कर्नाटक में हिजाब के विरोध के बीच मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हिजाब यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. वहीं, भाजपा शासित पुडुचेरी के एक सरकारी स्कूल में छात्रा को कथित तौर पर हिजाब हटाने को कहा गया.
नई दिल्लीः कर्नाटक में छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध के बीच मंगलवार को मांड्या में हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंची एक छात्रा को भगवा रंग का शॉल ओढ़े दक्षिणपंथी छात्रों के समूह ने प्रताड़ित किया.
घटना के इस वीडियो में हिजाब पहनकर स्कूटी से कॉलेज पहुंची छात्रा को वाहन पार्क कर अपनी कक्षा की ओर जाते देखा जा सकता है, जिसके बाद भगवा शॉल ओढ़े दक्षिणपंथी छात्रों का एक समूह जय श्रीराम की नारेबाजी करते हुए छात्रा के पास पहुंचता है और उसका पीछा करता है.
इसके जवाब में छात्रा हाथ हवा में उठाकर अल्लाहु-अकबर कहती हैं.
A lone Muslim girl on the way to her college in Karnataka, India is being heckled and harassed by a Hindu right-wing mob for wearing a hijab! pic.twitter.com/DiVjCbqpdW
— Ashok Swain (@ashoswai) February 8, 2022
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना मैसूर-बेंगलुरू राजमार्ग पर स्थित पीईएस कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स की है. पुलिस महानिरीक्षक (दक्षिणी रेंज) प्रवीण मधुकर पवार ने बताया कि मांड्या में हुई यह घटना उस विवाद का हिस्सा है, जो बाकी कर्नाटक में फैल रहा है.
उन्होंने कॉलेज में किसी तरह के तनाव से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि शांति को कोई खतरा नहीं पहुंचे.
बेंगलुरू, मैसूर, हसन, कोलार, शाहपुर, शिवमोग्गा और उडुपी सहित कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में हिजाब के विरोध में यह प्रदर्शन तेज हुआ है.
वहीं, अदालत उडुपी के गवर्मेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स की कुछ छात्राओं द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही हैं. दरअसल इन छात्राओं ने यह घोषणा करने की मांग की कि उन्हें कॉलेज परिसर में इस्लामिक आस्था के अनुरूप हिजाब पहनने सहित धार्मिक प्रथाओं का पालन करने का मौलिक अधिकार है.
जस्टिस कृष्णा एस. दीक्षित की एकल पीठ ने कहा, ‘अदालत छात्रों और जनता से शांति और सौहार्द बनाए रखने का आग्रह करती है. इस अदालत को लोगों की बुद्धिमता और सद्गुणों पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि इसे अमल में भी लाया जाएगा.’
जस्टिस दीक्षित ने यह कहा कि सिर्फ कुछ शरारती तत्व इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों, नारेबाजी करने वालों और छात्रों का एक-दूसरे पर हमला करना सही नहीं है.
गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को ‘हिजाब’ के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन तेज होने के मद्देनजर राज्य में अगले तीन दिनों तक स्कूल और कॉलेजों में अवकाश की घोषणा की थी.
हिजाब के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन तेज होने के कारण राज्य के उडुपी, शिवमोगा, बागलकोट और अन्य भागों में स्थित शैक्षणिक संस्थानों में तनाव बढ़ने के चलते पुलिस और प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है.
सूत्रों ने बताया कि अधिकतर संस्थानों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई हो रही है. राज्य में प्राथमिक स्कूल पहले की तरह बिना किसी बाधा के संचालित हो रहे हैं.
हिजाब को लेकर विवाद के चलते कर्नाटक में शुरू हुआ प्रदर्शन मंगलवार को पूरे राज्य में फैल गया. कॉलेज परिसरों में पथराव की घटनाओं के कारण पुलिस को बलप्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जहां टकराव-जैसी स्थिति देखने को मिली.
कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और राजस्व मंत्री आर अशोक ने कांग्रेस पर हिजाब विवाद को भड़काने का आरोप लगाया.
