उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर को दिए आदेश में कहा कि दोनों याचिकाकर्ता बालिग हैं और उन्हें अपने परिवार के विरोध के बावजूद अपना जीवनसाथी चुनने का मौलिक अधिकार है.
नई दिल्लीः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे समलैंगिक जोड़े को तुरंत पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर को अपने आदेश में कहा कि दोनों पुरुषों (बालिग) को अपने परिवार के विरोध के बावजूद अपना जीवनसाथी चुनने का मौलिक अधिकार है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे दो लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
याचिकाकर्ताओं के परिजनों ने उनके इस रिश्ते का विरोध किया और उन्हें खामियाजा भुगतने की धमकी दी.
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने 14 दिसंबर को पुलिस में शिकायत की थी लेकिन उनकी जिंदगी और संपत्ति की रक्षा के लिए पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए उन्हें अदालत का रुख करना पड़ा.
चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस एनएस धनिक की पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ताओं के वकील ने ऊपर उल्लेखित इन तथ्यों को दोहराया. याचिकाकर्ताओं के वकील के मुताबिक दोनों याचिकाकर्ता बालिग हैं इसलिए वे अपना जीवनसाथी चुनने के लिए स्वतंत्र हैं. अगर प्रतिवादी संख्या चार और आठ शादी का विरोध भी करें तो इन्हें याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों में दखल देने की मंजूरी नहीं दी जा सकती.’
याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (उधमसिंह नगर जिला) को इन्हें तुरंत पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने को कहा.
इस पर अदालत ने कहा, ‘निस्संदेह याचिकाकर्ता जो बालिग हैं, उनके पास अपने परिवार के विरोध के बावजूद अपने जीवनसाथी का चुनाव करने का अधिकार है इसलिए प्रतिवादी संख्या चार और आठ को याचिकाकर्ताओं को धमकाने या उन्हें चोट पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.’
अदालत ने कहा, ‘एसएसपी को दोनों याचिकाकर्ताओं को तुरंत पुलिस मुहैया कराने का निर्देश दिया जाता है. सिर्फ उनके जीवन की ही नहीं बल्कि उनकी संपत्ति की भी सुरक्षा करनी होगी.’