अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले से 18 जनवरी को एक किशोर मिराम तरोन लापता हो गया था, जिसके बाद 19 जनवरी को सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों द्वारा किशोर का अपहरण किए जाने का दावा किया था. घटना के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने किशोर का पता लगाने के लिए चीनी सेना से मदद मांगी थी.
नई दिल्ली: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अरुणाचल प्रदेश के उस किशोर को वापस कर दिया है जिसके गायब होने को लेकर भाजपा सांसद तापिर गाओ ने दावा किया था कि चीनी सैनिकों ने उसका अपहरण कर लिया है.
केंद्रीय कानून मंत्री और राज्य से भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि मिराम तरोन नामक किशोर को भारतीय सेना को सौंप दिया गया है.
रिजिजू ने बताया कि चीनी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के युवक मिराम तरोन को भारतीय सेना को सौंप दिया है. चिकित्सा परीक्षण समेत उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है.
The Chinese PLA has handed over the young boy from Arunachal Pradesh Shri Miram Taron to Indian Army. Due procedures are being followed including the medical examination. https://t.co/xErrEnix2h
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 27, 2022
बुधवार को उन्होंने बताया था कि पीएलए ने इस बात की पुष्टि की थी कि तरोन को भारत को सौंपा जाएगा. जगह और समय का खुलासा बाद में किया जाएगा.
मालूम हो कि अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले से 18 जनवरी को एक किशोर मिराम तरोन लापता हो गया था, जिसके बाद 19 जनवरी को सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों द्वारा किशोर का अपहरण किए जाने का दावा किया था. घटना के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने किशोर का पता लगाने के लिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से मदद मांगी थी.
बुधवार को रिजिजू ने कहा था कि पीएलए को यवुक मिल गया था, पर खराब मौसम के कारण उसकी वापसी में देर हो रही है. दोनों सेनाओं की गणतंत्र दिवस के दिन बातचीत में पीएलए की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया दी गई थी.
पीएलए ने भारतीय सेना को बताया था कि उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अपने क्षेत्र में एक किशोर मिला है, लेकिन वह तब वह यह पुष्टि नहीं कर सकते कि क्या यह वही किशोर है, जो 18 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले से लापता हो गया था.
चीनी सेना ने भारतीय सेना को बताया था कि वह जल्द ही किशोर को सौंप देंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, रिजिजू ने इससे पहले सभी से अपील भी की थी कि वे बिना तथ्यों के कोई बयान न दें.