लखीमपुर हिंसा: किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को ज़मानत

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की एसयूवी से कुचलकर हत्या करने के आरोपी है. इस हिंसा के दौरान कुल आठ लोगों की मौत हुई थी. तीन अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री की एसयूवी के चालक शामिल हैं.

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आशीष मिश्रा. (फोटो: एएनआई)

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की एसयूवी से कुचलकर हत्या करने के आरोपी है. इस हिंसा के दौरान कुल आठ लोगों की मौत हुई थी. तीन अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री की एसयूवी के चालक शामिल हैं.

आशीष मिश्रा (बीच में). (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पिछले साल प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई है.

आशीष मिश्रा के वकील के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी.

अदालत की लखनऊ पीठ ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई पूरी करने के बाद मिश्रा की याचिका पर 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

आशीष मिश्रा की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा था कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके खिलाफ इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उन्होंने किसानों को कुचलने के लिए एक वाहन के चालक को उकसाया था.

याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने कहा था कि घटना के समय मिश्रा उस कार में सवार थेए जिसने किसानों को कथित तौर पर अपने पहियों के नीचे कुचल दिया था.

याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

पिछले साल तीन अक्टूबर को आशीष मिश्रा कथित तौर पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक विरोध मार्च के दौरान लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार पर सवार एसयूवी चढ़ाकर उनकी हत्या करने के आरोपी है.

घटना से संबंधित वीडियो में दो से तीन एसयूवी का काफिला किसानों को कुचलते हुए दिखाई दे रही थी. उस दिन लखीमपुर खीरी जिले में इस हिंसा के दौरान कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी. किसानों के कुचले जाने के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें भाजपा के दो कार्यकर्ताओं सहित तीन और मारे गए.

इससे पहले लखीमपुर खीरी की अदालतें आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर चुकी हैं.

यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बीच में होता है. बृहस्पतिवार को पहले चरण के मतदान हो रहे हैं. प्रदेश में सात चरण के चुनाव के चौथे दौर में लखीमपुर खीरी में मतदान होगा.

इस संबंध में पहली प्राथमिकी एक किसान द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसमें गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 15-20 अन्य पर चार किसानों और एक पत्रकार को कुचलने का आरोप लगाया गया था.

हिंसा की जांच के लिए गठित एसआईटी ने आशीष मिश्रा, सुमित जायसवाल, अंकित दास और 11 अन्य के खिलाफ आईपीसी, शस्त्र कानून की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी संख्या-219 के संबंध में तीन जनवरी को आरोप-पत्र दाखिल किया था.

दूसरी प्राथमिकी दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की हत्या के मामले में सुमित जायसवाल ने दर्ज कराई थी. प्राथमिकी संख्या-220 के संबंध में जांच करते हुए एसआईटी ने सात लोगों की पहचान की थी और उन्हें गिरफ्तार किया था. हालांकि, बीते जनवरी माह में ही आरोप-पत्र दाखिल करते समय केवल चार किसानों को ही आरोपी बनाया गया था.

मालूम हो कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में तीन अक्टूबर 2021 को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.

इस दौरान जिले के तिकुनिया में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा से संबंधित महिंद्रा थॉर सहित तीन एसयूवी के एक काफिले ने तिकुनिया क्रॉसिंग पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया था, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी और लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए थे.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा और उसके दर्जन भर साथियों के खिलाफ चार किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं.

फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा की राइफल और दो अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है.

गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों में गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह के अलावा पत्रकार रमन कश्यप शामिल थे.

प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह को एसयूवी ​के काफिले से कुचले जाने के बाद भीड़ द्वारा दो भाजपा कार्यकर्ताओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.

इनकी पहचान भाजपा कार्यकर्ताओं- शुभम मिश्रा (26 वर्ष) और श्याम सुंदर (40 वर्ष) और केंद्रीय राज्य मंत्री की एसयूवी के चालक हरिओम मिश्रा (35 वर्ष) के रूप में हुई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)