शुक्रवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय में भाजपा छोड़कर आने वाले मंत्री और विधायकों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. पुलिस द्वारा दर्ज शिकायत में उल्लेख है कि कार्यक्रम में हज़ारों की भीड़ जुटी थी. इसे लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर गौतमपल्ली थाने के प्रभारी को निलंबित किया गया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई विधायकों के शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने वाले कार्यक्रम में भारी संख्या में भीड़ जुटी थी, इसे कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन मानकर चुनाव आयोग के निर्देश पर सपा के 2,500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है.
इसी मामले में चुनाव आयोग के निर्देश पर गौतमपल्ली थाने के प्रभारी को शुक्रवार देर रात निलंबित किया गया है.
लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि सपा कार्यालय में कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में गौतमपल्ली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और इस संबंध में थाना प्रभारी को निलंबित किया गया है.
गौतमपल्ली थाने के उपनिरीक्षक अजय कुमार सिंह की तहरीर पर करीब 2500 सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 188 (सरकारी निर्देशों का उल्लंघन), 269 (रोग का संक्रमण फैलाना), 270 (संक्रमण फैलाकर दूसरों की जान जोखिम में डालना) और 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
सरकार द्वारा शुक्रवार देर रात जारी बयान के अनुसार, ‘भारत निर्वाचन आयोग ने कोविड महामारी की पृष्ठभूमि में विधानसभा चुनाव के संदर्भ में जारी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में, लखनऊ जिलाधिकारी की ओर से प्रेषित रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी गौतमपल्ली दिनेश सिंह बिष्ट को कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं.’
इसी आदेश के बाद थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया.
आयोग ने सहायक पुलिस आयुक्त अखिलेश सिंह एवं लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम गोविंद मौर्य को 15 जनवरी की सुबह 11 बजे तक इस संबंध में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं.
उल्लेखनीय है कि उपनिरीक्षक ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि शुक्रवार को करीब दो-ढाई हजार सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय के आसपास विक्रमादित्य मार्ग पर बेतरतीब तरीके से वाहनों को खड़ा करके मार्ग अवरुद्ध किया था और सपा कार्यालय में अवैध ढंग से भीड़ जुटाई थी.
तहरीर में यह भी कहा गया है कि कार्यकर्ताओं को लाउडस्पीकर से भीड़ खत्म करने और लोगों से वाहनों को हटाने के लिए कहा गया, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. उन्होंने चुनाव आचार संहिता और कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि सपा कार्यालय में सैकड़ों कार्यकर्ताओं को देखा गया, जिनमें से अधिकतर मास्क नहीं पहना हुआ था. एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, ‘जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की एक टीम वहां गई थी. पहली नजर में देखने पर कोविड-19 मानदंडों का उल्लंघन होता पाया गया. इसकी जांच की गई. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया.
मामले में कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि क़ानून के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने कोविड-19 मामलों में लगातार हो रही वृद्धि का हवाला देते हुए पांचों चुनावी राज्यों में 15 जनवरी तक सार्वजनिक रैलियों, रोड शो और सभाओं पर प्रतिबंध लगाया है.
बता दें कि यूपी में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. लखनऊ की बात करें तो शनिवार को 2,510 मामले सामने आए हैं , जो कि शुक्रवार की अपेक्षा 300 अधिक हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)