रूस-यूक्रेन युद्ध: रूस ने यूक्रेनी नागरिकों की निकासी के लिए कई शहरों में संघर्ष विराम की घोषणा की

रूस ने यूक्रेनी नागरिकों की निकासी के लिए राजधानी कीव, दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल, यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और सूमी में संघर्ष विराम के साथ मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की है. इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अगर कीव 'शत्रुतापूर्ण कार्रवाई' बंद कर दें तो मॉस्को के हमलों को रोका जा सकता है.

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कीव के पास इरपिन शहर में रूसी सैन्यबलों की भारी गोलीबारी के बीच बचकर भागते हुए एक स्थानीय. (फोटो: रॉयटर्स)

रूस ने यूक्रेनी नागरिकों की निकासी के लिए राजधानी कीव, दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल, यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और सूमी में संघर्ष विराम के साथ मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की है. इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अगर कीव ‘शत्रुतापूर्ण कार्रवाई’ बंद कर दें तो मॉस्को के हमलों को रोका जा सकता है.

रूसी सेना की शेलिंग के बाद कीव के पास इरपिन शहर से बचकर निकलते स्थानीय लोग. (फोटो: रॉयटर्स)

लवीव/कीव/हेग/जिनेवा/न्यूयॉर्क/वाशिंगटन/नई दिल्ली/बीजिंग/: रूस ने यूक्रेनी नागरिकों की निकासी के लिए सोमवार सुबह से संघर्ष-विराम के साथ कई क्षेत्रों में मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की है.

उत्तर, दक्षिण और मध्य यूक्रेन के शहरों में रूस की लगातार जारी गोलीबारी के बीच हजारों यूक्रेनी नागरिक वहां से सुरक्षित निकलने की कोशिश में जुटे हैं.

यूक्रेनी अधिकारियों ने कीव के उपनगरों में विनाशकारी मंजर के बीच नागरिकों को निकालने की कोशिशें नाकाम होने की जानकारी दी है. इस बीच, दोनों पक्षों के अधिकारियों ने सोमवार को तीसरे दौर की वार्ता करने की भी योजना बनाई है.

एक रूसी कार्यबल ने बताया कि संघर्ष-विराम सैन्य अभियान की शुरुआत के 12वें दिन यानी सोमवार सुबह से अमल में आ जाएगा.

कार्यबल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह संघर्ष-विराम राजधानी कीव, दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल, यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और सूमी से नागरिकों की निकासी के लिए घोषित किया गया है.

फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि संघर्ष-विराम कब तक लागू रहेगा और इसके तहत कार्यबल के बयान में उल्लिखित क्षेत्रों से आगे के इलाकों में भी लड़ाई रुकेगी या नहीं.

संघर्ष-विराम की यह घोषणा मारियुपोल से नागरिकों को निकालने की दो नाकाम कोशिशों के बीच हुई है.

रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने अनुमान लगाया है कि शहर से लगभग दो लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर भागने की कोशिश में जुटे हैं.

रूसी कार्यबल ने बताया कि संघर्ष-विराम और निकासी गलियारों को खोलने की घोषणा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के आग्रह पर की गई है, जिन्होंने रविवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी.

रूसी संवाद समिति ‘आरआईए नोवोस्ती’ द्वारा रक्षा मंत्रालय के हवाले से प्रकाशित निकासी मार्गों से पता चलता है कि यूक्रेनी नागरिक रूस और बेलारूस जा सकेंगे. कार्यबल ने कहा कि रूसी सेना ड्रोन के जरिये संघर्ष-विराम की निगरानी करेगी.

रूस की बमबारी के बीच नागरिकों की निकासी का अभियान रुका: यूक्रेन 

इससे पहले देश छोड़ने की कोशिश कर रहे यूक्रेन के हजारों नागरिकों को रूसी बमबारी से शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

यूक्रेन के अधिकारियों ने कीव के उपनगरों में निकासी के विफल प्रयासों के दौरान स्थिति को ‘विनाशकारी’ बताया.

वहीं, दोनों तरफ के अधिकारियों के सोमवार को तीसरी दौर की बातचीत करने की योजना है.

यूक्रेन के दूसरे बड़े शहर खारकीव में रूस के रॉकेट हमले से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई.

यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को अंधेरा छाने के साथ गोलीबारी और तेज हो गई.

इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने लड़ने का आह्वान करते हुए लोगों से ‘हमारी जमीन, हमारे शहरों से इस दुश्मन को खदेड़ने’ के लिए सड़कों पर उतरने का अनुरोध किया.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मॉस्को के हमलों को रोका जा सकता है ‘अगर कीव शत्रुतापूर्ण कार्रवाई बंद कर दें.’

रूस के हमले तेज होने के साथ ही दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल में लड़ाई से थोड़ी देर के लिए मिली राहत पल भर में गायब हो गई. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि अन्य बड़े शहरों में रिहायशी इलाकों में भारी तोपें दागी गईं.

गृह मंत्रालय के सलाहकार एंटोन ग्रेराश्नेको ने ‘टेलीग्राम’ पर कहा, ‘कोई ‘सुरक्षित गलियारा’ नहीं हो सकता, क्योंकि केवल रूसी लोगों का बीमार दिमाग ही यह तय करता है कि कब और किस पर गोलीबारी करनी है.’

ईसाई धर्म में ‘क्षमा देने’ के तौर पर मनाए जाने वाले ‘फारगिवनेस संडे’ पर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन अपने घरों पर बमबारी, निहत्थे लोगों की हत्या और अपने बुनियादी ढांचों के विनाश को कभी नहीं भूलेगा.

यूक्रेन के अलगाववादी नियंत्रित दोनेत्स्क क्षेत्र में रूस समर्थक ट्रूप्स के लोग. (फोटो: रॉयटर्स)

इस युद्ध में मृतकों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उसने कुछ सैकड़ों नागरिकों की मौत की ही पुष्टि की है लेकिन उसने आगाह किया कि यह संख्या कहीं अधिक हो सकती है.

यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि मारियुपोल में भोजन, पानी, दवा और लगभग सभी अन्य सामान की भारी किल्लत हो गई है, जहां रूसी और यूक्रेनी सेनाओं ने 11 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी जिससे नागरिकों को बाहर निकलने और घायलों को बचाने की अनुमति मिलेगी, लेकिन रूसी हमलों ने जल्द ही मानवीय गलियारा बंद कर दिया.

‘इंटरनेशनल कमिटी ऑफ रेड क्रॉस’ ने अनुमान जताया कि 2,00,000 लोग मारियुपोल से भागने की कोशिश कर रहे हैं. मानवीय गलियारा बंद होने से पहले शहर छोड़ चुके कुछ निवासियों ने कहा कि मारियुपोल बर्बाद हो गया है.

रूसी सेना के यूक्रेन में गोलाबारी तेज करने के बीच युद्धग्रस्त देश के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से रूस के खिलाफ प्रतिबंध और कड़े करने का आग्रह किया है.

इस बीच जेलेंस्की ने रूसी रक्षा मंत्रालय की घोषणा का जवाब नहीं देने के लिए रविवार शाम एक वीडियो संदेश में पश्चिमी नेताओं की आलोचना की.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह यूक्रेन के सैन्य-औद्योगिक परिसर पर हमला करेगा और उसने इन रक्षा संयंत्रों के कर्मचारियों को काम पर नहीं जाने को भी कहा है.

जेलेंस्की ने कहा, ‘मैंने एक भी विश्व नेता की इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं सुनी. आक्रमण करने वाले का दुस्साहस दिखाता है कि मौजूदा प्रतिबंध पर्याप्त नहीं हैं.’

जेलेंस्की ने ऐसे अपराधों का आदेश देने और उन्हें अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए एक ‘प्राधिकरण’ बनाने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा, ‘कब्जा करने वालों की हिम्मत देखिए, जो इस तरह के नियोजित अत्याचारों की घोषणा कर सकते हैं.’

रूसी रक्षा मंत्रालय ने रविवार को घोषणा की थी कि उसकी सेना यूक्रेन के सैन्य-औद्योगिक परिसर पर सटीक हथियारों से हमला करेगी.

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने एक खबर में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाश्नेकोव के हवाले से कहा था, ‘हम यूक्रेन के रक्षा उद्योग संयंत्रों के सभी कर्मियों से आग्रह करते हैं कि वे उद्यम परिसरों से बाहर चले जाएं.’

