गुड़गांव नमाज़ विवाद: कोर्ट अधिकारियों के ख़िलाफ़ अवमानना कार्रवाई याचिका पर सुनवाई करेगा

हिंदुत्ववादी समूहों के समर्थक और सदस्य पिछले कुछ महीने से अधिक समय से प्रत्येक शुक्रवार को हरियाणा के गुड़गांव में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले नमाज़ स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने पूर्व के फैसले का पालन नहीं करने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है.

(फोटो: पीटीआई)

हिंदुत्ववादी समूहों के समर्थक और सदस्य पिछले कुछ महीने से अधिक समय से प्रत्येक शुक्रवार को हरियाणा के गुड़गांव में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले नमाज़ स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने पूर्व के फैसले का पालन नहीं करने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है.

Gurugram: People offer namaz under police presence (unseen), after the recent disruptions by Hindu activists organisations, in Gurugram on Friday.( PTI Photo )(PTI5_11_2018_000120B)
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नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट गुड़गांव में जुमे की नमाज अदा करने में कथित व्यवधान को लेकर हरियाणा सरकार के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के लिए दायर याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर तैयार हो गया है.

यह याचिका पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने दायर की है.

चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने अदीबी की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के कथन पर गौर किया.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसमें घृणा अपराधों को रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए गए थे.

पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब की ओर से पेश जयसिंह ने कहा, ‘यह केवल समाचार-पत्र की खबरों पर आधारित नहीं है, हमने खुद शिकायत की है. हम एफआईआर दर्ज करने के लिए नहीं कह रहे. इस अदालत ने ही कई उपाय सुझाए हैं.’

इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, ‘मैं इस पर गौर करूंगा और इसे तुरंत उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करूंगा.’

अदीब ने तहसीन पूनावाला की याचिका पर पारित पूर्व फैसले का पालन नहीं करने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अवमानना याचिका दायर की है.

बता दें कि गुड़गांव में खुले में चुनिंदा स्थानों पर नमाज अदा करने में व्यवधान की कथित घटनाएं हुई हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में केंद्र और राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें उन्हें त्वरित सुनवाई करने, पीड़ितों को मुआवजा देने, सजा देने और कानून लागू करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जैसे कदम उठाने को कहा था.

इन दिशानिर्देश में कहा गया कि राज्य प्रत्येक जिले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित करेंगे, जो पुलिस अधीक्षक रैंक से कम का नहीं हो. ये अधिकारी भीड़ हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए एक कार्यबल का गठन करेंगे, जो एक डीएसपी-रैंक के अधिकारी के निर्देश तहत काम करेगा.

दिशानिर्देशों में कहा गया कि यह टास्क फोर्स ऐसे लोगों के बारे में खुफिया जानकारी एकत्रित करेगा, जो हेट स्पीच, भड़काऊ भाषण देने या फेक न्यूज फैलाने जैसे अपराधों में संभवतः शामिल हो.

राज्य सरकारें उन जिलों, उप-मंडलों और गांवों की तत्काल पहचान करेंगी, जहां हाल के दिनों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आई हैं.

मालूम हो कि हिंदुत्ववादी समूहों के समर्थक और सदस्य पिछले कुछ महीने से अधिक समय से प्रत्येक शुक्रवार को गुड़गांव में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले नमाज स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इसके बाद हिंदुत्ववादी संगठनों के दबाव के बीच गुड़गांव जिला प्रशासन ने बीते तीन नवंबर 2021 को 37 निर्धारित स्थलों में से आठ स्थानों पर नमाज अदा करने की अनुमति रद्द कर दी थी.

बीते तीन दिसंबर 2021 को संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति प्रशासन को एक अल्टीमेटम जारी कर कहा था कि अगले सप्ताह से वे शहर में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नमाज की अनुमति नहीं देंगे.

यह समिति नवंबर 2021 खुले में नमाज़ के विरोध को लेकर डिप्टी कमिश्नर द्वारा बनाई गई टीम का हिस्सा है, जिसे उन स्थानों की पहचान करने के लिए कहा गया है, जहां नमाज अदा की जा सकती है.

मुस्लिम समुदाय के सदस्य शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए खुले स्थान पर पहुंच रहे थे, तब विभिन्न हिंदू संगठनों के कई सदस्य स्थल पर एकत्र हुए और ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने लगे.

नवंबर 2021 में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने गुड़गांव के सेक्टर 12 ए के उस स्थान पर गोवर्धन पूजा में शिरकत की थी जहां मुसलमान हर हफ्ते नमाज अदा करते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, शहर में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति द्वारा आयोजित गोवर्धन पूजा में सम्मानित भी किया गया था.

इसी तरह साल 2018 में भी गुड़गांव में खुले में नमाज अदा कर रहे मुस्लिमों पर लगातार हमले हुए थे. कुछ लोगों ने सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा कर रहे मुस्लिमों पर हमला किया था और उनसे कथित तौर पर जय श्रीराम के नारे लगवाए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)