पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक हस्तियों के साथ अभिनेता की हालिया बैठकों पर कुछ मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान देने के बाद यह निर्णय लिया गया है. सोनू सूद ने कहा कि यह निर्णय मेरे और चुनाव आयोग द्वारा मेरे परिवार के एक सदस्य द्वारा पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के आलोक में लिया गया है.
चंडीगढ़: भारत के निर्वाचन आयोग ने अभिनेता सोनू सूद की पंजाब के ‘राज्य प्रतीक’ (State Icon) के तौर पर नियुक्ति रद्द कर दी है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. करुणा राजू ने बीते सात जनवरी को यह जानकारी दी. वहीं, बॉलीवुड अभिनेता ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से पद छोड़ दिया, क्योंकि परिवार का एक सदस्य आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रहा है.
निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने करीब एक साल पहले सोनू सूद को पंजाब का ‘आइकॉन’ नियुक्त किया था.
राजू ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग ने सूद की पंजाब के ‘राज्य के प्रतीक’ के तौर पर नियुक्ति को चार जनवरी को रद्द कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि अभिनेता और समाजसेवी सोनू सूद ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि उनकी बहन मालविका राजनीति में आ रही हैं, लेकिन उनकी ऐसी कोई योजना नहीं है.
सूद ने एक ट्वीट में कहा, ‘हर अच्छी चीज की तरह, इस सफर का भी अंत होना था. मैंने ‘स्टेट आइकन ऑफ पंजाब’ के रूप में पद छोड़ दिया है. यह निर्णय मेरे और चुनाव आयोग द्वारा पारस्परिक रूप से मेरे परिवार के एक सदस्य द्वारा पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के आलोक में लिया गया है. मैं उन्हें भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं.’
Like all good things, this journey has come to an end too.I've voluntarily stepped down as the State Icon of Punjab.This decision was mutually taken by me and EC in light of my family member contesting in Punjab Assembly Elections.
I wish them luck for future endeavours.🇮🇳— sonu sood (@SonuSood) January 7, 2022
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. करुणा राजू ने कहा कि राजनीतिक हस्तियों के साथ अभिनेता की हालिया बैठकों पर कुछ मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान देने के बाद यह निर्णय लिया गया है.
राजू ने कहा, ‘भारतीय निर्वाचन आयोग का स्टेट आइकन होने के हमें एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत होती है, जो गैर-राजनीतिक हो और किसी राजनीतिक दल, उसकी गतिविधियों या राजनेताओं से न जुड़ा हो. इसलिए हमने उन्हें स्टेट आइकन के रूप में हटाने की सिफारिश की, जिसे आयोग ने मंजूरी दे दी है.’
इस संबंध में अभिनेता सोनू सूद को एक लिखित संदेश भेजे जाने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘मैंने सूद से बात की और उन्हें इस बात की सूचना दे दी है. हमने उनके शानदार सफर के लिए भी उनका शुक्रिया अदा किया.’
राजू ने कहा कि उनकी नियुक्ति 4 जनवरी को वापस ले ली गई थी. हाल के दिनों में सूद ने कई बार पंजाब का दौरा किया था. इस दौरान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल सहित कई राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात की थी.
उन्होंने कुछ हफ्ते पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी, जिसमें घोषणा की गई थी कि उनकी बहन मालविका सूद सच्चर मोगा से चुनाव लड़ेंगी. हाल ही में वह इस निर्वाचन क्षेत्र में डेरा डाले हुए थे और चुनाव अभियान के तहत अपनी बहन के साथ गांवों का दौरा कर रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अभिनेता सोनू सूद ने कहा कि उन्होंने पहले से ही यह खिताब छोड़ने की योजना बनाई थी, क्योंकि उनकी बहन चुनाव लड़ेंगी.
उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग का साथ यह सफर बेहतरीन रहा. हालांकि मैं अब इस खिताब के लिए फिट नहीं था, क्योंकि मेरी बहन मोगा से चुनाव लड़ेगी. मैं आने वाले दिनों में खुद खिताब छोड़ने की योजना बना रहा था.’
सूद मूल रूप से पंजाब के मोगा जिले के हैं और कोविड महामारी के दौरान प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने की वजह से चर्चा में आए थे. उन्होंने कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए और जगह-जगह फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)