आम लोगों को निकालने के लिए बेलारूस, रूस तक गलियारा बनाने के प्रस्ताव को यूक्रेन ने खारिज किया

यूक्रेन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को रूस के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया कि युद्धग्रस्त देश में फंसे आम लोगों को निकालने के लिए बेलारूस और रूस तक एक गलियारा बनाया जाए.

रूसी प्रस्ताव के अनुसार, कीव और उसके उपनगरों से भाग रहे लोगों के लिए एकमात्र विकल्प पड़ोसी बेलारूस के गोमेल जाना होगा. पूर्वी यूक्रेन के खारकीव और सूमी में फंसे लोगों को रूसी शहर बेलगोरोद जाना होगा.

रूस का एक प्रमुख सहयोगी देश है बेलारूस और यूक्रेन पर आक्रमण के लिए वह एक ‘लॉन्चिंग ग्राउंड’ के रूप में कार्य कर रहा है.

यूक्रेन की सरकार मारियुपोल के दक्षिणी बंदरगाह सहित आठ मानवीय गलियारों का प्रस्ताव कर रही है, जहां से लोग यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों में जा पाएंगे जहां रूस की ओर से कोई गोलाबारी नहीं है.

यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वीरेशचुक ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि रूसी संघ फ्रांस, चीन, तुर्की और भारत के नेताओं का विश्वास तोड़ना बंद करे.’

इसी बीच हेग में कीव के एक प्रतिनिधि ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत से रूस को यूक्रेन पर विनाशकारी आक्रमण रोकने का आदेश देने का अनुरोध किया, जिसमें रूस अनुपस्थित रहा.

यूक्रेनी प्रतिनिधि एंतोन कोरीनेविच ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों से कहा, ‘रूस को रोका जाना चाहिए और इसे रोकने में अदालत को भूमिका निभानी है.’

अदालत के ‘पीस पैलेस’ मुख्यालय में ‘ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस’ में यूक्रेन के अनुरोध पर हो रही सुनवाई के दौरान रूस की सीट खाली थीं.

जेलेंस्की ने ‘ग्लोबल सिटीजन’ के साथ मिलकर मदद का आह्वान किया

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को उनके देश की रक्षा करने में एक नया साझेदार ‘ग्लोबल सिटीजन’ मिला है जो अत्यधिक गरीबी से लड़ने वाला गैर लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है.

जेलेंस्की और ग्लोबल सिटीजन ने रविवार को संगठन के लाखों सदस्यों के साथ ही उसके सरकारी, कॉरपोरेट और परोपकारी साझेदारों से कार्रवाई का आह्वान किया.

इसके तहत एक वीडियो संदेश में जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ यूक्रेन के युद्ध के बारे में बात की और उन कदमों की भी बात की जो समर्थक मदद करने के लिए उठा सकते हैं.

यूक्रेनी राष्ट्रपति के पहले संदेश में रूस के ‘आतंकवादी कृत्यों’ के खिलाफ उनके देश की रक्षा करने में दुनिया की मदद मांगी गई. वीडियो में जेलेंस्की ने यूक्रेन के शहरों पर रूस की बमबारी और एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर आग लगने की घटना का हवाला दिया.

ग्लोबल सिटीजन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि इस अनोखी भागीदारी से लोगों को मानवीय संकट और इससे कैसे निपटना है, इसकी जानकारी मिलेगी.

संगठन के सीईओ ह्यूज इवांस ने कहा कि जेलेंस्की के वीडियो बयान को दुनियाभर के समाचार संगठन कवर कर रहे हैं, जिससे चलते ग्लोबल सिटीजन उनके शब्दों को हर कहीं फैलाना चाहता है.

इवांस ने कहा, ‘हमें लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि लोग उस नेता की बात सीधे सुन पाए जो लोगों को सबसे ज्यादा प्रेरित कर रहा है.’

चेर्निहिव में रूसी हमले में क्षतिग्रस्त हुई एक स्कूल की इमारत. (फोटो: रॉयटर्स)

अब तक 17 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि अब तक 17 लाख से अधिक लोग युद्धग्रस्त यूक्रेन को छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ले चुके हैं.

