसकी पहचान करने की कोशिश कर रही है, जिससे संभवत: उसका आधार डेटा मिल सकता है.
पुलिस ने दोनों मामलों में कथित बेअदबी के प्रयास को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने मारे गए युवक के खिलाफ ही 307 हत्या के प्रयास के अलावा आईपीसी की धारा 295ए (धार्मिक समूहों में द्वेष उत्पन्न करना) के तहत मामला दर्ज किया है. पीट-पीटकर मार डालने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और कपूरथला के एक गुरुद्वारे में कथित बेअदबी की कोशिशों की रविवार को निंदा करते हुए कहा कि राज्य में शांति भंग करने की साजिश रची जा रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से ऐसे ‘दुर्भावनापूर्ण कृत्यों’ के मामलों में सख्त सजा होनी चाहिए.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने स्वर्ण मंदिर में कथित बेअदबी के प्रयास की घटना पर पछतावा व्यक्त करने के लिए एक ‘अखंड पाठ’ शुरू किया. एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह, गुरुद्वारा मंजी साहिब दीवान हॉल में ‘अखंड पाठ’ की शुरुआत के वक्त मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने संयम बरतने का आह्वान किया
अमृतसर में मुख्यमंत्री चन्नी ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस घटना में कुछ ‘विरोधी’ ताकतें या एजेंसियां शामिल हो सकती हैं.
मुख्यमंत्री ने लोगों से धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए उचित सावधानी बरतने की अपील की ताकि शत्रु ताकतों या एजेंसियों के ‘नापाक मंसूबों को विफल’ किया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कथित बेअदबी के प्रयास से बहुत आहत हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कोई गलत इरादे से आया है तो खुफिया एजेंसियां उन्हें पकड़ने और बेनकाब करने की कोशिश करेंगी.
मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति, सद्भाव, भाईचारे और धार्मिक सहिष्णुता के मूल्यों के प्रति भरोसा बनाए रखने के साथ संयम बरतने का आह्वान किया.
चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार मामले की तह तक जाने के लिए गहन जांच के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि इस कृत्य के पीछे के ‘असली साजिशकर्ताओं’ का पर्दाफाश हो सके.
अगामी दिनों में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका के बारे में एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की खुफिया एजेंसियां और पुलिस बल असामाजिक तत्वों के ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से लगे हुए हैं.
चन्नी ने कहा कि राज्य में किसी भी कीमत पर सौहार्दपूर्ण माहौल खराब करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी.
इस बीच पंजाब के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने भी शांति भंग करने के खिलाफ चेतावनी दी है.
I have taken serious note of the unfortunate incidents in Amritsar and Kapurthala. Any attempt to violate the communal harmony in the state will be dealt with a firm hand.
Stern action will be taken against all those disturbing the law and order in Punjab. #PunjabStandsTogether
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) December 19, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने अमृतसर और कपूरथला में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को गंभीरता से लिया है. राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव के उल्लंघन के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाएगा.’
स्वर्ण मंदिर बेअदबी मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित
पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में कथित बेअदबी करने की कोशिश की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.
इस संबंध में पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अमृतसर में जिला उपायुक्त, पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक (सीमा रेंज), अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की.
रंधावा ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है और दो दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है.
उन्होंने बताया कि सिखों के सबसे पवित्र स्थल की ‘परिक्रमा’ में आरोपी ने कुछ घंटे बिताए थे. उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यहां लक्ष्य के साथ आया था.
अमृतसर के पुलिस आयुक्त सुखचैन सिंह गिल ने रविवार को बताया कि अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ 18 दिसंबर की रात भारतीय दंड संहिता की धारा-295ए (धार्मिक समूहों में द्वेष उत्पन्न करना), धारा-307 (हत्या की कोशिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उन्होंने बताया कि स्वर्ण मंदिर में लगे सभी कैमरों की तस्वीर प्राप्त कर ली गई है और आरोपी के बारे में सूचना एकत्र करने के लिए उनकी जांच की जा रही है.
गिल ने बताया कि तस्वीर से पता चलता है कि आरोपी 18 दिसंबर को दिन में 11 बजे स्वर्ण मंदिर में आया और कुछ घंटे तक अकाल तख्त के सामने सोया. उन्होंने बताया कि घटना शाम छह बजे हुई और उसने अपराध को अंजाम देने से पहले कई घंटे स्वर्ण मंदिर में ही बिताए.
गौरतलब है कि शनिवार को आरोपी स्वर्ण मंदिर में रेलिंग को पार कर पवित्र स्थान पर पहुंच गया था और वहां पर रखी तलवार को उठा ग्रंथी के पास पहुंचा, जहां पर वह गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे थे.
इस घटना से हरकत में आए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के कार्यबल सदस्यों ने उसे पकड़ा. जब उसे एसपीजीसी के कार्यालय ले जाया जा रहा था तब आक्रोशित ‘संगत’ ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.
उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि वह पहले ही घटना के बाद एसजीपीसी अध्यक्ष और अकाल तख्त जत्थेदार से बात कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब तक आरोपी की पहचान नहीं हो सकी है.
उप-मुख्यमंत्री ने बताया, ‘आरोपी के पास से मोबाइल फोन,पर्स, पहचान पत्र या आधार कार्ड नहीं मिला है.’
राज्य के गृह विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल रहे रंधावा ने बताया कि आसपास और शहर में लगे अन्य सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है, ताकि पता लगाया जाए सके कि वह अमृतसर कहां से आया और स्वर्ण मंदिर कैसे पहुंचा.
गिल ने कहा कि पहली प्राथमिकता आरोपी की पहचान सुनिश्चित करना है और पुलिस सीसीटीवी से यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसके साथ कोई और भी तो नहीं था.
पुलिस आयुक्त ने कहा कि मृतक का पोस्टमॉर्टम कराया गया है और विसरा सुरक्षित रख लिया गया है, ताकि यह पता लगाया जाए सके कि कहीं वह नशे में तो नहीं था.
रंधावा ने बताया कि एसजीपीसी अधिकारियों से बातचीत के दौरान सुझाव आया कि एसजीपीसी कार्यबल की अपनी खुफिया इकाई होनी चाहिए.
उन्होंने एक संवाददाता के सवाल पर कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और पुलिस इसके तह तक जाएगी.
पंजाब कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ इन घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि सीमा पार से पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है.
We may have political differences but no party can have such a disgusting mindset. I believe attempts to destabilise Punjab are being made from across the border. I condemn it but also urge that we should be calm & prudent: Punjab Congress leader Sunil Jakhar on sacrilege row pic.twitter.com/RTsb3UJIkR
— ANI (@ANI) December 20, 2021
उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन किसी भी पार्टी की इतनी घिनौनी मानसिकता नहीं हो सकती. मेरा मानना है कि सीमा पार से पंजाब को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. मैं इसकी निंदा करता हूं, लेकिन यह भी आग्रह करता हूं कि हमें शांत और विवेकपूर्ण होना चाहिए.’
इसी बीच, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने अमृतसर और कपूरथला जिलों में कथित बेअदबी और आरोपियों की कथित हत्या का स्वत: संज्ञान लिया और मुख्य सचिव, पंजाब को 26 दिसंबर से पहले एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पत्र लिखा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)