कोरोना वायरस संक्रमण के 2,528 नए मामले सामने आए और 149 लोगों की मौत

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,30,04,005 हो गए हैं और इस महामारी की चपेट में आकर 5,16,281 लोगों की जान जा चुकी है. विश्व में संक्रमण के 46.59 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 60.65 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,30,04,005 हो गए हैं और इस महामारी की चपेट में आकर 5,16,281 लोगों की जान जा चुकी है. विश्व में संक्रमण के 46.59 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 60.65 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली/बीजिंग: भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,528 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,30,04,005 हो गई. वहीं, उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 29,181 रह गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान देश में 149 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,16,281 हो गई.

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 46,59,55,287 हो गए हैं और इस संक्रमण के चलते दुनियाभर में अब तक 60,65,575 लोगों की मौत हो चुकी है.

भारत में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 29,181 रह गई है, जो कुल मामलों का 0.07 प्रतिशत है.

पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,618 की कमी दर्ज की गई है. मंत्रालय ने कहा कि साप्ताहिक और दैनिक संक्रमण की दरों में भी लगातार कमी देखने को मिली है. साप्ताहिक संक्रमण की दर 0.40 प्रतिशत दर्ज की गई और दैनिक दर भी इतनी ही है.

अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक कुल 4,24,58,543 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.20 प्रतिशत है. वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 180.97 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है.

महामारी से जान गंवाने वाले 149 मरीजों में से 130 केरल के थे. देश में अब तक महामारी से 5,16,281 लोगों की मौत हो चुकी है और इसमें से 1,43,762 मरीज महाराष्ट्र के थे. मौत के कुल मामलों में 67,138 मरीज केरल के थे. इसके अलावा 40,028 मरीज कर्नाटक, 38,025 तमिलनाडु, 26,145 दिल्ली, 23,492 उत्तर प्रदेश और 21,192 पश्चिम बंगाल के थे.

आंकड़ों के मुताबिक, देश में 110 दिन में कोविड-19 के मामले एक लाख हुए थे और 59 दिनों में वह 10 लाख के पार चले गए थे.

भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10 लाख से 20 लाख (7 अगस्त 2020 को) तक पहुंचने में 21 दिनों का समय लगा था, जबकि 20 से 30 लाख (23 अगस्त 2020) की संख्या होने में 16 और दिन लगे. हालांकि 30 लाख से 40 लाख (5 सितंबर 2020) तक पहुंचने में मात्र 13 दिनों का समय लगा है.

वहीं, 40 लाख के बाद 50 लाख (16 सितंबर 2020) की संख्या को पार करने में केवल 11 दिन लगे. मामलों की संख्या 50 लाख से 60 लाख (28 सितंबर 2020 को) होने में 12 दिन लगे थे. इसे 60 से 70 लाख (11 अक्टूबर 2020) होने में 13 दिन लगे. 70 से 80 लाख (29 अक्टूबर को 2020) होने में 19 दिन लगे और 80 से 90 लाख (20 नवंबर 2020 को) होने में 13 दिन लगे. 90 लाख से एक करोड़ (19 दिसंबर 2020 को) होने में 29 दिन लगे थे.

इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल 2021 को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन (19 अप्रैल 2021) का वक्त लगा और फिर सिर्फ 15 दिनों बाद चार मई 2021 को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए आंकड़ा 1.5 करोड़ से दो करोड़ के पार चला गया. चार मई 2021 के बाद करीब 50 दिनों में 23 जून 2021 को संक्रमण के मामले तीन करोड़ से पार चले गए थे. इसके बाद तकरीबन नौ महीने बाद 26 जनवरी 2022 को कुल मामलों की संख्या चार करोड़ के पार हो गए हैं.

वायरस के मामले और मौतें

मार्च महीने में कोविड-19 संक्रमण की बात करें तो एक दिन या 24 घंटे में बीते 17 मार्च को 2,539, 16 मार्च को 2,876, 15 मार्च को 2,568, 14 मार्च को 2,503, 13 मार्च को 3,116, 12 मार्च को 3,614, 11 मार्च को 4,194, 10 मार्च को 4,184, नौ मार्च को 4,575, आठ मार्च को 3993, सात मार्च को 4,362, छह मार्च को 5,476, पांच मार्च को 5,921, चार मार्च को 6,396, तीन मार्च को 6,561, दो मार्च को 7,554, एक मार्च को 6,915 नए मामले दर्ज किए गए थे.

