चीन की सेना को अरुणाचल का लापता किशोर मिला, पहचान होनी बाकी: सूत्र

अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले से 18 जनवरी को एक किशोर मिराम तरोन लापता हो गया था, जिसके बाद 19 जनवरी को सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों द्वारा किशोर का अपहरण किए जाने का दावा किया था. घटना के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने किशोर का पता लगाने के लिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से मदद मांगी थी.

//
चीनी सेना ने सियांग जिले से 17 वर्षीय एक किशोर का अपहरण कर लिया. (फोटो साभार: ट्विटर/@TapirGao)

अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले से 18 जनवरी को एक किशोर मिराम तरोन लापता हो गया था, जिसके बाद 19 जनवरी को सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों द्वारा किशोर का अपहरण किए जाने का दावा किया था. घटना के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने किशोर का पता लगाने के लिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से मदद मांगी थी.

चीनी सेना ने सियांग जिले से 17 वर्षीय एक किशोर का अपहरण कर लिया. (फोटो साभार: ट्विटर/@TapirGao)

नयी दिल्लीः चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सेना को बताया कि उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अपने क्षेत्र में एक किशोर मिला है, लेकिन वह अभी यह पुष्टि नहीं कर सकते कि क्या यह वही किशोर है, जो 18 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले से लापता हो गया था.

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश से सांसद तापिर गाओ ने 19 जनवरी को दावा किया था कि पीएलए ने भारतीय क्षेत्र के अपर सियांग जिले से 17 वर्षीय एक किशोर मिराम तरोन का अपहरण कर लिया है.

चीनी सेना ने भारतीय सेना को बताया कि वह जल्द ही इस किशोर को उन्हें सौंप देंगे.

हालांकि, रक्षा सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने किशोर की पहचान की पुष्टि नहीं की है और ऐसा माना जाता है कि वह मिराम तरोन है, जिसे कथित तौर पर 18 जनवरी को अपर सियांग जिले से चीनी सैनिक ले गए थे.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तेजपुर में रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्द्धन पांडेय ने कहा कि पीएलए ने यहां अपने समकक्षों के समक्ष पुष्टि की है कि उन्हें भारत का एक किशोर मिला है.

सूत्रों का कहना है, ‘यह पता लगाने में एक सप्ताह का समय लग सकता है कि क्या यह वही भारतीय किशोर मिराम तरोन है, जिसका 18 जनवरी को पीएलए सैनिकों द्वारा अपहरण किए जाने का अरुणाचल पूर्व से भाजपा सांसद तापिर गाओ ने दावा किया था.’

सूत्र ने बताया, ‘पीएलए तस्वीरों के जरिये किशोर की पहचान की पुष्टि करेगी और उसके बाद उसे वापस भारत भेजने की प्रक्रिया शुरू करेगी. एलएसी से सटे उस सेक्टर में सिर्फ एक ही शख्स लापता है, इसलिए पूरी संभावना है कि यह किशोर तरोन ही है.’

घटना के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने किशोर का पता लगाने के लिए पीएलए से मदद मांगी थी.

सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने भारतीय सेना को सूचित किया कि उसे एक किशोर मिला है और उसे भारतीय पक्ष को सौंपने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है.

अरुणाचल प्रदेश से सांसद तापिर गाओ ने बताया कि उन्हें भारतीय सेना से पुष्टि मिली है कि किशोर पीएलए की हिरासत में है और जल्द ही सौंप दिया जाएगा.

तरोन के दोस्त जॉनी यायिंग ने पीएलए द्वारा अगवा किए जाने के बारे में अधिकारियों को सूचित किया था. दोनों जिदो गांव के स्थानीय शिकारी हैं.

बता दें कि यह घटना उस स्थान के पास हुई जहां से त्सांगपो नदी भारत में अरुणाचल प्रदेश में बहती है. त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है.

मालूम हो कि चीन के विदेश मंत्रालय ने 20 जनवरी को कहा था कि उसे इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन साथ में यह भी कहा था कि पीएलए सीमाओं को नियंत्रित करती है और अवैध प्रवेश एवं निकास गतिविधियों पर कार्रवाई करती है.

मालूम हो कि इससे पहले सितंबर 2020 में पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें रिहा कर दिया था.

इससे पहले मार्च 2020 में 21 वर्षीय युवक तोगली सिनकम को पीएलए ने मैकमहोन रेखा के नजदीक असापिला सेक्टर में पकड़ लिया था, जबकि उनके दो दोस्त बचकर भागने में कामयाब हुए थे. पीएलएल ने करीब 19 दिन तक बंधक बनाए रखने के बाद युवक को रिहा किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)