‘बुली बाई’ ऐप मामले में गिरफ़्तार एमबीए डिग्री धारी नीरज कुमार सिंह के परिवार के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि उन्हें जांच में मदद के लिए मुंबई ले जाया गया है. इस मामले में इससे पहले गिरफ़्तार किए गए तीन अन्य आरोपियों को ज़मानत देने से अदालत ने इनकार कर दिया है.
मुंबई/भुवनेश्वर: ‘क्लब हाउस ऐप’ पर चैट के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने हरियाणा से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन चैट्स में कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अश्लील टिप्पणी की गई थी.
इस बीच मुंबई अपराध शाखा की साइबर पुलिस ने इसी तरह के एक अन्य मामले (‘बुली बाई’ ऐप) में बृहस्पतिवार को ओडिशा से एक युवक को गिरफ्तार किया. इस मामले में यह चौथी गिरफ़्तारी है.
मुंबई पुलिस ने ‘क्लब हाउस ऐप’ पर चैट के सिलसिले में हरियाणा से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अश्लील टिप्पणी की गई थी. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि मुंबई अपराध शाखा के साइबर थाने के कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार रात इन लोगों को गिरफ्तार किया.
शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर शहर की पुलिस को मामले में गिरफ्तारी के लिए शुभकामनाएं दी.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुंबई पुलिस को बधाई. उन्होंने क्लब हाउस चैट के खिलाफ भी कार्रवाई की और कुछ गिरफ्तारियां भी की गई हैं. नफरत को ना कहें.’
दिल्ली पुलिस ने बीते 19 जनवरी को ‘क्लब हाउस ऐप’ और सर्च इंजन ‘गूगल’ को पत्र लिखकर कथित ऑडियो ग्रुप चैट के आयोजक के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसमें कथित तौर पर ‘मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अश्लील टिप्पणी की गई थीं.’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने जांच के तहत ‘ग्रुप ऑडियो चैट’ के कुछ सदस्यों की पहचान भी की, जिसमें दोनों समुदायों के पुरुष और महिलाएं शामिल थे.
एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई के एक संगठन ने ‘क्लब हाउस ऐप’ के संबंध में बुधवार (19 जनवरी) को शहर की पुलिस से शिकायत की थी और उसे निष्क्रिय करने तथा मामला दर्ज करने की मांग की थी.
बुली बाई ऐप मामले में एक और गिरफ़्तार, तीन अन्य की ज़मानत ख़ारिज
मुंबई अपराध शाखा की साइबर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बुली बाई ऐप में मामले गिरफ्तार आरोपी की पहचान 28 वर्षीय नीरज सिंह के रूप में की गई है, जो एमबीए डिग्री धारी है. पुलिस के अनुसार नीरज ने मुख्य आरोपी के साथ मिलकर ऐप के निर्माण की योजना बनाई थी.
बुली बाई ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ कर बिना उनकी सहमति के उन्हें ‘नीलामी’ के लिए डालकर उन्हें निशाना बनाया गया था.
अधिकारी ने कहा, ‘नीरज की भूमिका इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में सामने आई. पूछताछ के बाद साइबर थाने की एक टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए ओडिशा भेजी गई थी.’
उन्होंने बताया कि नीरज को मुंबई लाया जा रहा है, जहां उसे एक अदालत में पेश किया जाएगा.
जिला पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र दास ने संवाददाताओं को बताया कि मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने दिन में नीरज को झारसुगुडा के ब्रजराज नगर से गिरफ्तार किया और स्थानीय अदालत में पेश कर ‘ट्रांजिट रिमांड’ पर ले लिया.
हालांकि ‘बुली बाई’ ऐप मामले में गिरफ्तार युवक नीरज कुमार सिंह के परिवार के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उसे जांच में मदद के लिए मुंबई ले जाया गया है.
