दिल्ली पुलिस ने बताया कि 2021 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई. 2021 में बलात्कार के 1,969 मामले दर्ज किए गए, यह संख्या 2020 में 1,618 थी. इसके अलावा 2021 में 2,429 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए, जो साल 2020 की तुलना में 17.51 प्रतिशत की वृद्धि है.
नई दिल्ली: दिल्ली में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई और पिछले साल की तुलना में बलात्कार के मामलों में 21.69 प्रतिशत की इजाफा दर्ज किया गया है. पुलिस ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि इसके अलावा, 2021 में 2,429 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए, जो 17.51 प्रतिशत की वृद्धि है. उन्होंने बताया कि राजधानी दिल्ली में 2021 में बलात्कार के 1,969 मामले दर्ज किए गए, यह संख्या 2020 में 1,618 थी.
पुलिस ने बताया कि बलात्कार के 98.78 फीसदी मामलों में आरोपी पीड़ितों के परिचित थे.
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक प्रतिशत से कुछ अधिक मामले में आरोपी, पीड़ितों को नहीं जानते थे. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में ये परिवार के सदस्य, दोस्त, पड़ोसी या रिश्तेदार थे.
उन्होंने कहा कि 2021 में छेड़छाड़ के कुल 2,429 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में 2,067 मामले दर्ज किए गए थे.
अस्थाना ने कहा कि इसी तरह उत्पीड़न के मामलों में भी तेजी देखी गई है, 2020 में 411 मामलों की तुलना में 2021 में 421 मामले दर्ज किए गए थे.
उन्होंने दावा किया कि बलात्कार के दर्ज कुल मामलों में से 95.48 प्रतिशत मामलों को सुलझा लिया गया है. पुलिस छेड़छाड़ के 90.98 फीसदी और महिलाओं के शील भंग से जुड़े 85.75 फीसदी मामलों को सुलझाने में सफल रही.
2021 में 2020 की तुलना में अपराध 13 फीसदी बढ़े
दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बृहस्पतिवार को कहा कि शहर में 2021 में वर्ष 2020 की तुलना में अपराध की घटनाओं में 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. उन्होंने कहा कि अपराध दर में वृद्धि की वजह यह रही कि 2020 में महामारी के चलते कम मामले दर्ज हुए.
आंकड़ों का हवाला देते हुए पुलिस ने कहा कि 2020 में अपराध के 3,06,389 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2021 में 2,66,070 मामले दर्ज किए गए थे.
आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में जघन्य अपराधों के 5,740 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में ऐसे मामलों की संख्या 5,413 थी.
आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल ‘भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं’ (चोरी, डकैती एवं सेंधमारी) के तहत 2,87,563 मामले, जघन्य अपराध एवं चोरी के 2,93,303 तथा ‘स्थानीय एवं विशेष कानून (हथियार संबंधी अपराध, एनडीपीएस) के तहत 13,086 मामले दर्ज किए गए थे.
पुलिस ने कहा कि 2021 में लगभग 70 फीसदी मामले सेंधमारी, डकैती एवं चोरी के थे. 2020 की तुलना में 2021 में गिरफ्तारियों में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई. साल 2020 में 1,25,986 गिरफ्तारियां हुईं थी, जबकि 2021 में 1,47,115 गिरफ्तारियां की गईं.
आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में हत्या के मामलों में तीन प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. साल 2020 में इनकी संख्या 472 थी, जो 2021 में घटकर 4599 हो गई. हत्या के प्रयास के मामलों की संख्या में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2020 में इनकी संख्या 485 थी, जो 2021 में बढ़कर 655 हो गई.
पिछले साल फिरौती के लिए अपहरण के 17 मामले सामने आए और सभी का समाधान कर दिया गया. 2020 में ऐसे 11 मामले दर्ज किए गए, जिनका समाधान कर दिया गया.
इसमें कहा गया है कि साल 2021 में जबरन वसूली के 120 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2020 में इनकी कुल संख्या 170 थी.
आंकड़ों में कहा गया है कि हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती के मामलों में हथियारों के इस्तेमाल में भी नौ फीसदी की कमी आई है.
वर्ष 2020 में झपटमारी के 7,965 तथा 2021 में 9,383 मामले सामने आए थे, यानी झपटमारी के मामलों में 15 फीसदी का इजाफा हुआ. झपटमारी के मामलों में गिरफ्तारी भी 13 फीसदी बढ़ी.
पुलिस ने कहा कि 2021 में वरिष्ठ नागरिकों के विरूद्ध अपराध में नौ फीसदी का इजाफा हुआ और 2021 में 41,113 इस तरह के मामले दर्ज किए गए थे.
उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाहरी जिलों में सक्रिय कुल 21 प्रमुख गिरोहों की पहचान की गई और 2021 में सात खूंखार अपराधियों को निष्प्रभावी कर दिया गया.
अस्थाना ने साइबर अपराध की रोकथाम पर जोर दिया और कहा कि उनके बढ़ने की संभावना है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए 15 साइबर पुलिस थाने बनाए गए हैं. इसके अलावा 2,291 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, 583 बैंक खातों को अवरुद्ध किया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)