ज्ञानेंद्र ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘कांग्रेस नेता हिजाब संबंधी विवाद को लेकर आग में घी डाल रहे हैं. यदि उन्होंने भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखा, तो कर्नाटक के लोग उन्हें अरब सागर में फेंक देंगे.’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार ने मीडिया को गलत जानकारी दी कि शिवमोगा में तिरंगा उतारकर भगवा झंडा फहराया गया.
मंत्री ने दावा किया, ‘राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा कभी उतारा नहीं गया. शिवकुमार गैर जिम्मेदाराना तरीके से बात कर रहे हैं. हम एक वरिष्ठ नेता के इस प्रकार के बयान के पीछे का मकसद समझ रहे हैं.’
अशोक ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस का लोगों को भड़काना अच्छी बात नहीं है. वे कोई न कोई बयान देते हैं और लोगों को भड़काते हैं. इस मामले में कांग्रेस का षड्यंत्र साफ नजर आ रहा है. एक वर्ग इस मामले को तूल दे रहा है और दूसरा इसे शांत करने की कोशिश कर रहा.’
उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि कक्षाओं में हिजाब और भगवा गमछा पहनने की अनुमति नहीं हैं
उन्होंने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी और जब सरकार ने वर्दी संबंधी नियम को स्पष्ट करने के लिए आदेश दे दिया है, तो कानून को हाथ में लेना उचित नहीं है.
मध्य प्रदेशः मंत्री ने हिजाब पर प्रतिबंध का किया समर्थन, कहा-अगले शिक्षण सत्र से ड्रेस कोड लागू करेंगे
कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ विवाद मंगलवार को भाजपा शासित मध्य प्रदेश और पुडुचेरी पहुंच गया.
प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को कहा कि हिजाब ड्रेस का हिस्सा नहीं है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, ताकि सभी स्कूली विद्यार्थियों में समानता की भावना सुनिश्चित की जा सके.
उन्होंने आरोप लगाया कि हिजाब एवं बुर्का पहनने के मुद्दे पर देश के माहौल को बिगाड़ने के लिए सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है.
परमार ने मंगलवार को यहां मीडिया से कहा, ‘मध्य प्रदेश में स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा. अगले शैक्षणिक सत्र से ड्रेस कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा.’
कर्नाटक में स्कूलों में बुर्का और हिजाब के मुद्दे पर उपजे विवाद के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हिजाब वर्दी का हिस्सा नहीं है, इसलिए मैं समझता हूं कि उस पर पाबंदी लगनी ही चाहिए.’
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में इस पोशाक पर प्रतिबंध लगाया जाएगा? उन्होंने कि अगर स्कूलों में हिजाब पहनकर कोई आया तो यहां भी इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
पुडुचेरी में छात्रा को हिजाब हटाने के लिए मजबूर किया
भाजपा शासित पुडुचेरी में भी शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं द्वारा हिजाब पहने जाने का विरोध देखने को मिल रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अरियानकुप्पम स्थित एक सरकारी स्कूल में छात्रा को कथित तौर पर हिजाब हटाने को कहा गया, जिसके बाद ही कॉलेज प्रशासन ने छात्रा को कक्षा में प्रवेश की अनुमति दी.
यह मामला सामने आते ही स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य मौके पर पहुंचे और इसका विरोध किया. यह मामला सात फरवरी का बताया जा रहा है.
पुडुचेरी में शिक्षा निदेशालय के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें एक शिक्षक के संबंध में छात्र समूहों और अन्य संगठनों से शिकायत मिली है कि उन्होंने कथित तौर पर एक छात्रा द्वारा पहने जाने वाले हिजाब को लेकर आपत्ति जताई थी.
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि असल में हुआ क्या था और स्कूल से रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.’
वाम समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के स्थानीय प्रमुख ने कहा कि यह छात्रा बीते तीन साल से हिजाब पहनकर कक्षाओं में शामिल हो रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि इस पर आपत्ति क्यों जताई जा रही है.
उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायतें मिली हैं कि वीरमपट्टिनम, एम्बलम और तिरुकनूर के कुछ स्कूल भाजपा के वैचारिक संगठन आरएसएस के कार्यक्रमों की तरह ही अभ्यास को बढ़ावा दे रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)