रेलवे भर्ती परीक्षा नतीजों का व्यापक विरोध, इलाहाबाद पुलिस ने लॉज में घुसकर छात्रों को पीटा

रेलवे भर्ती बोर्ड की आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में इलाहाबाद में रेलवे ट्रैक पर उतरे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं, तो बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस ने हवाई फायरिंग कर प्रदर्शनकारियों को हटाया. बढ़ते विरोध के बीच रेलवे ने पटरी पर प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में बाधा और रेल संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाने जैसी गतिविधियों में लिप्त लोगों को जीवनभर नौकरी से वंचित रखने की चेतावनी दी है.

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मंगलवार को इलाहाबाद में रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को खदेड़ती पुलिस. (फोटो: पीटीआई)

रेलवे भर्ती बोर्ड की आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में इलाहाबाद में रेलवे ट्रैक पर उतरे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं, तो बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस ने हवाई फायरिंग कर प्रदर्शनकारियों को हटाया. बढ़ते विरोध के बीच रेलवे ने पटरी पर प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में बाधा और रेल संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाने जैसी गतिविधियों में लिप्त लोगों को जीवनभर नौकरी से वंचित रखने की चेतावनी दी है.

मंगलवार को इलाहाबाद में रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को खदेड़ती पुलिस. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/इलाहबाद/पटना/नवादा/मुजफ्फरपुर/सीतामढ़ी: उत्तर प्रदेश और बिहार में रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया.

यूपी के इलाहाबाद में कई दिनों से ऑनलाइन विरोध कर रहे छात्र समूह मंगलवार को सड़कों पर उतर आए, और ट्रेन रोककर अपना विरोध दर्ज करवाने का प्रयास किया. इस बीच प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करती हुई पुलिस उनके लॉज तक पहुंची और वहां जाकर छात्रों को पीटा.

क्यों हो रहा है विरोध

बीते 14 जनवरी को आरआरबी-एनटीपीसी के नतीजे आए थे, जिसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ा है. तबसे छात्र सोशल मीडिया पर इसे लेकर रोष जाहिर कर रहे थे.

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था.

उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण में कहा था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था. सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी.

दैनिक जागरण के अनुसार, छात्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने अपने नोटिफिकेशन में सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) प्रथम परीक्षा में 20 प्रतिशत उम्मीदवारों के चयन की बात कही थी, हालांकि जब परिणाम आया तब बोर्ड ने केवल पांच प्रतिशत का ही चयन किया.

छात्रों का यह भी कहना है कि रेलवे बोर्ड मनमानी कर रहा है. इस परीक्षा में जिन छात्रों ने दो पदों के लिए क्वालीफाई किया है, जब वे एक ही पद चुनेंगे तो दूसरा खाली रहेगा. ऐसे में अगर अधिक संख्या में और नोटीफिकेशन के अनुरूप छात्रों का चयन करे, तब सभी पद भी भर सकेंगे और अधिक छात्रों को नौकरी भी मिल जाएगी.

इसलिए बोर्ड को परिणाम संशोधित करना चाहिए और अधिसूचना नोटीफिकेशन के अनुरूप 20 गुना परीक्षार्थियों को सीबीटी द्वितीय परीक्षा के लिए चयनित करना चाहिए.

एनटीपीसी के पहले चरण की परीक्षा के रिजल्ट में 80,643 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है. अब ये सफल अभ्यर्थी सीबीटी-टू की परीक्षा में शामिल होंगे, जो 14 से 18 फरवरी के बीच होगी.

मंगलवार को क्या हुआ 

अमर उजाला के अनुसार, आरआरबी परीक्षा परिणाम में अनियमितता का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी मंगलवार को दिन में करीब एक बजे अचानक सैकड़ों प्रतियोगी छात्र इलाहाबाद के छोटा बघाड़ा में इकठ्ठा हुए, जहां से एक जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए वे प्रयाग रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रैक पर कानपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के इंजन के सामने बैठ गए.

यहां जीआरपी ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुए. कुछ देर में कई थानों की फोर्स वहां पहुंची और छात्रों पर लाठीचार्ज किया. कुछ छात्रों ने भी पुलिस पर ट्रैक से उठाकर पत्थर फेंके.

इसके बाद पुलिस के दौड़ा-दौड़कर लाठियां बरसाने पर कई प्रदर्शनकारी छात्र भागकर आसपास की लॉज और छात्रावासों में छिप गए. इसके बाद पुलिस भी लॉज में पहुंची और कुछ लॉज में कमरों के दरवाजे तोड़ते हुए छात्रों को बाहर निकालकर उन्हें पीटा.

कई छात्र मंचो और संगठनों की तरफ से इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी गई है. वहीं, विपक्षी दलों ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा एक ट्वीट में कहा गया, ‘देश के संविधान ने हर नागरिक को विरोध-प्रदर्शन का अधिकार दिया है, लेकिन यूपी के जंगलराज में अपना हक मांगना भी जुर्म है.’

