मध्य प्रदेश के सागर ज़िले के बंडा थाना क्षेत्र का मामला. परंपरा के ख़िलाफ़ एक दलित दूल्हे की बारात घोड़ी पर बैठाकर निकालने से नाराज़ गांव के एक वर्ग ने कथित रूप से उनके घर पर पथराव और तोड़फोड़ की थी. पुलिस ने बताया कि 20 लोगों के ख़िलाफ़ एसीटी/एससी अधिनियम और आईपीसी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
भोपाल: मध्य प्रदेश में सागर जिले के एक गांव में परंपरा के खिलाफ एक दलित दूल्हे की घोड़ी पर बैठकर बारात निकलने से नाराज गांव एक वर्ग ने कथित रूप से उसके घर पर पथराव किया और तोड़फोड़ की.
एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि भोपाल से 200 किलोमीटर दूर बुंदेलखंड क्षेत्र में जिले के बंडा थानाक्षेत्र के गनियारी गांव में बीते 23 जनवरी को दूल्हे के घर पर हमले के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा आठ नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है.
इस गांव में उच्च जाति के लोधी ठाकुर समुदाय का वर्चस्व है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विक्रम सिंह ने कहा कि कुछ ग्रामीणों ने कथित तौर पर दलित दूल्हे के घर में पथराव और तोड़फोड़ की.
उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद 20 लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और आईपीसी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है तथा इस प्रकरण में छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि कुछ अन्य से पूछताछ की जा रही है.
इस बीच, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि भोपाल में पुलिस को एक शिकायत मिली थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आशंका व्यक्त की थी कि दूल्हे को बारात निकालने से ग्रामीण रोक सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बारात (जिसे स्थानीय भाषा में रच्छ कहा जाता है) निकाली गई. इसके बाद बारात कटनी (दुल्हन के गृह नगर) के लिए रवाना हो गई. बाद में कुछ लोगों ने कथित तौर पर दूल्हे के घर पर पथराव किया.’
मिश्रा ने कहा कि गांव में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और शिकायत के बाद छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
27 वर्षीय दूल्हे दिलीप अहिरवार ने आरोप लगाया कि उनके समुदाय के लोगों को गांव में बारात निकालने की इजाजत नहीं है तथा जब उन्होंने इस परंपरा को तोड़ा तो इससे कुछ ग्रामीण नाराज हो गए.
दूल्हे ने कहा कि पुलिस और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की मदद से बारात निकाली गई और बाद में शाम को उनके घर में तोड़फोड़ की गई.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बारात जाने के लगभग पांच घंटे बाद लोधी ठाकुर समुदाय के सदस्यों ने कथित तौर पर पथराव कर दूल्हे के घर पर हमला किया. उन्होंने कथित तौर पर परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट भी की.
हमले में हाथ में चोट लगने से घायल 25 वर्षीय प्रमोद अहिरवार ने कहा, ‘रात करीब साढ़े आठ बजे बिजली गुल होने के कुछ मिनट बाद 100 से अधिक पुरुषों का एक समूह लाठी लेकर हमारे घर के अंदर घुस गया और महिलाओं सहित सभी पर हमला कर दिया. उन्होंने एक 60 वर्षीय महिला को भी नहीं बख्शा.’
प्रमोद ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने घर के बाहर खड़ी एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया और मंडप में भी तोड़फोड़ की.
पुलिस ने बताया कि बिजली के तारों को लेकर दो परिवारों के बीच झड़प हो गई थी. बंडा पुलिस थाने के टाउन इंस्पेक्टर द्विवेदी ने कहा, ‘ठाकुर समुदाय के कुछ सदस्यों ने अपने क्षेत्र से तारों को पार करने का विरोध किया और नशे की हालत में दिलीप अहिरवार (दूल्हे) के घर पर हमला किया.’
दूल्हे के 55 वर्षीय पिता देवेंद्र अहिरवार ने आरोप लगाया कि बीते 24 जनवरी को सवर्ण समुदाय के लोगों ने उन्हें फिर से धमकाया. देवेंद्र ने कहा, ‘उन्होंने हमें फिर से धमकाया कि अहिरवार समुदाय का कोई अन्य व्यक्ति दोबारा घोड़े की सवारी नहीं करेगा.’
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने बीते 24 जनवरी को दोनों समुदायों के सदस्यों से मुलाकात की और पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. दमोह जिले के लोकसभा सांसद पटेल ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)