मणिपुर विधानसभा चुनाव: मुख्यमंत्री ने कहा- भाजपा अब नेशनल पीपुल्स पार्टी की मदद नहीं ले सकती

मणिपुर के विधानसभा चुनाव में अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है और चौदह पर आगे चल रही है. रुझानों से साफ हो गया है कि भाजाप बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है. हेनगांग से जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि भाजपा समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन एनपीपी की मदद नहीं ले सकती. 

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**EDS: TWITTER IMAGE POSTED BY @NBirenSingh ON TUESDAY, FEB. 22, 2022.** Imphal: BJP workers wearing masks of Prime Minister Narendra Modi attend his election campaign rally, for the upcoming Manipur Assembly elections at Luwangpokpa Multi-Sports Complex, in Imphal. (PTI Photo)(PTI02_22_2022_000100B)

मणिपुर के विधानसभा चुनाव में अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है और चौदह पर आगे चल रही है. रुझानों से साफ हो गया है कि भाजाप बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है. हेनगांग से जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि भाजपा समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन एनपीपी की मदद नहीं ले सकती.

मणिपुर के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के दौरान मतदान के लिए मतदान केंद्र के बाहर इंतजार करते लोग.(फोटो: पीटीआई)

इंफाल: मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे शुरू हो गई. राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर मतदान 28 फरवरी और पांच मार्च को दो चरण में हुआ था.

उग्रवाद प्रभावित मणिपुर में सत्ताधारी भाजपा गठबंधन सत्ता में वापसी करता दिख रहा है. चुनाव आयोग की वेबसाइट के नवीनतम अपडेट के अनुसार, भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है और 14 पर आगे चल रही है, जो राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का संकेत दे रही है. इस बीच, जद (यू) ने 5 सीटें जीती हैं और कांग्रेस और एनपीएफ ने तीन-तीन सीटें जीती हैं.

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के पी. शरतचंद्र सिंह को 18,271 मतों के अंतर से पराजित कर दिया है.

इसी बीच, विधानसभा चुनाव परिणाम पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा, ‘हमें सरकार बनाने का दावा पेश करने में समय लगेगा, नतीजे आने दीजिए. हमारे राष्ट्रीय नेता सीएम के चेहरे पर फैसला करेंगे, हम पीएम मोदी के समावेशी विकास के मंत्र पर ध्यान देंगे.’

नीतीश कुमार के जनता दल (यू) को तीन सीट पर जीत हासिल हुई है और वह तीन सीट पर आगे चल रहा है. कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को दो-दो सीट पर विजय हासिल हुई है, जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है. कुकी पीपुल्स अलायंस को एक सीट पर जीत हासिल हुई, जबकि एक अन्य सीट पर वह आगे है. कांग्रेस दो सीट पर आगे है

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, निर्दलीय विधायक निशिकांत सपाम, जो राज्य के सबसे अमीर उम्मीदवार भी हैं, ने कीशमथोंग सीट 183 मतों से जीती है. सपाम को 8,650 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के उम्मीदवार महेश्वर थौनाओजम को 8,467 वोट मिले.

भाजपा का टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था.

मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने थौबल सीट से भाजपा उम्मीदवार एल. बसंत सिंह को 2,543 मतों से हराया.

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री को 15,085 मत मिले जबकि भाजपा उम्मीदवार को 12,542 मत प्राप्त हुए. इस सीट पर शिवसेना के कोनसाम मिशेल सिंह तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 1,622 मत प्राप्त हुए.

इसके अनुसार, कांग्रेस उम्मीदवार को 51 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं जबकि भाजपा उम्मीदवार को 42.4 प्रतिशत मत मिले हैं.

मणिपुर विधानसभा की सभी 60 सीटों के लिए मतों की गिनती आज सुबह आठ बजे शुरू हुई और अभी जारी है. शाम चार बजकर तीन मिनट तक कुल 51 सीट से जुड़े परिणाम या रुझान उपलब्ध थे.

भाजपा ने वर्ष 2017 में केवल 21 सीट जीतकर एनपीपी और एनपीएफ की मदद से सरकार बनाई थी. हालांकि भगवा दल ने बाद में अपनी संख्या बढ़ाकर 28 कर ली थी.

जनता दल (यूनाइटेड) ने दो दशकों में पहली बार अपना खाता खोला

चुनाव आयोग के आधिकारिक रुझानों के अनुसार, जनता दल (यूनाइटेड) को पांच सीटों पर जीत हासिल हुई है और वह तीन सीट पर आगे चल रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जनता दल (यूनाइटेड) ने पहली बार मणिपुर में अपना खाता खोला है. चुराचांदपुर जिले के जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार तिपाईमुख से जनता दल (यू) प्रत्याशी नगुरसंगलूर सनाटे ने जीत हासिल की है.

मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री राधाबिनोद कोइजम सहित मणिपुर के प्रमुख राजनेताओं के नेतृत्व में 2003 में अस्तित्व आए जनता दल (यूनाइटेड) पिछले दो दशकों से एक भी सीट नहीं जीती थी. इस बार जनता दल (यूनाइटेड) ने 36 प्रत्याशी उतारे हैं. पार्टी का आधार मणिपुर में रहा है लेकिन पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में विफल रही थी.

भाजपा समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ जाएगी, एनपीपी की मदद नही ले सकती: एन. बीरेन सिंह

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हेनगांग निर्वाचन क्षेत्र जीतने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि वह अपनी जीत के लिए आभारी हैं. साथ ही कहा कि भाजपा अपने सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की मदद नहीं ले सकती है, जिसके साथ तनावपूर्ण संबंध हैं.

पत्रकारों को संबोधित करते हुए, बीरेन ने कहा, ‘मैं ठीक से प्रचार करने में असमर्थता के बावजूद मुझे बड़ी जीत का आश्वासन देने के लिए हेनगांग निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का बहुत आभारी हूं. आपने मुझ पर जो भरोसा और प्यार बरसाया है, वही कारण है कि मैं आज हूं.’

उन्होंने कहा कि भाजपा समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन एनपीपी की मदद नहीं ले सकती. उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार पूर्ण बहुमत मिलने पर भी समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ जाएगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम इस बार एनपीपी के साथ जाएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘मैं भाजपा को मिले जनादेश के लिए राज्य के लोगों को भी धन्यवाद देता हूं. पिछले कुछ वर्षों में कमियां हो सकती हैं लेकिन हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि इस बार हम ग्रामीण क्षेत्रों और पहाड़ी जिलों में विकास में असमानता जैसे कई मुद्दों में अंतराल को पाटने के अपने प्रयास को दोगुना करेंगे, हम केंद्र सरकार पर भी दबाव डालेंगे कि वह इसे दूर करे. मणिपुर से आफस्पा हटाने और रोजगार के अवसर पैदा करने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे.’

मणिपुर में भाजपा का प्रदर्शन सुशासन में लोगों के भरोसे का गवाह है: मणिपुर भाजपा प्रमुख

भारतीय जनता पार्टी की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष ए. शारदा देवी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी का शानदार प्रदर्शन लोगों में उसकी स्वीकार्यता और इसके सुशासन को प्रतिबिम्बित करता है.

विधानसभा चुनाव में अब तक प्राप्त रुझानों और भाजपा के ‘संभावित’ प्रदर्शन से प्रफुल्लित पाटी की प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी न केवल अपने दम पर सरकार बनाने के लिए जरूरी सीट हासिल करेगी, बल्कि प्रतिद्ंद्वी दलों की बड़ी हस्तियों को भी परास्त करेगी.

शारदा देवी ने कहा, ‘इस बार हम उन इलाकों में भी अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हुए हैं, जहां हम पहले नहीं जीत सके थे. पार्टी ने उन क्षेत्रों की ज्यादातर सीटें जीती हैं, जिन्हें कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. यह प्रदर्शित करता है कि मणिपुर के लोगों ने हमें और हमारे शासन को स्वीकार कर लिया है.’

यद्यपि अंतिम चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा है, लेकिन उन्होंने पार्टी को राज्य में बहुमत मिलने का भरोसा जताया.

उन्होंने कहा, ‘चालीस से अधिक सीट जीतने के लक्ष्य के अलावा, हमने इस चुनाव में अन्य दलों के बड़े विरोधियों को हराने का भी लक्ष्य रखा था. मेरा मानना है कि हमने वह लक्ष्य भी हासिल कर लिया है.’

यह पूछे जाने पर कि आखिर मुख्यमंत्री कौन होगा और क्या पार्टी खुद से सरकार बनाएगी या घटक दलों को शामिल करेगी, शारदा देवी ने कहा, ‘इसका फैसला आने वाले में हमारा संसदीय बोर्ड करेगा.’

उन्होंने कहा कि एनपीएफ और एनपीपी जैसे स्थानीय दलों ने भी भाजपा को समर्थन के संकेत दिये हैं.

यह पूछे जाने पर कि वह महज तीन सीटों पर बढ़त बना रही कांग्रेस को क्या संदेश देना चाहेंगी, पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर की जनता ही राज्य के भविष्य, वृद्धि और विकास का निर्धारण करती है और निर्वाचित सदस्य केवल जनता के आदेश का पालन करते हैं. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.’

पूर्वोत्तर राज्य के 12 समर्पित केंद्रों में चल रही मतगणना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवारों सहित 265 प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला हो रहा है.

भाजपा ने राज्य के सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा है, जबकि कांग्रेस ने 53 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

कांग्रेस 2017 के चुनावों में 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी लेकिन भाजपा ने उसके चुने हुए सदस्यों को अपने पाले में मिलाकर सरकार बना ली थी.

कांग्रेस पहले ही भाकपा, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी और जद (एस) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा कर चुकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)