पार्टी के हैंडल से आगे कहा गया, ‘रोजगार मांगने के ‘अपराध’ में पुलिस हॉस्टल और लॉज में घुसकर छात्रों को पीट रही है. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश के नौजवानों को तानाशाह अजय बिष्ट की पुलिस ने संदेश दिया है कि इस गणतंत्र में अब विरोध-प्रदर्शन का अधिकार छीन लिया गया है.’

उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी छात्रों के निजी लॉज में पुलिस द्वारा तोड़फोड़ का वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए इस घटना की निंदा की.

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘इलाहाबाद में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है. प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए. युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं.’

उन्हने आगे कहा. ‘गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने हक की बात कह रहे छात्र-छात्राओं के साथ डबल इंजन सरकार की पुलिस का व्यवहार देखिए. युवाओं के दमन के खिलाफ देश भर में इंकलाब होगा और भाजपा का अहंकार चूर-चूर होगा. युवा रोजगार का हक लेकर रहेंगे.’

समाजवादी पार्टी ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी की तरफ से किए एक ट्वीट में कहा गया, ‘भाजपा सरकार में जब-जब युवाओं ने मांगी नौकरी, तब-तब मिली लाठियों की बौछार! इलाहाबाद में रेलवे भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की खबर, तस्वीरों से पटा पड़ा अखबार. युवाओं का इंकलाब होगा, यूपी में बदलाव होगा.

पुलिस ने कहा: अनावश्यक बलप्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई

जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि यह पूरा प्रकरण कर्नलगंज थाना क्षेत्र का है. पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रयाग स्टेशन के पास हजार की संख्या में छात्र उपद्रव कर रहे हैं और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया है.

उन्होंने बताया, ‘कुछ उपद्रवी छात्रों द्वारा रेल इंजन में आग लगाने की भी आशंका जताई गई थी. इस सूचना पर दंगा नियंत्रक उपकरणों के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस बल प्रयाग स्टेशन पहुंचा और छात्रों को वहां से भगाया. कुछ उपद्रवी छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया था.’

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पथराव के बाद ये छात्र आसपास के लॉज में जाकर छिप गए थे. पुलिस उनके लॉज में जाकर उन्हें बाहर निकालने का प्रयास कर रही थी. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल का भी प्रयोग किया, ऐसा वीडियो में दिखाई दे रहा है.

उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है और उपद्रवी छात्रों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर, जिन पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल का प्रयोग किया है, उसे भी काफी गंभीरता से लिया जा रहा है और उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा रही है.

बिहार में भी विभिन्न स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन, पुलिस ने हवाई फायरिंग की

मंगलवार को पटना में प्रदर्शन करते अभ्यर्थी. (फोटो: पीटीआई)

आरआरबी-एनटीपीसी  परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में जारी छात्रों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को बिहार के अन्य हिस्सों में फैल गया.

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया जिससे राज्य में ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई. विरोध प्रदर्शन के कारण मंगलवार को कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया या वैकल्पिक मार्गों पर चलाया गया.

छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के कारण पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) क्षेत्र से गुजरने वाली 25 से अधिक ट्रेनों के संचालन में बाधा उत्पन्न हुई जिससे यात्रियों को असुविधा हुई.

विरोध-प्रदर्शन की घटनाएं पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बक्सर और भोजपुर जिलों से हुईं. कुछ जगहों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया, सुरक्षा लों से भिड़ गए और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

सीतामढ़ी में रेलवे स्टेशन पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं.

ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने मंगलवार को बताया कि पटना के राजेंद्र नगर स्टेशन से चलने वाली दुर्ग-राजेंद्र नगर दक्षिण बिहार एक्सप्रेस को प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण दिन के लिए रद्द करना पड़ा. कई अन्य ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े.

इससे पहले आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा 2021 के परिणाम से नाराज छात्रों ने सोमवार को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनस पर धरना दिया और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था.

प्रदर्शनकारियों को नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा: रेलवे 

इस बीच, रेल मंत्रालय ने रेल की पटरी पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में व्यवधान उत्पन्न करने और रेल की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों को रेलवे की नौकरी से वंचित करने की बात कही है.

बढ़ते विरोध के बीच रेल मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी पाने से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित करने की चेतावनी दी.

मंगलवार को पटना में प्रदर्शन करते अभ्यर्थी. (फोटो: पीटीआई)

एनटीपीसी के विरोध के संबंध में रेल मंत्रालय के आधिकारिक नोटिस में उल्लेख किया गया है कि जो उम्मीदवार गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए जाएंगे उन्हें रेलवे में नौकरी के लिए अनुपयुक्त माना जाएगा.

इन गैरकानूनी गतिविधियों में रेलवे पटरियों पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में व्यवधान, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आदि शामिल हैं.

रेलवे ने एनटीपीसी, लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित कीं

भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद  रेलवे ने एनटीपीसी और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है.

रेलवे के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी.

प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)