उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में छात्रों का सिर मुंडाए और पीछे बंधे हुए हाथ के साथ एक कतार में चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है, जिसे कथित तौर पर वरिष्ठ छात्रों द्वारा की गई रैगिंग बताया जा रहा है. प्रिंसिपल ने कहा कि अगर यह साबित हो जाता है कि कैंपस में रैगिंग हुई थी तो ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
देहरादून: उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में छात्रों का सिर मुंडाए और पीछे बंधे हुए हाथ के साथ एक कतार में चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है, जिसे कथित तौर पर वरिष्ठ छात्रों द्वारा की गई रैगिंग बताया जा रहा है.
हालांकि इस संबंध में पीडित छात्रों द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है. पुलिस को भी इस बारे में कोई औपचारिक शिकायत नहीं की गई है.
प्रसारित वीडियो में कतारबद्ध होकर चलते दिखाई दे रहे 27 छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के बताए जा रहे हैं. लैब कोट पहने और चेहरे पर मास्क लगाए सभी छात्र अपने चेहरे नीचे की ओर किए हैं. वीडियो में उन्हें ‘डॉक्टर साहब नमस्कार’ कहते भी सुना जा सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस वीडियो के वायरल होने के बाद हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग के एंगल का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं.
इसके तहत अनुशासन समिति और रैगिंग विरोधी पैनल, जिसमें जिला प्रशासन की भागीदारी भी है, छात्रों से बात करेंगे और रैगिंग का मामला होने पर कार्रवाई की सिफारिश करेंगे. हालांकि अभी तक कॉलेज प्रशासन को प्रथम वर्ष के किसी भी छात्र की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अरुण जोशी ने कहा, ‘अगर यह साबित हो जाता है कि कैंपस में रैगिंग हुई थी तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
जोशी ने कहा, ‘हमने वीडियो देखा है. सभी सिर मुंडाए हुए छात्रों को अपने व्याख्यान कक्ष से डाइनिंग हॉल तक एक लाइन में चलते हुए देखा जा सकता है. गार्ड मौजूद थे और वीडियो कुछ दिन पुराना लगता है. छात्रों ने सिर मुंडवाने के अलग-अलग कारण बताए हैं. किसी ने कहा कि गर्मी की वजह से है तो किसी ने डैंड्रफ की समस्या बताई. हालांकि, यह संभव है कि उन पर इस तरह के कारण बताने का दबाव हो.’
एमबीबीएस का नया बैच पिछले महीने शुरू होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने मामले का संज्ञान लेते हुए सोमवार को अनुशासन समिति की बैठक बुलाई है. हम प्रथम वर्ष के छात्रों से अपने बयान लिखित में देने को कहेंगे. हम उनसे सिर मुंडवाने के कारणों का हवाला देने के लिए कहेंगे क्या उन पर किसी तरह का दबाव डाला गया था. रैगिंग का संदेह होने पर रैगिंग विरोधी समिति की बैठक भी होगी और इसमें जिला प्रशासन भी शामिल होगा.’
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब कॉलेज से कथित रैगिंग के मामले सामने आए हैं. इसी तरह के आरोपों पर 2019 में कुछ छात्रों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. उस समय प्रशासन ने दावा किया था कि यह घटना छात्रों के बीच विवाद का परिणाम थी. 2016 में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं.
इसके अलावा जूनियर छात्रों ने पीटे जाने, एक-दूसरे के सिर पर बोतलें फोड़ने के लिए मजबूर करने और सिगरेट से चेहरा दागने के आरोप भी लगा चुके हैं.
कुछ माह पहले दिसंबर में भी छात्रों ने ऐसी ही एक शिकायत की थी, जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए आरोपी छात्र को छात्रावास से बाहर निकाल दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)