हरियाणा: बलात्कार व हत्या मामले में सज़ा काट रहे गुरमीत राम रहीम को मिला 21 दिन का फर्लो

रोहतक ज़िले की सुनरिया जेल में क़ैद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को परिवार से मिलने के लिए फर्लो मिला है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इसे पंजाब विधानसभा चुनाव से जोड़ा है, जहां राम-रहीम के ढेरों अनुयायी हैं. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि फर्लो दोषी का क़ानूनी अधिकार है और इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.

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गुरमीत राम रहीम. (फोटो साभार: फेसबुक/डेरा सच्चा सौदा)

रोहतक ज़िले की सुनरिया जेल में क़ैद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को परिवार से मिलने के लिए फर्लो मिला है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इसे पंजाब विधानसभा चुनाव से जोड़ा है, जहां राम-रहीम के ढेरों अनुयायी हैं. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि फर्लो दोषी का क़ानूनी अधिकार है और इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.

गुरमीत राम रहीम. (फोटो साभार: फेसबुक/डेरा सच्चा सौदा)

चंडीगढ़: हरियाणा के रोहतक जिला स्थित सुनरिया जेल में कैद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सोमवार को तीन हफ्ते का फर्लो दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सिंह को राज्य के जेल प्रशासन ने 21 दिन का फर्लो प्रदान किया है.

पिछले साल भी डेरा प्रमुख को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए आपातकालीन पैरोल दिया गया था. वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए भी कुछ मौकों पर जेल से बाहर आया था.

54 वर्षीय गुरमीत राम रहीम सिरसा स्थित अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की कैद की सजा काट रहा है. उसे पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में मामले में दोषी करार दिया था.

उल्लेखनीय है कि सिरसा मुख्यालय वाले डेरे के चुनावी राज्य पंजाब और उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को गुड़गांव में अपने परिवार से मिलने के लिए तीन हफ्ते का फर्लो दिया गया है. उन्हें 7 फरवरी से 27 फरवरी तक छुट्टी दी गई है.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने इस कदम को विधानसभा चुनाव से जोड़ा है. वहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि फर्लो एक दोषी का कानूनी अधिकार है और उनका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.

अमृतसर में एक बयान में एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने भाजपा पर चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के उद्देश्य से देश में माहौल खराब करने का आरोप लगाया. धामी ने दावा किया कि इस कदम से पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान होगा.

धामी ने केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकारों पर राजनीतिक खेल खेलने का आरोप लगाया, उन्हें गलती को तुरंत सुधारने और पंजाबियों और विशेष रूप से सिखों से माफी मांगने के लिए कहा.

उन्होंने दावा किया कि 2015 में फरीदकोट जिले में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के सिलसिले में सिरसा संप्रदाय के प्रमुख से पहले भी पूछताछ हो चुकी है. धामी ने दावा किया, ‘भाजपा शांतिपूर्ण पंजाब नहीं देखना चाहती, इसलिए गुरमीत राम रहीम को बाहर लाया गया है.’

उन्होंने कहा कि सिख भावना इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी और इस कदम का कड़ा विरोध किया जाएगा.

गुरमीत राम रहीम के पंजाब में काफी अनुयायी हैं, जहां उनके डेरे की शाखाएं लगभग सभी जिलों में है. डेरा अनुयायियों की पंजाब की कम से कम 69 सीटों, खासकर मालवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपस्थिति है.

गुड़गांव के पुलिस आयुक्त केके राव ने पुष्टि की कि डेरा प्रमुख अपनी फर्लो की अवधि में गुड़गांव में ही रहेंगे. गुड़गांव के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैपिड एक्शन टीमों सहित सेक्टर 50 में डेरा प्रमुख के आवास के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है.

सोमवार को उनके गुड़गांव पहुंचने से पहले कई डेरा अनुयायियों ने उनके यहां से सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय किया.

अधिकारियों ने बताया कि डेरा प्रमुख शाम करीब पांच बजे गुड़गांव स्थित अपने आश्रम पहुंचे. पुलिस सूत्रों ने बताया कि आधे घंटे में उनके साथ उनकी मां और बच्चों समेत उनके परिवार के लोग आश्रम पहुंचे. एक दर्जन वाहनों का काफिला उनकी अगवानी करने डेरा के सिरसा मुख्यालय से सुनारिया जेल पहुंचा था.

सूत्रों ने बताया है कि उनकी फर्लो की शर्तों में से एक यह है कि वह फर्लो की अवधि में सेक्टर-50 में साउथ सिटी-2 के आश्रम में रहेंगे और कहीं और नहीं जाएंगे, जो गुड़गांव पुलिस की अनुमति के बिना रिलीज वॉरंट में निर्दिष्ट नहीं किया गया है.

रिलीज वॉरंट में यह भी कहा गया है कि वह 27 फरवरी को जिला जेल सुनारिया में आत्मसमर्पण करेगा. रिहाई वॉरंट में यह भी कहा गया है कि कैदी छुट्टी की अवधि के दौरान किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं जाएगा.

इसमें कहा गया है कि कैदी ऑफलाइन या ऑनलाइन माध्यम से कोई कार्यक्रम, बैठक, प्रवचन, धार्मिक या राजनीतिक घोषणा या भाषण आदि नहीं करेगा.

उधर भाजपा के एक कार्यक्रम में शामिल हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने डेरा प्रमुख की रिहाई और पंजाब चुनाव के बीच किसी भी संबंध से इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह एक संयोग है और इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है.’

खट्टर ने कहा कि एक कैदी जिसने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिए हैं, वह फर्लो के लिए आवेदन कर सकता है. इसके बाद एक प्रक्रिया होती है जिसमें प्रशासन से मंजूरी और पुलिस और जेल अधिकारियों की भागीदारी शामिल होती है.

उन्होंने कहा, ‘चीजें व्यवस्था, हमारे कानूनी प्रावधानों और भारत के संविधान के अनुसार काम करती हैं. यह एक कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया है. किसी भी दोषी को फर्लो पर रिहा होने का कानूनी अधिकार है.’

इससे पहले हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार का जेल के एक कैदी को पैरोल या फर्लो देने से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘यह दोषी का कानूनी अधिकार है. अन्य कैदियों की तरह गुरमीत राम रहीम के अनुरोध आवेदन की भी ऐसे मामलों से निपटने वाली अपेक्षित समिति द्वारा जांच की गई और उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया.’

गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को 28 अगस्त, 2017 में दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई थी.

जनवरी 2019 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

16 साल पुराने इस मामले में अदालत ने गुरमीत राम रहीम के साथ ही तीन अन्य दोषियों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)