अभिनेता किरण माने को जिस शो से निकाला गया है, उसका प्रसारण मराठी चैनल स्टार प्रवाह चैनल पर होता है. माने के आरोपों पर चैनल की ओर से कहा गया है कि उन्हें इसलिए निकाला गया, क्योंकि वह साथी महिला कलाकारों के साथ दुर्व्यवहार करते थे. चैनल ने आरोपों को निराधार और मनगढ़ंत बताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण क़रार दिया है.
मुंबई: मराठी टीवी चैनल स्टार प्रवाह (Star Pravah) के लोकप्रिय सीरियल ‘मुलगी झाली हो’ से अभिनेता किरण माने को बीते 13 जनवरी को बाहर कर दिया गया.
माने के मुताबिक, उन्होंने सोशल मीडिया पर सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ अपने कुछ राजनीतिक विचार साझा किए थे, जिन्हें आधार बनाकर उन्हें सीरियल के लिए शूटिंग पर आने से मना कर दिया गया.
चैनल के फैसले के बाद माने ने घटना को लेकर फेसबुक पर अपना दर्द साझा किया. तब से वे लगातार फेसबुक के माध्यम से इस मसले पर अपनी बात रख रहे हैं.
दूसरी ओर अभिनेता को निकाले जाने के फैसले का सोशल मीडिया पर व्यापक विरोध किया जा रहा है. माने के ही फेसबुक पोस्ट पर देखा जा सकता है कि उनके समर्थन में कई लोग बोल रहे हैं.
Is it not cultural fascism?
Actor Kiran Mane was removed from tv serial 'Mulgi Zali Ho' by the Star Pravav channel.
Reason?
Mane was vocal on social media against fascist forces!
Mane was supporting secular forces by propagating views of Ambedkar-Shahu-Phule#kiranmane pic.twitter.com/rcIvbo0FyK— Saleem Sarang (@Sarangsspeaks) January 15, 2022
साथ ही, फेसबुक और ट्विटर पर #istandwith_KiranMane हैशटैग चलाया जा रहा है. लोग इस तानाशाही भरे फैसले के लिए स्टार प्रवाह पर हमलावर हो रहे हैं और इसे राजनीतिक विरोधी स्वरों के प्रति असहिष्णु रवैया और हिंदुत्व आधिपत्य का उदाहरण करार दे रहे हैं.
हालांकि, पहले भी कई मराठी टीवी और फिल्म कलाकार अपने सामाजिक और राजनीतिक विचारों को जाहिर करते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है कि किसी कलाकार को शो या फिल्म से बाहर किया गया हो.
.@StarPravah sacked an actor #kiranmane from a TV show over a sarcastic post on facebook!
Are we living in an undeclared emergency?
I urge Hon'ble @CMOMaharashtra & @satejp Sir to ensure Freedom of Expression in our state!!! #IStandwith_KiranMane pic.twitter.com/WrPPQ4GjOF
— Bilal Ahmed (@BilalAhmedNgp) January 13, 2022
शरद पोंक्षे और विक्रम गोखले जैसे वरिष्ठ कलाकार खुले तौर पर दक्षिणपंथ और सावरकर के विचारों का समर्थन कर चुके हैं. वहीं, अभिनेत्री कंगना रनौत ने तो हाल ही में कहा था कि भारत को आजादी अंग्रेजों से भीख में मिली है, असली आजादी तो 2014 में मिली है.
इतना ही नहीं गोखले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कंगना के बयान का समर्थन तक किया था. फिर भी उनके खिलाफ किसी भी फिल्म निर्माता या चैनल ने कोई कार्रवाई नहीं की.
दूसरी ओर माने को कथित तौर पर मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार और उसकी दक्षिणपंथी विचारधारा के खिलाफ पक्ष रखने के लिए सीरियल से हटा दिया गया है.
