भाकपा महासचिव डी. राजा ने पत्र में कहा कि 1981 में स्थापित नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड नवरत्न कंपनी है और 40 वर्षों से उच्च गुणवत्ता वाले एल्युमिना और एल्युमीनियम उत्पादन व निर्यात करने वाला सबसे शीर्ष केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम रहा है. इसके निजीकरण को लेकर श्रमिकों में व्यापक आक्रोश है.
नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रमुख एल्युमीनियम कंपनी ‘नालको’ के निजीकरण के सरकार के फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया है.
राजा ने अपने पत्र में कहा कि इस कदम को लेकर श्रमिकों में व्यापक आक्रोश है.
उन्होंने कहा, ‘हम आपसे नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) के निजीकरण के सरकार के कदम को वापस लेने का अनुरोध करते हैं. हम निजीकरण के माध्यम से नालको में 100 प्रतिशत रणनीतिक विनिवेश को लागू करने की आपकी सरकार की विनाशकारी योजना का पुरजोर विरोध करते हैं.’
Wrote a letter to @PMOIndia asking to desist from the move of privatising the National Aluminium Company Limited (NALCO) which is a Navratna CPSE.#NALCO is serving the nation for 40 years and the decision to sell it is causing widespread resentment.https://t.co/v14Ixt8pSH
— D. Raja (@ComradeDRaja) February 19, 2022
राजा ने कहा कि 1981 में स्थापित नालको, खान मंत्रालय के तहत एक नवरत्न कंपनी है और पिछले 40 वर्षों से उच्च गुणवत्ता वाले एल्युमिना और एल्युमीनियम का उत्पादन व निर्यात करने वाला सबसे शीर्ष केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) रहा है.
उन्होंने कहा, ‘मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर दिलाना चाहता हूं कि मजदूर विरोधी और जनविरोधी कदमों को लेकर लोगों और विशेष रूप से श्रमिकों में व्यापक आक्रोश है.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यह भी एक तथ्य है कि नालको अपनी स्थापना के समय से ही मुनाफा कमा रहा है और उत्पादन, उत्पादकता, प्रौद्योगिकी उन्नयन में लगातार ट्रैक रिकॉर्ड बना रहा है.
नालको देश में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा अर्जक सीपीएसई है. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय और राज्य के खजाने के साथ-साथ शेयरधारकों को लाभांश का बड़ा हिस्सा दे रहा है.
राजा ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘इनके आलोक में मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि देश, श्रमिकों और लोगों के सर्वोत्तम हित में इस कदम पर पुनर्विचार करें. आशा है कि आप इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाएंगे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)