धार्मिक नेता कालीचरण महाराज पर महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में दो मामले दर्ज किए गए हैं. पुणे पुलिस ने एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कालीचरण, दक्षिणपंथी नेता मिलिंद एकबोटे और चार अन्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. एकबोटे भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी हैं.
पुणे: पुणे पुलिस ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में हिंदू धार्मिक नेता कालीचरण महाराज, दक्षिणपंथी नेता मिलिंद एकबोटे और चार अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मुगल सेनापति अफजल खान को मारे जाने की घटना का जश्न मनाने के लिए एकबोटे के समस्त हिंदू आघाड़ी संगठन ने महाराष्ट्र में 19 दिसंबर को ‘शिव प्रताप दिन’ कार्यक्रम का आयोजन किया था.
पुलिस के अनुसार, इस कार्यक्रम में कालीचरण महाराज, एकबोटे, कैप्टन दिगेंद्र कुमार (सेवानिवृत्त) और अन्य लोग शामिल हुए थे.
पुलिस निरीक्षक (अपराध) हर्षवर्धन गडे़ ने कहा कि कैप्टन कुमार कारगिल युद्ध के नायक हैं, जिन्हें कारगिल युद्ध में साहसिक कार्यों के लिए ‘महावीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि खड़क थाने में कालीचरण महाराज, एकबोटे, कैप्टन कुमार और तीन अन्य के खिलाफ मंगलवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 (ए) (जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 298 (जान-बूझकर किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की मंशा) और 505 (2) (दुश्मनी, घृणा या द्वेष पैदा करने के इरादे से पूजा के स्थान पर झूठे बयान,अफवाह फैलाना आदि) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
प्राथमिकी के अनुसार, सभी आरोपियों ने कथित तौर पर मुसलमानों और ईसाइयों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और लोगों के बीच सांप्रदायिक दरार पैदा करने के इरादे से भड़काऊ भाषण दिए थे.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने घटना के वीडियो फुटेज की जांच के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मामले में दर्ज अन्य आरोपियों की पहचान मोहनराव शेटे, दीपक नागपुरे और नंदकिशोर एकबोटे के रूप में हुई है.
मालूम हो कि इससे पहले कालीचरण महाराज के खिलाफ हाल में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि हिंदू धार्मिक नेता कालीचरण महाराज ने कहा है कि उन्हें इसका कोई पश्चाताप नहीं है.
रायपुर के रावणभाठा मैदान में बीते 26 दिसंबर को दो दिवसीय धर्म संसद के अंतिम दिन कालीचरण महाराज ने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपिता के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की थी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी.
उन्होंने लोगों से धर्म की रक्षा के लिए सरकार के मुखिया के रूप में एक कट्टर हिंदू नेता को चुनने के लिए भी कहा था.
वही, मिलिंद एकबोटे 2018 में पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा के मामले में आरोपी हैं. उन्हें भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के द्विशताब्दी समारोह से पहले भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)