समलैंगिक मेजर के जीवन से प्रेरित फिल्म की पटकथा को रक्षा मंत्रालय से नहीं मिली मंज़ूरी

यह पटकथा फिल्मकार ओनीर की अगली फिल्म की थी, जो भारतीय सेना के एक मेजर के जीवन के वास्तविक संघर्षों से प्रेरित थी, जिन्हें समलैंगिक होने की वजह से साल 2010 में अपने पद से हटना पड़ा था.

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फिल्मकार ओनिर (फोटो साभारः ट्विटर)

यह पटकथा फिल्मकार ओनीर की अगली फिल्म की थी, जो भारतीय सेना के एक मेजर के जीवन के वास्तविक संघर्षों से प्रेरित थी, जिन्हें समलैंगिक होने की वजह से साल 2010 में अपने पद से हटना पड़ा था.

फिल्मकार ओनीर (फोटो साभारः ट्विटर)

नई दिल्लीः रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के एक समलैंगिक मेजर के जीवन पर आधारित फिल्म की पटकथा को खारिज कर दिया. इन मेजर ने बाद में सेना में अपना पद छोड़ दिया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पटकथा फिल्मकार ओनीर की अगली फिल्म की थी, जो सेना के एक मेजर के जीवन के वास्तविक संघर्षों से प्रेरित थी, जिन्हें समलैंगिक होने की वजह से साल 2010 में सेना से अपने पद से हटना पड़ा था.

यह फिल्म ओनीर की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘आई एम’ का सीक्वल होती. बता दें कि ‘आई एम’ में सिंगल मदरहुड, समलैंगिकता और अन्य सामाजिक मुद्दों को उठाया गया था.

इस मामले पर ओनीर ने ट्वीट कर बताया कि भारतीय सेना में समलैंगिकता अभी भी गैरकानूनी है.

‘माई ब्रदर निखिल’ का निर्देशन कर चुके ओनीर ने कहा, ‘हमें समाज के रूप में समान व्यवहार को लेकर अभी लंबा रास्ता तय करना है.’

एक अन्य ट्वीट में ओनीर ने लिखा, ‘मेरा हमारी सेना के प्रति गहरा सम्मान और प्रेम है. उम्मीद है कि सेना सेक्सुअलिटी की वजह से देश की सेवा करने वाले किसी शख्स के साथ भेदभाव न करे.’

रिपोर्ट के मुताबिक, ओनीर को 19 जनवरी को सेना के रणनीतिक संचार इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल सचिन उज्जवल की ओर से एक ईमेल मिला था, जिसमें कहा गया, ’16 दिसंबर 2021 को ईमेल के जरिये मिली फिल्म की स्क्रिप्ट का विस्तार से विश्लेषण किया गया. यह बताते हुए खेद है कि स्क्रिप्ट को रक्षा मंत्रालय (सेना) से मंजूरी नहीं मिली है.’

जुलाई 2020 में बताया गया था कि रक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को पत्र लिखकर प्रोडक्शन हाउसों से सेना या इसकी विषयवस्तु पर आधारित फिल्म, डॉक्यूमेंट्री या वेब सीरीज का प्रसारण करने से पहले मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेने का अनुरोध किया था.

रिपोर्ट्स बताती हैं, ‘सीबीएफसी से उन घटनाओं पर लगाम लगाने को कहा गया, जिनसे सुरक्षाबलों की छवि खराब होती हैं और जवानों एवं पूर्व सैन्यकर्मियों की भावनाएं आहत होती हैं.’

ओनीर ने एनओसी लेने के लिए सेना को फिल्म की स्क्रिप्ट सौंपी थी. खबर है कि फिल्मकार अपने वकीलों से बात कर आगे का रास्ता निकालने पर विमर्श कर रहे हैं.

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कई लोगों ने फिल्म की स्क्रिप्ट सेना द्वारा खारिज किए जाने की रिपोर्टों पर ट्वीट कर कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर रखने के फैसले के खिलाफ है.