को-लोकेशन मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक रामकृष्ण सात दिन की सीबीआई हिरासत में

देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं, जिससे उनकी बाज़ारों तक तेज़ी से पहुंच हो सके. यह आरोप लगाया गया है कि कुछ ब्रोकर ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया है.

एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ चित्रा रामकृष्ण. (फोटोः रॉयटर्स)

देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं, जिससे उनकी बाज़ारों तक तेज़ी से पहुंच हो सके. यह आरोप लगाया गया है कि कुछ ब्रोकर ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया है.

एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ चित्रा रामकृष्ण. (फोटोः रॉयटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले में सात दिन की हिरासत में लेकर पूछताछ करने की सोमवार को अनुमति दे दी.

विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने सीबीआई और आरोपियों की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया.

जांच एजेंसी ने उनसे पूछताछ के लिए 14 दिन की हिरासत की मांग की थी.

सीबीआई ने आरोपी को रविवार को गिरफ्तार किया था जब शनिवार को अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआई ने हाल में मामले में रामकृष्ण से पूछताछ की थी. इससे पहले आयकर विभाग ने मुंबई और चेन्नई में रामकृष्ण से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की थी.

एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में, ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं, जिससे उनकी बाजारों तक तेजी से पहुंच हो सके.

यह आरोप लगाया गया है कि कुछ ब्रोकर ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया है.

सीबीआई अदालत ने हाल ही में एनएसई के समूह संचालन अधिकारी और रामकृष्ण के सलाहकार आनंद सुब्रमनियन को सीबीआई हिरासत में भेजा था. उन्हें बीते 25 फरवरी को सीबीआई ने चेन्नई से गिरफ्तार किया था.

इस मामले की जांच पिछले तीन वर्षों से चल रही है और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की एक ताजा रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने यह गिरफ्तारी की है.

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच में पता चला कि देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण नियमों का उल्लंघन करते हुए बाज़ार के वित्तीय अनुमानों, व्यावसायिक योजनाओं और बोर्ड के एजेंडे सहित महत्वपूर्ण जानकारियां एक कथित आध्यात्मिक गुरु से साझा करती थीं.

उन पर आनंद सुब्रमनियन को अपना सलाहकार और समूह संचालन अधिकारी के रूप में नियुक्त करने में नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप है.

एनएसई में अनियमितताओं के बारे में ताजा खुलासे के बीच ये गिरफ्तारी को-लोकेशन घोटाले से संबंधित मामले में की गई थी, जिसके लिए एफआईआर मई 2018 में दर्ज की गई थी.

सीबीआई शेयर मार्केट एक्सचेंज के कंप्यूटर सर्वर से स्टॉक ब्रोकरों को सूचना के कथित अनुचित प्रसार की जांच कर रही है.

इससे पहले पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वरिष्ठ स्तर पर भर्ती में चूक के लिए एनएसई, चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण और दो अन्य अधिकारियों को दंडित किया था.

रवि नारायण अप्रैल 1994 से मार्च 2013 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ थे, जबकि चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थीं.

सेबी ने पाया कि एनएसई और उसके शीर्ष अधिकारियों ने समूह संचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमनियन की नियुक्ति से संबंधित प्रतिभूति अनुबंध मानदंडों का उल्लंघन किया है.

मालूम हो​ कि वर्ष 2013 में एनएसई के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण की जगह लेने वाली चित्रा रामकृष्ण ने सुब्रमनियन को अपना सलाहकार नियुक्त किया था. इसके बाद सुब्रमनियन को 4.21 करोड़ रुपये के मोटे वेतन पर समूह संचालन अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया था.

सेबी ने अपनी रिपोर्ट में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण और अन्य लोगों पर आनंद सुब्रमनियन को मुख्य रणनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त करने के अलावा समूह संचालन अधिकारी और प्रबंधक निदेशक (रामकृष्ण) के सलाहकार के पद पर पुन: नियुक्त करने में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

सेबी ने इस सिलसिले में रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा सेबी ने एनएसई पर दो करोड़ रुपये, एनएसई के पूर्व प्रबंधक निदेशक और सीईओ रवि नारायण पर दो करोड़ रुपये और मुख्य नियामक अधिकारी और अनुपालन अधिकारी वीआर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

बता दें कि रामकृष्ण उन लोगों में से एक रही हैं, जिन्होंने 1990 की दशक के शुरुआत में एनएसई गठित किया था, ताकि पहले से स्थापित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को चुनौती दी जा सके. उन्हें 2009 में एनएसई का संयुक्त प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था और 2013 में प्रमोट कर सीईओ बना दिया गया था.

रामकृष्ण ने निजी कारणों का हवाला देकर 2016 में एनएसई से इस्तीफा दे दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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