सितंबर में भाजपा विधायक गुलिहट्टी शेखर ने विधानसभा में दावा किया था कि चित्रदुर्ग ज़िले के होसदुर्ग तालुका के कुछ गांवों में जबरन धर्मांतरण करवाया जा रहा है. इसके बाद तहसीलदार थिप्पेस्वामी की अगुवाई वाली एक टीम द्वारा किए सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि स्थानीयों ने स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपनाने की बात कही थी.
नई दिल्लीः कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के होसदुर्ग तालुका के कुछ गांवों में जबरन धर्मांतरण के भाजपा विधायक के दावे का खंडन करने वाली तहसीलदार की रिपोर्ट पेश करने के कुछ दिनों बाद उक्त तहसीलदार का तबादला कर दिया गया है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तहसीलदार थिप्पेस्वामी का तबादला कर दिया गया है और उन्हें अपनी अगली पोस्टिंग का इंतजार है.
थिप्पेस्वामी ने बताया, ‘मैंने जबरन धर्मांतरण की कुछ रिपोर्टों के बाद सर्वे किया था. जिला प्रशासन ने मुझे यह सर्वे करने को कहा था. मेरी रिपोर्ट में मैंने वही बातें रखी थी जो लोगों ने मुझे बताई थी.’
हालांकि, उनका कहना है कि उनके तबादले का इस रिपोर्ट से कोई लेना-देना नहीं है.
सितंबर में भाजपा विधायक गुलिहट्टी शेखर ने विधानसभा में कहा था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है.
इन आरोपों के बाद होसदुर्ग तालुका प्रशासन ने कुछ गांवों में सर्वे कराया था. हालांकि, थिप्पेस्वामी की अगुवाई में सर्वे करने वाली टीम को पता चला कि इन परिवारों ने स्वेच्छा से ईसाई धर्म को अपनाया है.
रिपोर्ट में कहा गया कि तालुका के दो गांवों के 46 परिवारों ने जबरन नहीं बल्कि अपनी मर्जी से ईसाई धर्म स्वीकार किया है. परिवारों ने आधिकारिक टीम को बताया कि किसी ने उन्हें ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं किया.
उस समय थिप्पेस्वामी ने इस अख़बार को बताया, ‘परिवारों ने हमें बताया है कि किसी ने उन्हें मजबूर नहीं किया. वे खुश हैं और जब से उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया है, वे शांति से जी रहे हैं. जब हमने उनसे उन रिपोर्टों के बारे में पूछा कि कुछ लोग ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच उन्हें दे रहे हैं तो परिवारों ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया.’