नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक में केरल को मिला शीर्ष स्थान, उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी राज्य

नीति आयोग ने बताया कि यह रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से तैयार की गई है. इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य के मानकों पर तमिलनाडु और तेलंगाना क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. 

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

नीति आयोग ने बताया कि यह रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से तैयार की गई है. इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य के मानकों पर तमिलनाडु और तेलंगाना क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

अप्रैल 2021 में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कानपुर का एक अस्पताल. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: नीति आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार, बड़े राज्यों में,सभी मानकों पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल ने एक बार फिर शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है. चौथे स्वास्थ्य सूचकांक में 2019-20 (संदर्भ वर्ष) की अवधि को ध्यान में रखा गया है.

सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य के मानकों पर तमिलनाडु और तेलंगाना क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धि संबंधी प्रदर्शन (incremental performance) में उत्तर प्रदेश ने सबसे ऊंचा स्थान हासिल किया है. रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश ने आधार वर्ष (2018-19) से संदर्भ वर्ष (2019-20) तक सर्वाधिक वृद्धि परिवर्तन दर्ज किया है.

छोटे राज्यों में मिजोरम शीर्ष स्थान पर है जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली एवं जम्मू कश्मीर ने सभी मानकों पर सबसे नीचे है और वृद्धि संबंधी प्रदर्शन में सबसे ऊंचा स्थान प्राप्त किया.

रिपोर्ट में कहा गया कि लगातार चौथे सूचकांक में, सभी मानकों पर केरल का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना का सभी मानकों और वृद्धि के संबंध में प्रदर्शन अच्छा रहा और दोनों में उसने तीसरा स्थान प्राप्त किया.

राजस्थान ने संपूर्ण रूप से और वृद्धि के संबंध में कमजोर प्रदर्शन किया. यह रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से तैयार की गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे राज्यों के मामले में, मिजोरम और त्रिपुरा ने मजबूत समग्र प्रदर्शन दर्ज किया और साथ ही वृद्धि संबंधी प्रदर्शन में सुधार दिखाया.

रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सूचकांक एक तुलनात्मक समग्र स्कोर है जिसमें स्वास्थ्य प्रदर्शन के प्रमुख पहलुओं को शामिल करते हुए 24 संकेतक शामिल हैं. स्वास्थ्य सूचकांक में तीन क्षेत्रों- स्वास्थ्य परिणाम, शासन और सूचना तथा प्रमुख इनपुट और प्रक्रियाएं- के चुनिंदा संकेतक शामिल होते हैं.

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नीति आयोग द्वारा जारी स्वास्थ्य सूचकांक में उत्तर प्रदेश के खराब प्रदर्शन पर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है.

यादव ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स (स्वास्थ्य सूचकांक) में स्वास्थ्य और चिकित्सा के मामले में यूपी (उत्तर प्रदेश) सबसे नीचे. ये है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की सच्ची रिपोर्ट. दुनिया भर में झूठे विज्ञापन छपवाकर सच्चाई बदली नहीं जा सकती.’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने इसी ट्वीट में कहा, ‘उत्तर प्रदेश की सेहत खराब करने वालों को जनता बाइस में जवाब देगी. यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)