यूपी: दो महीने से लापता दलित युवती का शव पूर्व मंत्री के बेटे के आश्रम के पास मिला, एसएचओ निलंबित

उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला है. 22 वर्षीय दलित युवती के लापता होने की शिकायत पिछले साल आठ दिसंबर को की गई थी और एफआईआर एक महीने बाद 10 जनवरी को दर्ज ​की गई थी. युवती का क्षत-विक्षत शव एक आश्रम के पास से निकाला गया, जो कि सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह के स्वामित्व में है. राजोल को बीते 24 जनवरी को युवती के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला है. 22 वर्षीय दलित युवती के लापता होने की शिकायत पिछले साल आठ दिसंबर को की गई थी और एफआईआर एक महीने बाद 10 जनवरी को दर्ज ​की गई थी. युवती का क्षत-विक्षत शव एक आश्रम के पास से निकाला गया, जो कि सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह के स्वामित्व में है. राजोल को बीते 24 जनवरी को युवती के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में शहर कोतवाली क्षेत्र से एक 22 वर्षीय दलित युवती के लापता होने के दो महीने बाद पुलिस ने बीते 10 फरवरी को उसके क्षत-विक्षत शव को एक आश्रम के पास से निकाला, जो कि राज्य के एक पूर्व मंत्री के बेटे के स्वामित्व में है. इसके बाद जांच में कथित ढिलाई के लिए स्थानीय थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह को बीते 24 जनवरी को युवती के कथित अपहरण के मामले में गिरफ्तार किया गया था. 25 जनवरी को लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की गाड़ी के सामने युवती की मां ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी.

युवती की मां ने पुलिस पर जांच में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है और बीते 10 फरवरी को शव बरामद होने के बाद संबंधित थाने के एसएचओ अखिलेश चंद्र पांडेय को निलंबित कर दिया गया.

कोतवाली क्षेत्र के काशीराम कॉलोनी निवासी एक दलित महिला की बेटी आठ दिसंबर 2021 से गायब थी.

उन्नाव के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने कहा, ‘बीते आठ दिसंबर (2021) को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसके बाद 10 जनवरी को नियमानुसार प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच की जा रही है. जांच के आधार पर शव को बरामद कर लिया गया है. हम पोस्टमॉर्टम करवा रहे हैं और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे.’

परिवार के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि पुलिस ने मामला दर्ज करने में देरी की, एएसपी ने कहा, ‘यह पूरी तरह से सच नहीं है. सबसे पहले गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की गई, क्योंकि युवती वयस्क थी. जब जांच अधिकारी ने संदेह व्यक्त किया कि आरोपी ने युवती को नुकसान पहुंचाया हुआ हो सकता है, तो पुलिस ने तदनुसार कार्रवाई की और शव को बरामद कर लिया. अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा चुका है. हम उसके साथियों की तलाश कर रहे हैं.’

शशि शेखर सिंह ने बताया कि चार फरवरी को पुलिस ने आरोपी राजोल सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. बाद में विशेष अभियान समूह (एसओजी) की टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से मिली जानकारी के आधार पर और आरोपी के एक साथी की निशानदेही पर आश्रम के पास की जमीन से बृहस्पतिवार को युवती का शव बरामद किया.

गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए युवती की मां ने कहा, ‘मेरी बेटी को राजोल सिंह ने उसके आश्रम में मार डाला और वहीं दफना दिया. मैं पहले आश्रम गई थी. उन्होंने हमें तीन मंजिला इमारत को छोड़कर पूरा परिसर दिखाया. मैंने एक स्थानीय पुलिस अधिकारी को फोन किया था, लेकिन उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया. अगर वह उस समय आ जाते तो मैं अपनी बेटी को जिंदा पा जाती.’

पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए युवती की मां ने 24 जनवरी को लखनऊ में आत्मदाह की कोशिश की, जिसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने राजोल सिंह को गिरफ्तार किया था.

इसी बीच, इस घटना के सामने आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायवती ने कहा कि सपा नेता के खेत में दलित युवती का शव बरामद होना गंभीर मामला है. राज्य सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कानूनी कार्रवाई करे.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘उन्नाव जिले में सपा नेता के खेत में दलित युवती का दफनाया हुआ शव बरामद होना अति-दुखद व गंभीर मामला है. परिवार वाले पहले से ही उसके अपहरण व हत्या को लेकर सपा नेता पर शक कर रहे थे. राज्य सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दोषियों के खिलाफ तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई करे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)