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने सोमवार को बताया कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक 17 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं.

इनमें से करीब 10 लाख लोगों ने पोलैंड में शरण ली है. वहीं 180,000 से अधिक लोगों ने हंगरी में जबकि 128,000 लोगों ने स्लोवाकिया में शरण ली है.

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने रविवार को कहा था कि उसने 24 फरवरी को रूस का सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से यूक्रेन में कम से कम 364 नागरिकों की मौत होने की पुष्टि की है.

जेनेवा स्थित मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि शनिवार मध्यरात्रि तक देश में कम से कम 759 नागरिकों के घायल होने की खबर है.

फ्रांस के मोंटपेलियर में यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने सभी 27 सदस्य देशों से इन शरणार्थियों की मदद के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटाने का आह्वान किया है ताकि पड़ोसी देश पोलैंड और रोमानिया सहित यूक्रेन से आने वाले शरणार्थियों का स्वागत करने वाले अन्य देशों की मदद की जा सके.

बोरेल ने इस संबंध में यूरोपीय संघ के विकास मंत्रियों के साथ भी बैठक की.

रूस ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों को चेतावनी दी

उधर, रूसी सेना ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों को चेतावनी दी है कि यदि यूक्रेन के लड़ाकू विमानों ने उनके क्षेत्र से हमले किये, तो मॉस्को इसे उस देश का युद्ध में शामिल होना मानेगा.

रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने रविवार को आरोप लगाया कि यूक्रेन के कुछ लड़ाकू विमानों को रोमानिया और यूक्रेन के अन्य पड़ोसी देशों में तैनात किया गया है. हालांकि उन्होंने उन देशों का नाम नहीं बताया.

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वे लड़ाकू विमान रूसी सैनिकों पर उन राष्ट्रों के क्षेत्र से हमला करते हैं तो इसे यह माना जा सकता है कि वे देश सैन्य संघर्ष में शामिल हो गए हैं.

कीव के पास इरपिन शहर में रूसी सैन्यबलों की भारी गोलीबारी के बीच बचकर भागते हुए एक स्थानीय. (फोटो: रॉयटर्स)

रूस में मीडिया इकाइयों, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई, नेटफ्लिक्स, टिकटॉक ने बंद की सेवाएं

इससे पहले रूसी प्राधिकारियों ने रविवार को स्वतंत्र मीडिया इकाइयों पर रोक और प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी जारी रखी. इन कदमों का उद्देश्य संभवत: यूक्रेन पर आक्रमण के बारे में देश में लोगों की दी जाने वाली सूचना को नियंत्रित करना है.

कई प्रमुख स्वतंत्र ऑनलाइन मीडिया इकाइयों पर रविवार को रोक लगा दी गई. वहीं कई अन्य मीडिया इकाइयों पर रोक पिछले सप्ताह लगाई गई थी. अन्य इकाइयों ने नए दमनकारी कानूनों के कारण रूस में अपना कामकाज रोकने का फैसला किया.

इसके अलावा पूरे रूस में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.

जिन मीडिया इकाइयों पर रोक लगाई गई है उनमें मीडियाजोना शामिल है. यह एक ऐसी मीडिया इकाई है जो रूस की पुलिस और न्याय प्रणाली से संबंधित खबरें देती है. यह राजनीतिक गिरफ्तारी और हाई-प्रोफाइल अदालती मामलों के बारे में जानकारी का एक अहम स्रोत रही है.

अमेरिका द्वारा वित्त पोषित ब्रॉडकास्टर रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी ने रविवार को घोषणा की कि वह रूस में अपने संचालन को निलंबित कर रहा है.

उसने कहा कि यह फैसला तब लिया गया जब देश में पत्रकारों पर दबाव बढ़ा दिया गया है और कर अधिकारियों ने इसके खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू कर दी है.

मीडियोजाना ने एक बयान में कहा, ‘(रूसी संचार और मीडिया एजेंसी) रोसकोम्नादज़ोर ने मांग की कि हम अपनी पूरी वेबसाइट को हटा दें. हां, हमें एजेंसी से यह मांग मिली – खुद को ‘ब्लॉक’ करने के लिए क्योंकि हम यूक्रेन पर रूस के हमले को गलत तरीके से कवर करते हैं और युद्ध को युद्ध कहते हैं.’

