जम्मू कश्मीर: ज़मानत के कुछ घंटे बाद पत्रकार फ़हद शाह फ़िर गिरफ़्तार

जम्मू कश्मीर के शोपियां की एक अदालत से ज़मानत मिलने के कुछ घंटे बाद समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. उन्हें बीते शनिवार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. शाह को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और राज्य के लोगों को भड़काने के आरोप में बीते चार फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था.

/
फहद शाह. (फोटो साभार: ट्विटर/@pzfahad)

जम्मू कश्मीर के शोपियां की एक अदालत से ज़मानत मिलने के कुछ घंटे बाद समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. उन्हें बीते शनिवार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. शाह को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और राज्य के लोगों को भड़काने के आरोप में बीते चार फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था.

कश्मीर वाला के प्रधान संपादक फहद शाह. (फोटो साभार: फहद शाह/फेसबुक)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में शोपियां की एक अदालत से जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद पत्रकार फहद शाह को एक महीने में तीसरी बार शनिवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया.

श्रीनगर पुलिस द्वारा उनकी सबसे हालिया गिरफ्तारी मई 2020 में शहर में एक मुठभेड़ मामले की उनके समाचार पोर्टल द्वारा रिपोर्टिंग से संबंधित है.

पुलिस ने समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक शाह को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फर्जी खबरें फैलाने और जम्मू-कश्मीर के लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पोर्टल ने एक बयान के अनुसार, फहद शाह को जमानत देते हुए शोपियां के मजिस्ट्रेट सईम कयूम ने कहा, ‘एक बर्बर समाज में आप शायद ही जमानत मांग सकते हैं, एक सभ्य समाज में आप शायद ही इसे मना कर सकते हैं. दूसरे शब्दों में, ‘जमानत एक नियम है और इसका इनकार एक अपवाद है.’

फहद शाह को बीते चार फरवरी को आतंकवादी गतिविधियों का महिमामंडन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने पुलवामा में एक मुठभेड़ की सूचना दी थी, जिसमें चार मौतें हुई थीं.

22 दिनों की हिरासत के बाद 26 फरवरी को उन्हें एनआईए अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत द्वारा जमानत दी गई थी. इसके बाद उन्हें शोपियां पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और शनिवार को उन्हें जमानत दे दी गई थी, लेकिन उन्हें वापस गिरफ्तार कर लिया गया.

वर्तमान में वह श्रीनगर के सफाकदल पुलिस स्टेशन में बंद हैं और उनके वकील फिर से उन्हें जमानत दिलाने की कोशिश में लगे हुए हैं.

शाह के वकील उमैर रोंगा ने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट पुलवामा की अदालत ने शाह को दस दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

रोंगा ने कहा कि उन्होंने जमानत की अर्जी भी दाखिल की है, क्योंकि उन्हें अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि शाह पर सही आरोप क्या है.

उन्होंने कहा, ‘इसलिए अदालत ने उनसे (पुलिस) सोमवार तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. उम्मीद है कि हमें सोमवार को रिपोर्ट मिल जाएगी और हमें पता चल जाएगा कि यह वास्तव में क्या है.’

कश्मीर जोन पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘फहद शाह आतंकवाद का महिमामंडन करने, फर्जी खबरें फैलाने और कानून व्यवस्था से जुड़ी स्थिति पैदा करने के लिए आम जनता को उकसाने के लिए तीन मामलों में वांछित हैं और पीएस थाना सफाकदल श्रीनगर की प्राथमिकी संख्या 70/2020, पीएस इमाम साहब की प्राथमिकी 06/2021, शोपियां और वर्तमान में पीएस पुलवामा की प्राथमिकी संख्या 19/2022 में उनकी गिरफ्तारी की गई है.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस बीच पुलवामा पुलिस स्टेशन में तीसरी प्राथमिकी दर्ज की गई, जब शाह के पोर्टल ने एक मृतक आतंकवादी के परिवार के सदस्यों के हवाले से एक स्टोरी प्रकाशित की, जिसमें पुलिस के दावों का खंडन किया गया था. पुलिस ने रिपोर्ट में किए गए दावों का विरोध किया है.

मालूम हो कि शाह के अलावा पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के साथ जुड़े एक ट्रेनी पत्रकार और छात्र सज्जाद गुल को बांदीपोरा जिले के हाजिन इलाके में उनके घर से पांच जनवरी की रात को गिरफ्तार किया गया था.

आठ जनवरी को जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने गुल को कथित तौर पर लोगों को हिंसा के लिए उकसाने और सार्वजनिक शांतिभंग करने के लिए गिरफ्तार किया है.

आरोप है कि गुल ने शालीमार श्रीनगर में आतंकी सलीम पर्रे को मार गिराए जाने के दिन कुछ महिलाओं द्वारा देश विरोधी नारे लगाए जाने के आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे.

उसके बाद राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पत्रकार सज्जाद गुल को अदालत से जमानत मिलने के अगले ही दिन उनके खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)