वहीं, इस महीने में पिछले 24 घंटे के दौरान जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा देखें तो बीते 17 मार्च को 60, 16 मार्च को 98, 15 मार्च को 97, 14 मार्च को 27, 13 मार्च को 47, 12 मार्च को 89, 11 मार्च को 255, 10 मार्च को 104, नौ मार्च को 145, आठ मार्च को 108, सात मार्च को 66, छह मार्च को 158, पांच मार्च को 289, चार मार्च को 201, तीन मार्च को 142, दो मार्च को 223, एक मार्च को 180 लोगों की जान गई थी.

फरवरी महीने में कोविड-19 संक्रमण के एक दिन या 24 घंटे में सर्वाधिक 1,72,433 मामले तीन फरवरी को रिकॉर्ड किए गए और इस अवधि में सबसे अधिक 1,733 लोगों की मौत दो फरवरी को हुई थी.

इस साल जनवरी महीने की बात करें तो बीते एक दिन या 24 घंटे के दौरान कोविड-19 संक्रमण के सर्वाधिक 3,89,03,731 मामले 22 जनवरी को दर्ज किए गए थे और इस अवधि सबसे अधिक 959 मौतें 30 जनवरी को हुई थीं.

मई 2021 रहा है सबसे घातक महीना

भारत में अकेले मई 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 92,87,158 से अधिक मामले सामने आए थे, जो एक महीने में दर्ज किए गए संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं.

इसके अलावा मई 2021 इस बीमारी के चलते 1,20,833 लोगों की जान भी गई थी. इतने मामले और इतनी संख्या में मौतें किसी अन्य महीने में नहीं दर्ज की गई हैं. इस तरह यह महीना इस महामारी के दौरान सबसे खराब और घातक महीना रहा था.

सात मई 2021 को 24 घंटे में अब तक कोविड-19 के सर्वाधिक 4,14,188 मामले सामने आए थे और 19 मई 2021 को सबसे अधिक 4,529 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी.

रोजाना नए मामले 17 मई से 24 मई 2021 तक तीन लाख से नीचे रहे और फिर 25 मई से 31 मई 2021 तक दो लाख से नीचे रहे थे. देश में 10 मई 2021 को सर्वाधिक 3,745,237 मरीज उपचाररत थे.

कोविड-19: साल 2021 में किस महीने-कितने केस दर्ज हुए जानने के लिए यहां क्लिक करें.

कोविड-19 की मौजूदा लहर से निपटने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है चीन

चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जहां एक ओर कई शहरों में लॉकडाउन लगाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कोविड-19 की इस लहर से निपटने के लिए रणनीति भी तैयार की जा रही है.

चीन के सरकारी स्वास्थ्य अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के साथ की गई बातचीत के मुताबिक देश में कोविड-19 संबंधी सख्त नियमों में ढील देने की रणनीति बनाई जा रही है.

चीन के संक्रामक रोग विशेषज्ञ एवं शंघाई कोविड-19 कार्रवाई टीम के सदस्य झांग वेनहोंग के मुताबिक लोगों को टीकाकरण का महत्व समझना चाहिए और यह बात सही है कि कोविड-19 रोधी टीके की सभी आवश्यक खुराक ले चुके लोगों के गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा बेहद कम है.

झांग ने चीनी समाचार वेबसाइट काइसिन में लिखा कि लोगों को यह समझना होगा कि वायरस धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है और यदि वे टीके की सभी आवश्यक खुराक लेते हैं तो उन्हें गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा कम है.

झांग ने लिखा, ‘हमें एक बहुत ही स्पष्ट रास्ते पर चलना होगा. हमें अपना सारा समय इस बात पर बहस करने में नहीं लगाना चाहिए कि क्या हमें कोविड-19 को लेकर सख्त नियमों का पालन करना चाहिए अथवा वायरस के साथ सह-अस्तित्व के विचार को मान लेना चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)