घटना भागलपुर ज़िले की है, जहां काजबलीचक इलाके के एक मकान में यह विस्फोट हुआ, जहां अवैध रूप से पटाखे बनाने का काम चल रहा था. विस्फोट के प्रभाव से मकान के अलावा आसपास की दो इमारतें भी मलबे में तब्दील हो गईं. स्थानीय थाना प्रभारी को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले में एक मकान के अंदर हुए भीषण विस्फोट में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और दस अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जाता है कि इस मकान में अवैध रूप से पटाखे बनाने का कारोबार चल रहा था. पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
भागलपुर के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि यह विस्फोट कस्बे के काजबलीचक इलाके में महेंद्र मंडल नामक एक व्यक्ति के घर के भीतर शुक्रवार को सुबह हुआ.
डीएम के मुताबिक, विस्फोट के प्रभाव से महेंद्र मंडल के घर के अलावा आसपास की दो इमारतें भी मलबे में तब्दील हो गईं. धमाके की आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी. मलबा हटाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों को मंगवाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि बम निरोधक दस्ते और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए घटनास्थल से नमूने एकत्र कर रही हैं.
शुक्रवार को सुब्रत कुमार सेन के बताया था कि घटनास्थल से अब तक कुल 10 लोगों के शवों को बरामद किया गया है, जिनकी पहचान अब तक नहीं की जा सकी है. विस्फोट में घायल नौ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
डीएम ने बताया कि मंडल पहले भी पटाखों के अवैध निर्माण में शामिल रहे हैं, और 2008 में उनके घर में इसी तरह के एक विस्फोट में उनकी पत्नी सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इसी बीच पटना एटीएस के नेतृत्व में बिहार पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है.
पुलिस ने कहा कि घटना गुरुवार (तीन मार्च) रात करीब 11.30 बजे मोहम्मद आजाद के घर पर हुई, जिसने इसे काजबलीचक इलाके में लीलावती देवी को किराए पर दिया था. लीलावती और उनके परिवार के चार अन्य सदस्य विस्फोट में मारे गए उन 14 लोगों में शामिल हैं.
घायलों का इलाज जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चल रहा है. विस्फोट के प्रभाव से आसपास के तीन घरों में भी दरारें आ गईं या आंशिक रूप से धंस गई.
स्थानीय थाना प्रभारी सुधांशु कुमार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
बिहार के डीजीपी एसके सिबघल ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्राथमिक जांच में पता चला है कि किराए के मकान में बिना लाइसेंस पटाखा बनाने की इकाई चलाई जा रही थी. एटीएस मामले की जांच करेगी. एफएसएल के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि कच्चे बम और पटाखे बनाने में इस्तेमाल होने वाले गन पाउडर और लोहे की कीलें मौके से जब्त कर ली गई हैं.
घटना पर बोलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘मैंने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से स्थिति का पूरा जायजा लिया है. मामले की जांच की जा रही है और हम राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और घायलों का इलाज किया जा रहा है.’
इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
भागलपुर के एसएसपी बाबूराम ने कहा, ‘हम राहत और बचाव कार्यों में व्यस्त हैं और जल्द ही मामले को पूरी तरह से देखेंगे. हमने स्थानीय पुलिस थाना प्रभारी को ठीक से काम नहीं करने के संबंध में पुलिस नियमावली के पालन का उल्लंघन पाया और इसलिए उसे निलंबित कर दिया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)