गुजरात में बीते एक हफ्ते में मूंछ रखने को लेकर दलितों के साथ हिंसा के तीन मामले सामने आये हैं.
गुजरात के गांधीनगर जिले में मंगलवार को लिंबोदरा गांव में एक 17 वर्षीय दलित युवक की अज्ञात लोगों ने पिटाई कर दी. इससे पहले भी 2 दलित युवकों पर मूंछ रखने के चलते ऊंची जाति के लोगों ने हमला कर दिया था.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस हमले के लिए वॉट्सऐप की प्रोफाइल फोटो को जिम्मेदार माना जा रहा है. गौरतलब है कि करीब 300 दलित युवकों ने वॉट्सऐप की डिस्प्ले फोटो पर मूंछों को ताव देते और ‘Mr Dalit’ लिखी हुई तस्वीर लगाई है. उसी के बाद यह घटना हुई है. इससे पहले इसी गांव में 25 सितंबर और 29 सितंबर को दो दलित युवकों की पिटाई की घटना सामने आई थी.
मंगलवार की घटना में घायल पीड़ित युवक की बड़ी बहन काजल ने बताया, ‘वह दर्द में है, उसे सात टांके लगे हैं. उस पर ब्लेड से हमला किया गया था. हमें नहीं पता है कि दो आदमी कौन थे. वह खून से लथपथ घर आया था. हम उसे गांधीनगर के सिविल अस्पताल ले गए.’
काजल आगे बताती हैं, ‘पहली बार जब उसे पीटा गया था तब हमने एफआईआर दर्ज नहीं कराई, क्योंकि वह अभी भी स्कूल में है और हमने सोचा कि यह उसके भविष्य को प्रभावित कर सकता है. केवल पीयूष और कुणाल माहेरिया ने प्राथमिकी दायर की थी. लेकिन अब यह बहुत ज्यादा हो गया है. हम अपने ही गांव में सुरक्षित नहीं हैं.
पीड़ित युवक शाम 5.30 बजे स्कूल से परीक्षा देकर लौट रहा था और उसने बताया कि 25 सितंबर को दरबार समुदाय के लोगों द्वारा 24 वर्षीय पीयूष परमार के साथ उसे भी पीटा गया था, क्योंकि उसने ताव देते हुए मूंछों की तस्वीर लगाई थी.
हमले के बाद परमार ने 27 सितंबर को कलोल पुलिस स्टेशन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था.
29 सितंबर को एक अन्य दलित युवक कुणाल माहेरिया, जो एक निजी दूरसंचार कंपनी के लिए काम करता है, पर मूंछें रखने के लिए हमला किया गया था. अगले दिन एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
गांधीनगर के एसपी वीरेंद्र सिंह यादव ने कहा, ‘भारतीय दंड संहिता की धारा 326 के तहत प्राथमिक दर्ज की गई है. (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से गंभीर चोट पहुंचाई गई है) उस लड़के पर बाइक सवार दो लोगों द्वारा ब्लेड से हमला किया गया, उन लोगों ने अपने चेहरे को ढंक रखा था. जब हमने गांव में जांच की, तो हमें आश्चर्य हुआ कि घटना के नजदीक लोगों ने चीख तक नहीं सुनी. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मामले की अच्छी तरह से जांच हो.
लिंबोदरा के सरपंच रंजीत सिंह वाघेला ने घटना को लेकर बैठक बुलाई और कहा, ‘पहले हमारा गांव शांतिपूर्ण था लेकिन पहले दो हमले हुए और अब यह तीसरा हमला हुआ है. यह हमारे लिए शर्म की बात हैं क्योंकि हमले हमारे गांव में हए हैं.’
गौरतलब है कि रविवार को गुजरात के भादरणीय इलाके के एक मंदिर में गरबा देखने के चलते ऊंची जाति के लोगों द्वारा कथित तौर पर आनंद के भद्रानिया गांव में एक दलित युवक की हत्या कर दी गई थी.
बुधवार को दलित संगठनों ने गुजरात विधानसभा के बाहर प्रदर्शन बुलाया है.
दलित नेता सुबोध परमार का कहना है, ‘विरोध प्रदर्शन के लिए राज्य के सभी दलित संगठनों को बुलाया गया है. एक हफ्ते के भीतर दलितों पर हुई यह तीसरी हिंसा है. अभी तक गृह मंत्री की तरफ से इन हमलों को लेकर कोई बयान नहीं आया है. अगर दोषियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई तो हम गृह मंत्री का इस्तीफा मांगेंगे.’