आगरा में हिंदुत्ववादी संगठनों का आरोप है कि ईसाई मिशनरी क्रिसमस के मौक़े पर बच्चों और ग़रीबों को अपने धर्म की ओर आकर्षित करने के लिए सैंटा क्लॉज़ के ज़रिये से उपहार दिलवाकर ईसाई धर्म का प्रसार करते हैं. वहीं, असम के सिलचर में भगवा पहने युवाओं ने यह मांग करते हुए क्रिसमस कार्यक्रम में ख़लल डाला कि हिंदुओं को इस जश्न से दूर रहना चाहिए.
नई दिल्ली/सिलचर: उत्तर प्रदेश के आगरा में कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने क्रिसमस के मौके पर सैंटा क्लॉज का बीते शुक्रवार को पुतला जलाया.
उनका आरोप है कि ईसाई मिशनरी क्रिसमस के मौके पर बच्चों और गरीबों को अपने धर्म की ओर आकर्षित करने के लिए सैंटा क्लॉज के माध्यम से उपहार वितरण कराते हैं और ईसाई धर्म का प्रसार करते हैं.
हिंदू संगठनों अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सेंट जॉन्स कॉलेज के बाहर एमजी रोड और शहर के विभिन्न स्कूलों के बाहर सैंटा क्लॉज के पुतले जलाए, जिन्हें ‘फादर क्रिसमस’ या ‘सेंट निकोलस’ भी कहा जाता है.
राष्ट्रीय बजरंग दल के क्षेत्रीय महासचिव अज्जू चौहान ने आरोप लगाया, ‘दिसंबर आते ही ईसाई मिशनरी क्रिसमस, सैंटा क्लॉज और नए साल के नाम पर सक्रिय हो जाते हैं और वे बच्चों को सैंटा क्लॉज से उपहार बांटकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करवाते हैं.’
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इंडिया टुडे के मुताबिक चौहान ने कहा, ‘सैंटा (क्लॉज) कोई उपहार लेकर नहीं आते हैं, उनका एकमात्र लक्ष्य हिंदुओं को ईसाई बनाना है. यह अब और नहीं चलेगा. धर्मांतरण के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा. इसे नहीं रोका गया तो मिशनरी स्कूलों में आंदोलन होगा.’
संगठन के अन्य सदस्य अवतार सिंह गिल ने दावा किया, ‘हम उन मिशनरियों पर नजर रखेंगे जो झुग्गियों में जाते हैं और हिंदुओं का ईसाई धर्म में धर्मांतरण करते हैं. सदस्य भी उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेंगे.’
गिल ने कहा, ‘इसे (धर्मांतरण) रोकने के लिए राष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा टीमें बनाई जाएंगी. ये टीमें बस्तियों और मुहल्लों पर नजर रखेंगी ताकि ईसाई धर्म अपनाने की इस तरह की द्वेषपूर्ण कोशिशों को नाकाम किया जा सके. अगर कोई मिशनरी ऐसा करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल सख्त कार्रवाई करेगा.’
असम में बदमाशों ने क्रिसमस उत्सव में खलल डाला
कछार जिले के सिलचर में बदमाशों ने यह मांग करते हुए क्रिसमस कार्यक्रम में खलल डाला कि हिंदुओं को इस जश्न से दूर रहना चाहिए.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि शनिवार शाम को हुई इस घटना में शामिल सात युवाओं को अभी तक हिरासत में लिया गया है. कछार की पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर ने बताया कि यह घटना शहर में एक खुले मैदान में क्रिसमस के जश्न के दौरान हुई.
उन्होंने कहा, ‘कुछ लड़के आयोजन स्थल पर गए और उन्होंने अन्य हिंदुओं से समारोह में भाग न लेने के लिए कहा. उन्होंने इस उत्सव का जश्न मना रहे ईसाइयों को नहीं रोका.’
कौर ने कहा कि पुलिस को घटना के संबंध में शिकायत नहीं मिली है लेकिन फिर भी उसने इसमें शामिल युवकों को हिरासत में लिया है.
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘हम घटना की जांच कर रहे हैं. हमारे पास अभी तक किसी भी समूह की संलिप्तता की जानकारी नहीं है.’
द सेंटिनल के अनुसार, ये भगवाधारी बजरंग दल से संबद्ध थे. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि बदमाशों का संबंध बजरंग दल से है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगवा चोला पहन रखे इन युवाओं ने आयोजन स्थल पर मौजूद लोगों से हाथापाई शुरू कर दी तथा ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए.
यह घटना रात करीब नौ बजे हुई जब आयोजन स्थल पर काफी लोग मौजूद थे. जब वहां मौजूद लोगों ने युवकों से पूछा कि वे जश्न समारोह पर आपत्ति क्यों उठा रहे हैं तो उन्होंने कथित तौर पर कहा कि हिंदू होने के नाते उन्हें ‘तुलसी दिवस’ मनाना चाहिए जो क्रिसमस के दिन ही मनाया जाता है. यह कोई नहीं मना रहा है जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)