बहरहाल, घटना के बाद एक अखबार से बात करते हुए माने ने इसे भीड़ तंत्र करार दिया और कहा, ‘आप लोगों को याद रखना चाहिए कि यह सब छत्रपति शिवाजी, संत तुकाराम, शाहू, फुले और आंबेडकर के महाराष्ट्र में हो रहा है. महाराष्ट्र को इस भीड़ तंत्र को नहीं सहना चाहिए. देखते हैं मेरे मामले में आगे क्या होता है. अगर मुझे न्याय मिलता है तो कई लोग आगे आकर बोलने की हिम्मत जुटा पाएंगे.’
उन्होंने कहा, ‘लोगों को तय करना चाहिए कि वे किस रास्ते पर जाना चाहते हैं. मेरे (फेसबुक) सभी पोस्ट पढ़ें. आपको कहीं भी जातिवाद का जहर नहीं मिलेगा. आप यह नहीं पाएंगे कि मैंने मर्यादाओं को ताक पर रखकर किसी की आलोचना की है.’
माने ने आगे कहा, ‘जब हम थियेटर में काम करते थे तो इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की आलोचना करते थे. इसके लिए कांग्रेस के नेता भी हमारी सराहना करते थे. उन्होंने यह नहीं कहा कि आप हमारी आलोचना न करें या ऐसी कोई धमकी न दें, लेकिन अब अगर हम एक वाक्य भी लिखते हैं, तो हमें यह कहकर धमकी दी जाती है कि आप इसे कैसे लिख सकते हैं?’
बहरहाल इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और वर्तमान महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने ट्विटर पर रोष व्यक्त किया है.
अपने ट्वीट्स में उन्होंने लिखा है, ‘किरण माने जो स्टार प्रवाह के टीवी सीरियल मुलगी झाली हो, में विलास पाटिल का किरदार निभाते हैं, उन्हें अचानक सीरियल से निकाल दिया गया है, क्योंकि वे सोशल मीडिया पर लिखते हैं और फुले, शाहू व आंबेडकर की विचारधारा पर चलते हैं तथा केंद्र सरकार से उसकी गलत नीतियों पर सवाल करते हैं.’
उन्होंने आगे लिखा है, ‘महाराष्ट्र ने दादा कोंडके, पीएल देशपांडे और नीलू फुले जैसे कलाकारों को सम्मानित किया है, जबकि उन्होंने (सरकारों) की आलोचना की. याद रखें, किसी की रोजी-रोटी पर सिर्फ इसलिए हमला करना गलत है, क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र की इस बौद्धिक परंपरा को आगे बढ़ाया और आपकी आलोचना की.’
इसी तरह महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव और मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने कहा, ‘किरण माने के मामले में जो भी हुआ है, उसे रोकना चाहिए. ऐसा तानाशाही रवैया महाराष्ट्र में नहीं होने दिया जाएगा. संविधान के अनुसार, हर व्यक्ति को अधिकार है कि वह अपने विचार व्यक्त करे. किसी एक विचारधारा को लागू करने के लिए किसी की आजीविका को ठेस पहुंचाने की कोशिशों को कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी. पार्टी मजबूती से माने के साथ खड़ी है.’
चैनल ने आरोपों को नकारा
हालांकि, स्टार प्रवाह ने माने के दावों को नकार दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, चैनल ने बीते 15 जनवरी को एक बयान जारी करके कहा है कि अभिनेता को अपनी महिला सह-कलाकारों के साथ सेट पर गलत व्यवहार करने के लिए हटाया गया है. शो के निर्माताओं ने माने के आरोपों को निराधार और मनगढ़ंत बताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
साथ ही माने पर आरोप लगाए गए हैं कि कई सह-कलाकार, निर्देशक और शो की यूनिट के अन्य सदस्यों ने माने के व्यवहार को लेकर अनेक शिकायतें की थीं, जिससे शो के सेट का माहौल बिगड़ रहा था. इस संबंध में माने को कई चेतावनियां दी गईं थीं.
बहरहाल, माने ने चैनल के आरोपों से इनकार किया है और उन्हें आधारहीन बताया है. द वायर ने इस मामले में माने से संपर्क किया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
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