कासगंज हिरासत में मौत: कोर्ट ने पीड़ित का शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया

उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.

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अल्ताफ़. (फोटो साभार: ट्विटर)

उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में पुलिस हिरासत में जान गंवाने वाले अल्ताफ के शव का दूसरा पोस्टमार्टम करने का 10 फरवरी को निर्देश दिया.

अल्ताफ के पिता चांद मियां की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस दीपक वर्मा की पीठ ने एम्स द्वारा दूसरा पोस्टमार्टम का निर्देश दिया.

याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने अनुरोध किया है कि वह पुलिस हिरासत में मारे गए अल्ताफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए एम्स दिल्ली द्वारा नए सिरे से पोस्टमार्टम कराए जाने का अनुरोध किया है.

अदालत ने कहा, ‘हम मृतक अल्ताफ के शव को कासगंज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में निकालने और उसे सीलकर तत्काल दिल्ली स्थित एम्स भेजकर दूसरा पोस्टमार्टम कराने का निर्देश देते हैं, जहां दिल्ली एम्स के चिकित्सकों की टीम की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया जाएगा.’

अदालत ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी और शव की तस्वीर भी परीक्षण के विभिन्न चरणों में ली जाएगी और उसे संरक्षित रखा जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट, वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ को तीन प्रतियों में तैयार किया जाएगा.

अदालत ने कहा कि यह संपूर्ण कवायद आज (शुक्रवार) से 10 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए.

यह आदेश इसलिए पारित किया गया है क्योंकि याचिकाकर्ता ने जो फोटोग्राफ पेश किए हैं उसमें मृतक अल्ताफ को पानी की एक पाइप से खुद को लटका हुआ दिखाया गया है, जिसकी ऊंचाई कुछ दो फीट है. इसे लेकर अल्ताफ की मौत पर कई सवाल खड़े किए गए थे.

अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता ने अदालत से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया.

मालूम हो कि पिछले साल नौ नवंबर को अल्ताफ़ नाम के युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से मौत होने का आरोप लगाया था.

अल्ताफ को एक नाबालिग लड़की के ‘गुमशुदगी’ के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था. अल्ताफ की मौत के सप्ताह भर बाद यह लड़की मिल गई थी.

इस मामले में कासगंज के कोतवाली थाने के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. पुलिस का दावा था कि अल्ताफ ने शौचालय के दो फीट के करीब ऊंचे नल के पाइप से अपने जैकेट की डोरी को बांधकर आत्महत्या की है.

इस मामले में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)