नीरज के वकील पी. राममोहन राव के अनुसार, पुलिस को संदेह है कि नीरज ऐप की योजना बनाने और इसे शुरू करने में शामिल हो सकता है. हालांकि, आरोपी के भाई मुकेश कुमार सिंह ने दावा किया कि उसे मुंबई पुलिस से पता चला है कि नीरज को मामले की जांच में मदद करने के लिए महाराष्ट्र की राजधानी ले जाया गया है.
नीरज की गिरफ्तारी के साथ मुंबई पुलिस बुली बाई ऐप मामले में अब तक कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
इससे पहले मामले में मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से 19 वर्षीय युवती श्वेता सिंह, 21 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा को बेंगलुरु से, उत्तराखंड से ही 21 वर्षीय अन्य युवक मयंक रावल को गिरफ्तार किया है.
बुली बाई ऐप मामले के मुख्य साजिशकर्ताओं में कथित तौर पर शामिल 21 वर्षीय नीरज विश्नोई को दिल्ली पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया था.
विश्नोई की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी के साथ मामला सुलझ गया है.
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म ‘गिटहब’ पर मौजूद ‘बुली बाई’ ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘नीलामी’ के लिए डालने की शिकायतें सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
हालांकि, ऐप पर कोई वास्तविक ‘नीलामी’ या ‘बिक्री’ नहीं की गई, लेकिन माना जा रहा है कि इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य लक्षित महिलाओं को डराना और अपमानित करना था.
इस बीच मुंबई की एक अदालत ने ‘बुली बाई’ ऐप से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार तीन छात्रों की जमानत याचिकाओं को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया.
तीन आरोपियों में विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत शामिल हैं. मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने सिंह (18) और रावत (21) को पांच जनवरी को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था, जबकि झा को चार जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था.
उपनगरीय बांद्रा में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था. अदालत का विस्तृत आदेश अभी प्राप्त नहीं हो सका है.
इससे पहले पुलिस ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए दावा किया था कि आरोपियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के लिए सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल समाज में शांति भंग करने और धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से किया है.
पुलिस ने अदालत से कहा कि तीनों आरोपी ट्विटर, इंस्टाग्राम और जीमेल पर कई सोशल मीडिया अकाउंट संचालित कर रहे थे. साइबर प्रकोष्ठ ने कहा है कि अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने वाले कई खातों को हटा दिया गया या निलंबित कर दिया गया और इस संबंध में अभी जानकारी जुटानी है.
मुंबई पुलिस ने उन कई महिलाओं की शिकायतों के बाद प्राथमिकी दर्ज की, जिन्हें ‘बुली बाई’ ऐप में निशाना बनाया गया था. ऐप में कई मुस्लिम महिलाओं के विवरण सार्वजनिक किए गए थे.
इस बीच दो और लोगों- नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर – को मामले में पूछताछ के लिए ‘ट्रांजिट रिमांड’ पर बृहस्पतिवार को मुंबई लाया गया था. इन दोनों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
बिश्नोई को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज ‘बुली बाई’ ऐप से जुड़े एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था, जबकि ठाकुर को ‘सुली डील’ ऐप मामले में गिरफ्तार किया गया था.
‘बुली बाई’ ऐप की तरह पिछले साल कथित तौर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ के लिए सुली डील्स ऐप पर अपलोड कर दिया गया था, उसके बाद से इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है.
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने बिश्नोई को असम से गिरफ्तार किया था और उसका दावा है कि वह ‘बुली बाई’ ऐप का मुख्य निर्माता है.
बिश्नोई और ठाकुर को बांद्रा मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया जहां उन्हें 27 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
गौरतलब है कि सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दिया गया था.
ऐप द्वारा लक्षित महिलाओं में से एक द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस अपराध शाखा के साइबर पुलिस स्टेशन (पश्चिम) ने 1 जनवरी को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिन्होंने ऐप विकसित किया था और कुछ ट्विटर हैंडल ने इसकी सामग्री का प्रसार किया था.
ऐप को 31 दिसंबर 2021 को अमेरिका के ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब ने होस्ट किया था, जिसमें कम से कम 100 मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरें अश्लील टिप्पणियों के साथ ऑनलाइन पोस्ट की गई थीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)