उसने कहा, ‘हम इसके लिए तैयार थे. हाल के दिनों में, रूस में सैन्य ‘सेंसरशिप’ को प्रभावी ढंग से पेश किया गया है, और देश में लगभग कोई स्वतंत्र मीडिया नहीं बचा है. हम अपने सभी जोखिमों को समझते हैं, लेकिन हम काम करना जारी रखते हैं – यह हमारे पाठकों और खुद के लिए हमारा कर्तव्य है.’

इसके साथ ही ओटीटी मंच नेटफ्लिक्स ने कहा है कि वह रूस में अपनी सेवा निलंबित कर रहा है. कंपनी ने रविवार को एक बयान जारी कर रूस में अपनी सेवाएं निलंबित करने के फैसले के लिए ‘जमीनी हालात’ को जिम्मेदार ठहराया.

हालांकि, उसने कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी. यह घोषणा टिकटॉक के उस बयान के बाद की गई है, जिसमें कहा गया है कि रूसी उपयोगकर्ताओं को ऐप पर वीडियो साझा करने और दुनिया के अन्य हिस्सों से डाले जा रहे पोस्ट देखने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

टिकटॉक ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा, ‘फर्जी खबरों को लेकर रूस के नए कानून के मद्देनजर हमारे पास इस कानून के सुरक्षा निहितार्थों की समीक्षा करने तक देश में लाइव स्ट्रीमिंग और नए वीडियो साझा करने की सुविधा को निलंबित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.’

हालांकि, टिकटॉक ने स्पष्ट किया कि इस दौरान ऐप पर उसकी मैसेजिंग सेवा बहाल रहेगी.

इससे पहले, अमेरिकन एक्सप्रेस ने भी रविवार को रूस के साथ-साथ उसके सहयोगी बेलारूस में अपना परिचालन निलंबित करने की घोषणा की थी.

कंपनी ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर जारी अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड अब रूस के एटीएम और विक्रय केंद्रों पर काम नहीं करेंगे. इसके अलावा, रूसी बैंकों द्वारा देश में स्थानीय रूप से जारी किए गए एमएक्स कार्ड भी अब रूस के बाहर काम नहीं करेंगे.’

नरेंद्र मोदी ने की जेलेंस्की से बात, सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में मांगी मदद

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की और युद्धग्रस्त देश के पूर्वोत्तर इलाके के शहर सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में उनसे मदद की गुजारिश की.

करीब 35 मिनट तक चली इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में उभरती परिस्थितियों पर भी चर्चा की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण सूमी में अभी भी 700 के करीब भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने सूमी में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों में यूक्रेन सरकार से मदद जारी रखने की अपील की.

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी वार्ता की सराहना की. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से भारतीयों को निकालने में यूक्रेन सरकार द्वारा की गई मदद के लिए जेलेंस्की का आभार जताया.

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध आरंभ होने के बाद दोनों नेताओं के बीच आज यह दूसरी वार्ता हुई है. इससे पहले, दोनों नेताओं ने 26 फरवरी को फोन पर बातचीत की थी.

दोनों देशों के बीच युद्ध आरंभ होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी दो बार बात कर चुके हैं.

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और उनसे अनुरोध किया कि रूस तथा यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों के बीच चल रही बातचीत के अतिरिक्त वह सीधे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से वार्ता करें.

पीएमओ की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, मोदी ने कहा कि उनकी सलाह पर पुतिन यदि अमल करते हैं तो इस विषय पर जारी शांति प्रयासों को ‘काफी मदद’ मिल सकती है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी और पुतिन के बीच फोन पर यह बातचीत करीब 50 मिनट तक चली.

पीएमओ ने बताया कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में उभरती परिस्थितियों पर चर्चा की और इस दौरान पुतिन ने यूक्रेन तथा रूस के प्रतिनिधमंडलों के बीच जारी वार्ता की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया.

इसने कहा, ‘मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी बातचीत का स्वागत किया तथा उम्मीद जताई कि इससे दोनों देश संघर्ष की समाप्ति की दिशा में आगे बढ़ेंगे.’

