पुलिस मुठभेड़ में हुईं मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर: गृह मंत्रालय

यूपी से भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा लोकसभा में पूछे एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले पांच सालों में पुलिस मुठभेड़ में सबसे अधिक मौतें (191) छत्तीसगढ़ में हुईं, जबकि उत्तर प्रदेश में 117 लोग पुलिस मुठभेड़ में मारे गए.

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय. (फोटो: पीटीआई)

यूपी से भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा लोकसभा में पूछे एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले पांच सालों में पुलिस मुठभेड़ में सबसे अधिक मौतें (191) छत्तीसगढ़ में हुईं, जबकि उत्तर प्रदेश में 117 लोग पुलिस मुठभेड़ में मारे गए.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने बताया है कि पिछले पांच सालों में देश में कुल 655 लोगों को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है.

यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भाजपा सांसद वरुण गांधी के एक सवाल के जवाब में लोकसभा में प्रस्तुत की.

राय ने बताया कि इस दौरान छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक (191) ऐसे मामले सामने आए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, 1 जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2022 की अवधि में उत्तर प्रदेश में ऐसी 117 घटनाएं सामने आईं. इसके बाद, असम में 50, झारखंड में 49, ओडिशा में 36, जम्मू कश्मीर में 35 और महाराष्ट्र में 26 मामले सामने आए.

अन्य राज्यों की बात करें तो बिहार में 22 मामले, हरियाणा में 15, तमिलनाडु में 14 मामले सामने आए.

तेलंगाना, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में प्रत्येक में 13 मामले सामने आए. वहीं, आंध्र प्रदेश व मेघालय में 9-9 और राजस्थान व दिल्ली में 8-8 मामले सामने आए.

एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक, भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश में हुए पुलिस एनकाउंटर की जानकारी मांगी थी.

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद गांधी ने साथ ही जानकारी मांगी थी कि इन मुठभेड़ में हुईं मौतों के संबंध में कितनी एफआईआर दर्ज की गईं, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुठभेड़ में हत्या संबंधी कितनी जांचें चल रही हैं.

साथ ही, उन्होंने पूछा था कि इस अवधि में कितने पुलिस अधिकारी मुठभेड़ की आड़ मे हत्या करने के दोषी पाए गए. गृह मंत्रालय ने इसमें से कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई.

गृह मंत्रालय ने कहा, ‘केंद्रीय तौर पर ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है. इसके अलावा संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य के विषय हैं.’

एक अन्य जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि अप्रैल 2018 से मार्च 2021 के बीच उत्तर प्रदेश में पुलिस की हिरासत मे 23 लोगों की मौत हुई है.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)