भोपाल की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बीते सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर प्रोफेसर तपन मोहंती पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए थे. अब दो छात्राओं की शिकायत पर मोहंती के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
भोपालः मध्य प्रदेश के भोपाल की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) के छात्र-छात्राओं के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने और एक शिक्षक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के एक हफ्ते बाद गुरुवार रात को पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर तपन मोहंती के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सचिन अतुलकर ने कहा कि दो छात्रों की शिकायतों के आधार पर आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई हैं. ये दोनों ही मामले महिला थाना में दर्ज किए गए हैं.
सूत्रों का कहना है कि एनएलआईयू के लगभग दर्जनभर छात्र यूनिवर्सिटी की बस से महिला थाना गए थे, जिनमें से दो छात्राओं ने शिकायत दर्ज कराई. बताया गया है कि और भी छात्राएं पुलिस का रुख कर सकती हैं.
सूत्रों का कहना है कि महिला थाना जाने से पहले इन छात्रों ने एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से संपर्क किया था. अतुलकर का कहना है कि पुलिस शिकायतकर्ताओं का बयान दर्ज करेंगी.
वहीं, आरोपी प्रोफेसर मोहंती का कहना है कि वह इस संबंध में कानूनी कदम उठाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल मुझे मेरे खिलाफ छात्राओं द्वारा दर्ज कराई गई किसी एफआईआर के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पहले मुझे यह देखना पड़ेगा कि उन्होंने किस आधार पर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. मैं कानूनों के अनुरूप ही कानूनी कदम उठाऊंगा.’
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टूडेंट बार एसोसिएशन से जुड़े छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर मोहंती पर बीते 20 साल से छेड़छाड़ और महंगे गिफ्ट लेकर परीक्षा में अच्छे मार्क्स देने जैसे गंभीर आरोप लगते रहे हैं.
छात्रों ने मोहंती पर अपने करीबियों को गलत तरीके से टेंडर दिलवाने के भी आरोप लगाए हैं. छात्रों का यह भी आरोप है कि जिन-जिन लोगों ने मोहंती के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की है, उनका करिअर बर्बाद कर दिया गया है.
बता दें कि 11 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों से मिलने के बाद डीजीपी सुधीर सक्सेना और भोपाल पुलिस आयुक्त मकरंद देवसकर से जांच करने को कहा था.
प्रोफेसर मोहंती ने इन आरोपों को तब इन आरोपों को बेतुके आरोप बताते हुए कहा था कि वह जांच के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कथित तौर पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाने के लिए पांच छात्रों के खिलाफ रातीबड़ पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी.
मोहंती ने 10 मार्च को इस्तीफा दे दिया था लेकिन यूनिवर्सिटी को पत्र लिखते हुए कहा था कि उन्होंने छात्रों के दबाव में इस्तीफा दिया था.
सूत्रों का कहना है कि एनएलआईयू प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.
यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘फिलहाल यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर मोहंती को रिलीव नहीं किया है, जिसका मतलब है कि वह अभी भी यूनिवर्सिटी के कर्मचारी हैं. एनएलआईयू आखिरी कदम उठाने से पहले सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है.’
इससे पहले बीते हफ्ते एनएलआईयू की रजिस्ट्रार नीता गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय मामले की जांच कर रहा है.
वहीं, एनएलआईयू के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार का कहना था, ‘हमें प्रोफेसर तपन मोहंती का इस्तीफा मिला और इसे स्वीकार कर लिया. बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेने के अनुरोध के साथ एक और पत्र लिखा. हम जवाब देने से पहले इसकी वैधता की जांच कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमें उनके खिलाफ किसी छात्र की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है. चूंकि उन्होंने अपने दम पर इस्तीफा दिया, एनएलआईयू ने इसे स्वीकार कर लिया. मैं उनके त्यागपत्र की सामग्री का खुलासा नहीं कर सकता, क्योंकि यह एक आंतरिक मामला है.’