पुतिन और मोदी के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है जब रूस ने नागरिकों की निकासी के लिए सोमवार सुबह से संघर्षविराम के साथ कई क्षेत्रों में मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की.

उत्तर, दक्षिण और मध्य यूक्रेन के शहरों में रूस की लगातार जारी गोलाबारी के बीच हजारों यूक्रेनी व अन्य देशों के नागरिक वहां से सुरक्षित निकलने की कोशिश में जुटे हैं. भारत भी छात्रों समेत अपने नागरिकों को निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है.

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के सूमी में फंसे भारतयों की सुरक्षा को लेकर अपनी ‘गहरी चिंता’ से रूसी राष्ट्रपति को अवगत कराया.

उन्होंने सूमी सहित यूक्रेन के कुछ अन्य शहरों में संघर्षविराम और मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की सराहना की तथा सूमी से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के महत्व पर जोर दिया.

पीएमओ ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने भारतीय छात्रों सहित आम नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए मानवीय गलियारे खोले जाने संबंधी उपायों के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को विस्तृत जानकारी दी.

सूत्रों ने कहा, ‘राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वस्त किया कि भारतीयों को सुरक्षित निकालने में वह हरसंभव सहयोग करेंगे.’

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद मोदी और पुतिन के बीच यह तीसरी वार्ता थी.

भारत, रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं से युद्ध को तत्काल समाप्त करने तथा वार्ता और कूटनीति के जरिये मतभेदों को दूर करने की अपील करता आ रहा है.

रूसी समाचार एजेंसी इंटरफेक्स ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय रक्षा एवं सहयोग संगठन (ओएससीई) और रेडक्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति को कीव, मारियुपोल, खारकीव तथा सूमी में मानवीय गलियारा खोले जाने की जानकारी दी है.

बताया गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण सूमी में अभी भी 700 के करीब भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.

खारकीव में एक क्षतिग्रस्त इमारत. (फोटो: रॉयटर्स)

चीन ने युद्ध के बावजूद रूस को अपना मुख्य ‘कूटनीतिक साझेदार’ बताया

यूक्रेन पर हमले की निंदा करने से चीन के लगातार इनकार के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को रूस को बीजिंग का ‘सबसे महत्वपूर्ण कूटनीतिक साझेदार’ बताया.

वांग यी ने कहा कि मॉस्को के साथ चीन के रिश्ते ‘दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक’ हैं.

उन्होंने चीन की संसद की वार्षिक बैठक से इतर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कितना खतरनाक क्यों न हो, लेकिन हम अपना कूटनीतिक रुख बरकरार रखेंगे और नए युग में व्यापक चीन-रूस भागीदारी के विकास को बढ़ावा देते रहेंगे. दोनों देशों के लोगों के बीच दोस्ती मजबूत है.’

चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद उस पर अमेरिका, यूरोप और अन्य द्वारा लगाए प्रतिबंधों से खुद के अलग कर लिया है.

चीन ने कहा कि सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन इन प्रतिबंधों ने नए मुद्दे पैदा कर दिए हैं और राजनीतिक समाधान की प्रक्रिया बाधित कर दी है.

गौरतलब है कि चीनी नेता शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच चार फरवरी को बीजिंग में हुई बैठक को काफी महत्ता दी गई. इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी कर ‘अपने अहम हितों की रक्षा के लिए मजबूत परस्पर सहयोग’ की पुष्टि की.

रूस ताइवान को ‘चीन का अविभाज्य हिस्सा’ मानने के रुख का समर्थन करता है और ताइवान की किसी भी रूप में स्वतंत्रता का विरोध करता है जबकि चीन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विस्तार का विरोध करने में रूस का समर्थन करता है.

शी की सरकार ने यूक्रेन पर हमले की निंदा करने से इनकार कर दिया लेकिन पुतिन के युद्ध से भी दूरी बनाने की कोशिश करते हुए संवाद और संप्रभुत्ता का सम्मान करने का आह्वान किया.

इससे ऐसे संकेत मिले कि पुतिन ने दोनों नेताओं के बयान से पहले चीनी नेता को अपनी योजनाओं के बारे में नहीं बताया.

बीजिंग ने मॉस्को पर व्यापार और वित्तीय प्रतिबंधों की निंदा की और इस संघर्ष के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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