मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है. मुख्यमंत्री के साथ जिन पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें भाजपा से थोंगम बिश्वजीत सिंह, युमनाम खेमचंद सिंह, गोविंददास कोंथोजम, नेमचा किपगेन और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के आंगबो न्यूमाई शामिल हैं.
इंफाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता एन. बीरेन सिंह ने बीते सोमवार को राजधानी इंफाल स्थित राजभवन में दूसरे कार्यकाल के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
राज्यपाल ला गणेशन ने सिंह को पांच कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ दिलाई.
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू ने रविवार को राज्यपाल को एक पत्र सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि एन. बीरेन सिंह को सर्वसम्मति से 32 विधायकों वाले भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है. इसके बाद राज्यपाल ने सिंह को मणिपुर में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था.
सिंह के साथ जिन पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें भाजपा से थोंगम बिश्वजीत सिंह, युमनाम खेमचंद सिंह, गोविंददास कोंथोजम, नेमचा किपगेन और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के आंगबो न्यूमाई शामिल हैं.
शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बीरेन सिंह ने कहा, ‘मैं राज्य से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए दिन-रात काम करूंगा. मैं नशीली दवाओं से संबंधित मुद्दों को मिटा दूंगा और राज्य में सक्रिय सभी विद्रोही समूहों को भी बातचीत की मेज पर लाऊंगा.’
यह पूछे जाने पर कि मंत्रालय का विस्तार कब किया जाएगा, बीरेन सिंह ने कहा, ‘यह बहुत जल्द होगा.’
मंगलवार सुबह उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘कार्यालय में मेरा पहला दिन ईश्वर से प्रार्थना के साथ शुरू हो गया. मैंने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति का आकलन करना शुरू कर दिया है. मेरे कैबिनेट सहयोगियों और माननीय विधायकों के साथ भी बैठकें होने वाली हैं.’
My first day at office starts with a prayer to the almighty. I have started assessing the progress of various projects with the senior Govt. officials. Meetings with my cabinet colleagues and Hon'ble MLAs are lined up as well.@PMOIndia pic.twitter.com/R86cFa2g0U
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) March 22, 2022
इससे पहले राजभवन से रविवार (20 मार्च) को जारी बयान में कहा गया था कि जदयू के छह सदस्यों, कुकी पीपुल्स एलायंस के दो सदस्यों तथा एक निर्दलीय ने ‘भाजपा को बिना शर्त अपना समर्थन दिया है.’
सहयोगी एनपीएफ का पांच सीटों पर विजय मिली थी.
इससे 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 41 हो गई है और उसे दो तिहाई बहुमत मिल गया है.
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, विभिन्न दलों के नवनिर्वाचित विधायक, भाजपा नेता और वरिष्ठ नौकरशाह सहित अन्य लोग शामिल हुए थे.
इससे पहले इंफाल में 20 मार्च को विधायक दल की बैठक के बाद भाजपा द्वारा केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मणिपुर भेजी गईं सीतारमण ने कहा था कि सिंह को सर्वसम्मति से पार्टी के राज्य विधायक दल ने अपना नेता चुना.
पिछले 10 दिनों से जारी अनिश्चितता के बाद विधायक दल की बैठक और यह घोषणा हुई थी, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी नेता बीरेन सिंह और भाजपा के वरिष्ठ विधायक टी बिश्वजीत सिंह केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए दो बार दिल्ली पहुंचे, जिसे प्रतिद्वंद्वी खेमों द्वारा लामबंदी की कवायद के तौर देखा गया था. हालांकि, पार्टी के भीतर मतभेद का खंडन किया गया था.
मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है.
भाजपा ने 2017 के चुनाव में केवल 21 सीट हासिल की थी, लेकिन वह कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने में सफल रही, जिससे पार्टी के सदस्यों की संख्या 28 हो गई और बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार दूसरी बार मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर एन. बीरेन सिंह को सोमवार को बधाई दी.
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर एन बीरेन सिंह को बधाई. मुझे पूरा विश्वास है कि वह और उनकी टीम मणिपुर को विकास की नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी और पिछले पांच वर्षों में हुए सभी अच्छे कामों को आगे लेकर जाएगी.’
Congratulations to Shri @NBirenSingh Ji on being sworn-in as the Chief Minister of Manipur. I am confident his team and he would take Manipur to newer heights of progress and continue the good work done in the last five years.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 21, 2022
मणिपुर विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले एन. बीरेन सिंह ने फुटबॉल खिलाड़ी के तौर पर अपना सफर शुरू किया था और फिर सीमा सुरक्षा बल में उन्हें नौकरी मिल गई थी.
हालांकि इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा और स्थानीय भाषा के अखबार ‘नहारोल्गी थोउदांग’ के संपादक बने. सिंह यहीं नहीं रुके और दो दशक पहले वह राजनीति के मैदान में कूद गए. वह पहली बार 2002 में डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर विधानसभा के सदस्य बने.
सिंह ने पहला चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया था और 2003 में राज्य की तत्कालीन ओकराम इबोबी सिंह नीत सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री बने और वन तथा पर्यावरण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला था.
सिंह इस सरकार में इबोबी सिंह के विश्वासपात्र बने और 2007 में फिर से निर्वाचित होने के बाद सिंचाई और खाद्य नियंत्रण, युवा मामलों और खेल तथा उपभोक्ता मामलों और जनापूर्ति विभाग के मंत्री बने थे.
बीरेन सिंह 2012 में तीसरी बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन इबोबी सिंह से उनका रिश्ता बिगड़ गया था और उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के खिलाफ विद्रोह कर दिया.
बाद में उन्होंने मणिपुर विधानसभा की सदस्यता और मणिपुर प्रदेश कांग्रेस समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और अक्टूबर 2016 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)